स्तनपान एक फायदे अनेक .
'Breastfeeding cuts baby's risk of obesity ,diabetes'/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,DEC23,2011.P17
भावी माताओं के लिए यह भी जानना समझना ज़रूरी है स्तनपान करवाना न सिर्फ शिशु के स्वास्थ्यवर्धक विकास को पुख्ता करता है भविष्य में मधुमेह एवं मोटापा रोग के खतरे को भी कम करता है . डेनमार्क कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी की फेकल्टी ऑफ़ लाइफ साइंसिज़ के रिसर्चरों ने एक अध्ययन संपन्न किया है जिसके अनुसार जिन शिशुओं को पर्याप्त समय तक स्तन पान मयस्सर होता है उनकी बढ़वार और विकास का ढांचा growth pattern उन शिशुओं से बेहतर रहता है जिन्हें फोर्म्युला मिल्क ही नसीब होता है स्तन पान नहीं .स्तन पान वाले शिशु आगे चलके के भी सेहत के मामले में फायदे में रहतें हैं .बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करते हैं .
राम राम भाई !राम राम भाई !राम राम भाई !
अब बेली फेट का पता लगाने के लिए ख़ास एक्स रे -स्केन (Core Scan).
Now X-ray scan spots fat ,Warns you of obesity risk/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,DEC23,2011,P17
ईसवी सन २००८ में जुटाए आंकड़ों के मुताबिक़ अस्सी लाख भारतीय औरतें और तकरीबन चौवालिस लाख मर्द मोटापे (ओबेसिटी )की गिरिफ्त में पाए गए थे .इनका बॉडी मॉस इंडेक्स ३० किलोग्राम /वर्गमीटर से ऊपर पाया गया था .अपना तौल किलोग्राम में लिख लें और इसे अपनी हाईट को मीटर में तबदील करके उसका वर्ग लेकर तकसीम कर दें .इस प्रकार प्राप्त अंक आपका बी एम् आई कहलायेगा .इसे किलोग्राम मीटर स्क्वायार्ड में व्यक्त किया जाता है .मान लीजिए किसी का वजन (तौल )६४ किलोग्राम है और हाईट १.६० मीटर है .तब ६४/(१.६०)x(१.६०)=२५ किलोग्राम /(मीटर )(मीटर ) उसका बी एम् आई हो जाएगा .
नै प्रोद्योगिकी को नाम दिया गया है 'core scan'.यह उदर गुहा में स्थित अंगों में ज़मा फेट (visceral adipose tissue) या VAT का ,बेली फेट का पता देखते ही देखते लगा लेगी .भारत में यह प्रोद्योगिकी जिसका प्रदर्शन अभी हाल ही में रेडिओलोजिकल सोसायटी ऑफ़ नार्थ अमेरिका की सालाना बैठक में किया गया था जनवरी २०१२ से उपलब्ध हो जायेगी .
इसमें एक्स रे की non -invasive low dose ही मरीज़ को एक्स रे टेबिल पर आराम से लिटाने के बाद उसके शरीर पर डाली जायेगी .यह पूरे शरीर में कहाँ कितना फेट ज़मा है इसका जायजा लेगी .कहाँ कितना फेट टिश्यु है कितना lean tissue है ,अश्थियों में खनिज कितना है (bone mineral content )सबका पता देगी .
कौन कितना पतला छरहरा या मोटापा लिए है इसका सही कयास लगाकर मोटापे से पैदा होने वाले रोगों के खतरे का वजन मालूम किया जाएगा .इन रोगों के मूल में विसरल फेट ही है जिसे बेली फेट भी कह दिया जाता है एब्डोमिनल ओबेसिटी भी .इन रोगों में मधुमेह ,उच्च रक्त चाप (Hypertension ),मधुमेह तथा dyslipidemia और metabolic syndrome शामिल हैं .कमर का माप वेस्ट मेज़रमेंट बेली फेट का सही आकलन प्रस्तुत नहीं कर सकता है .उदर गुहा में कहाँ क्या है कितना है असल सवाल यह है .
सामान्य तौल वाले लोग भी जिनका वजन नोर्मल है विसरल फेट का ख़तरा लिए हो सकतें हैं .चमड़ी के ठीक नीचे की चर्बी सब-क्यूटएनियास फेट से निजात मिलना आसान है लेकिन बेली फेट आसानी से पिंड नहीं छोड़ता .माहिरों का यही कहना मानना है .विसरल फेट उदर के अंदरूनी हिस्सों में ज्यादा घुसा रहता है .
इसीलिए अपेक्षाकृत ज्यादा बेली फेट वालों के लिए दिल ,दिमाग की बीमारियों (सेरिब्रल स्ट्रोक ) ,डायबितीज़ और उच्च रक्त चाप का ख़तरा ज्यादा रहता है .
हमारा यकृत (Liver )बेली फेट का अपचयन करके बेली फेट को मेताबोलाईज़ करके इसे खून में घुलित चर्बी कोलेस्ट्रोल के रूप में भेज देता है .आप जानते हैं इसका दिल की सेहत के लिए खतरनाक रहने वाला हिस्सा bad cholestrol या LDL Cholestrol ही धमनियों की अंदरूनी दीवारों पर प्लाक (कचरे )के रूप में ज़मा होकर उन्हें अवरुद्ध कर देता है .
Metabolic syndrome:Its a common combination of insulin resistance and type 2diabetes with central obesity (i.e with fat distribution mainly around the waist ),high blood pressure and hyperlipidaemia.
ram ram bhai !ram ram bhai !
DEC26,2011
सेहत के नुश्खे :
HEALTH TIPS:
Pineapples have bromelain which brings relief from gout ,sinusitis,sore throat and arthritis .
अनानास है गुणों की खान इसमें मौजूद है एक ऐसा तत्व ब्रोम्लैन जो गठिया (जोड़ों का दर्द ,जो खासकर उन जगहों पर उभरता है सोजिश या सूजन के साथ जहां दो अस्थियाँ परस्पर फिट होतीं हैं .)आर्थाराइटिस (संधि वात)जहां जहां हमारी अस्थियाँ एक दूसरे से जुडी हुईं हैं जहां जहां से हम अपनी ऊंगलियों बाजुओं को मोड़ तोड़ सकतें हैं वहां वहां मय सोजिश यह दर्द लहर बनके उठता है .),साइनुसाइतिस(साइनस का संक्रमण ,दी पेनफुल स्वेलिंग ऑफ़ दी साइनस इन्फ्लेमेशन ऑफ़ ए साइनस खासकर पैरानेज़ल साइनस का संक्रमण )के अलावा गले की दुखन Sore throat(pain at the back of the mouth commonly due to bacterial or viral infection of the tonsils (tonsilitis)or the pharynx(pharyngitis) में भी राहत दिलवाता है .,अनानास .
अनार एंटी -ओक्सिदेंटों से भरपूर है .इसमें मौजूद हैं tannins ,anthocyanins,तथा polyphenols.आपको जवान बनाए रहतें हैं यह तीनों तत्व .
टेनिंन पीले कथ्थई रंग का एक यौगिक है जो कुछ पेड़ों की छालों ,कुछ पादप और पादप उत्पादों nutgall,चाय कोफी आदि में भी पाया जाता है .
anthocyanins रंजक होतें हैं .लालबैज्नी पन अनार का अनारी रंग इन्हीं पिगमेंट्स की वजह से है .
रविवार, 25 दिसंबर 2011
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2 टिप्पणियां:
राम-राम जी फ़ायदे वाली काम आने जानकारी है
Another Gyan Ganga..........
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