कुड टकीला मेक सम वन मीन ?इज इट पोसिबिल देट लिकर मेक सम वन एंग्री ?
टकीला भी दूसरी ड्रिंक्स की तरह ही है इसमें ऐसा जादुई कुछ नहीं है अलबत्ता एक मिथ बना हुआ है यह हेलुसिजेनिक है .ऑडियो /विज्युअल /आल्फेक्त्री फेकल्टी यानी दृश्य श्रव्य ,गंध सम्बन्धी किसी भी मुगालते की वजह टकीला नहीं बनती है .इट इज नोट हेलुसिनोजेनिक ।
अलबत्ता एल्कोहल लेने के बाद हमारा खुद पर से नियंत्रण शमित हो जाता है ,नी जर्क रियेक्शंस ,बिना विचारे ,तौलेहम कुछ भी बोल ज़रूर सकतें हैं ।
एल्कोहल इन जनरल डिप -रेस्सिज अवर इन्हिबिसंस ।
दबी हुई बात मुह से निकल जाती है .विरेचन हो जाता है दमित भाव जगत का .ऐसे मैं कुछ काम ऐसे भी कर सकतें हैं जो सामान्यतया हम करने की नहीं सोच सकते .
टी
शनिवार, 2 अप्रैल 2011
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