रविवार, 11 अक्टूबर 2015

लालू जैसे लोग जब बोलते हैं तो हमारे सामाजिक पर्यावरण में एक खलबली सी मच जाती है यानी जो खल है वह बली हो जाता है

लालू जैसे लोग जब बोलते हैं तो हमारे सामाजिक पर्यावरण में एक खलबली सी मच जाती है यानी जो खल है वह बली हो जाता है। लालू रेडमीट के समर्थन में उतर आते हैं ,जबकि रैडमीट का सेवन कार्बन उत्सर्जन को बढ़ाता है ,जो ग्लोबल वार्मिंग का एक ख्यात कारण बना हुआ है।

वह जब भी बोलते हैं अपवित्र बोलते हैं ,पूतना हैं वह (पूत ना ). जो अपवित्र सोचता है अपने लिए सोचता है वह सबसे बड़ा खल है। खली है खलबली है। सबसे बड़ा दैत्य खल है। हिरण्यकशिपु नहीं है सबसे बड़ा दैत्य। खलबली का एक ही तोड़ है बजरंगबली। बजरंबली का अर्थ है ज्ञान। बजरंगबली  का अर्थ है समाधान।

पूतना का एक अर्थ है अविद्या। जो असत्य को सत्य बतलाये वह पूतना है। लालू पूतना हैं वह कहते हैं हिन्दू बीफ खाता है। विदेशों में बसा भारत का आदमी बीफ खाता है।

बाड़े खल बहु ,चोर जुआरा ,जो लम्पट परधन पर वारा ,

 माँ नहीं मातु ,पिता नहीं देवा ,साधुन संग करावे सेवा ,

 जिनके ये आचरण भवानी ,ते जानो निसिचर सम प्राणि।

कोई टिप्पणी नहीं: