मंगलवार, 24 अक्तूबर 2017

'हर तरफ एतराज होता है,मैं जहां रौशनी में आता हूँ ' -ऐसे हैं जन-मन -के मोदी। मोदी क्या मोदक हैं।

'हर तरफ एतराज होता है,मैं जहां रौशनी में आता हूँ '

-ऐसे हैं जन-मन -के मोदी। मोदी क्या मोदक हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=g4nlph0H274

 क्या कर लेगा भांड मीडिया ,पहले क्या कर लिया था जो अब कर लेगा। धंधा - खोरी है बस ,घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या। फिर जिसके बीच में रात उसकी क्या बात। ये जो गाल बजा रहें हैं ख़म ठोक के अच्छे दिनों का जुमला उछाल रहे हैं ,गब्बर सिंह टेक्स कह रहे हैं जीएसटी को ,इन्हें कोई दो टके का भाव नहीं दे रहा है।

शाम होते ही ये फेस -बुक पर वैसे ही रंडी -रोना करने लगते हैं जैसे चैनलिये भौं -भौं करते हैं ,मायनो सोनिया सेन चलाती है संसद में और वो मंदमति -छोड़ो वो तो टिपण्णी के भी काबिल नहीं है। अब देखना 'गब्बर सिंह टेक्स 'का 'सूट -बूट की सरकार'जुमले की तरह   तरह 'गू ' निकालेगा।

 ये वो सख्श है जो चुनाव संपन्न हो जाने के बाद भी चुनाव पूर्व का रटा हुआ भाषण पढ़ देता है। 

एक प्रति-क्रिया फेसबुक पोस्ट :

ऐसे लड़ता है मीडिया मोदी के खिलाफ --
15 साल से अपने विपक्ष से ही नहीं, मीडिया से भी लड़ता है मोदी
आज News18 चैनल ने ये ट्वीट करके रिपोर्ट दी है,
गुजरात चुनाव का समीकरण बदल सकते हैं ये 3 चेहरे--
उसने हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकोर
के लिए लिखा है --
खबर में मीडिया अगर एनालाइज करता, तो इस वाक्य के
आगे सवालिया निशान (?) लगाता मगर ऐसा निशान नहीं
लगाया जिसका मतलब साफ़ है कि चैनल की नज़र में ये तीनो
चुनाव के समीकरण बदल देंगे --जिसका मतलब ये भी है (जैसा
चैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है) कि भाजपा के लिए ये
मुश्किल खड़ी कर देंगे --
ऐसे ही अन्य चैनल भी इन लोगों को हवा देने में लगे है और यही
इस मीडिया ने उत्तर प्रदेश चुनाव में भी किया था --कि जब
अखिलेश और राहुल ने गठबंधन कर लिया था तो मीडिया ने
ऐसा तूफ़ान खड़ा किया था कि जैसे अब तो मोदी किसी हालत
में उत्तर प्रदेश को नहीं जीत सकता --
नतीजा सबके सामने है --7 सीट पर राहुल, 47 पर अखिलेश
और 19 पर मायावती --मजे की बात है ये सुतिया मीडिया परीक्षा
केवल मोदी की लेता रहा और लेता रहता है जैसे ये कमीने सबसे
बड़े हेडमास्टर लगे हों --
अब गुजरात में कांग्रेस ने अपने सभी पुराने नेताओं को जिनमे
मोठवादिया, शक्ति गोहिल और अन्य शामिल हैं साइड लाइन कर
दिया है और इन 3 नमूनों को पकड़ लिया है --सुपारी अलग से
मीडिया चैनल्स को दे दी है जो दिन रात मोदी पर भोंकता रहेगा -
उसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी अबकी कांग्रेस के गठबंधन का
हिस्सा रहेगा --बस एक बार रोहिंग्या मुसलमानों को 21 नवम्बर
को भारत में रहने की इज़ाज़त दे दे तो फिर देखो गुजरात में
करिश्मा हो जायेगा --
कुल मिला कर आलम ये है कि विपक्षी दलों के साथ मोदी को
हर राज्य के चुनाव में मीडिया का भी सामना करना पड़ता है --
कोई ऐसा नेता मिलेगा जो इतने अवरोध झेलता हो --अभी तो
राहुल की ताजपोशी गुजरात और हिमाचल चुनाव के नतीजों
तक रुकेगी शायद --क्यूंकि अगर ताजपोशी होते ही हार हो
गयी तो बड़ी बेसती ख़राब हो जाएगी --
मगर एक बात याद रहे मीडिया के बारे में --ये पर्ले दर्जे के
बेशर्म प्रेस्टीट्यूट ही हैं और हरकतों से तो बिलकुल सिद्ध भी कर देते कि उच्चतम स्तर की प्रेस्टीट्यूट हैं। --

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