बुधवार, 20 अप्रैल 2011

अल्ज़ाइमर्स:वैकल्पिक चिकित्सा की भूमिका ?

कई औषधीय पादपों से प्राप्त मिश्र (हर्बल मिक्स्चर्स ),विटामिन और कई और सम्पूरणों को बोध सम्बन्धी ज्ञान और स्वास्थ्य संवर्धक(बल बुद्धि वर्धक ) और अल्ज़ाइमर्स को मुल्तवी रखने वाला जोर शोर से प्रचारित किया जाता है ,नेशनल इंस्टिट्यूटस ऑफ़ हेल्थ ने माहिरों के द्वारा इसकी पड़ताल के लिय जो अधययन करवाया है उसके अनुसार -
"विटामिन -बी ,सी तथा ई ,फोलिक एसिड और बीटा -कैरोटिन लेते रहने से कोई लाभ नहीं मिलता है ,इसके समर्थन में कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है ।"
ओमेगा -थ्री फेटि -एसिड्स :कुछ आंकड़े ज़रूर हैजो मच्छी के तेल से प्राप्त इन वसीय अम्लों की वकालत करते प्रतीत हुए हैं लेकिन कोई भी पुख्ता साक्ष्य इस बाबत नहीं मिले हैं ,इसके सेवन से बोध -क्षय (कोगनिटिव डिक्लाइन )से बचा जा सकता है ।
विटामिन -ई :कई काया चिकित्सक अल्ज़ाइमर्स से बचावी उपाय के रूप में इलाज़ के बतौर भी विटामिन -ई की बड़ी खुराकें नुश्खे में लिख देतें हैं -इस प्रिस्क्रिप्शन का आधार वह संघीय अनुदान से चलने वाला अध्ययन रहा जिसमे बतलाया गया था -"विटामिन -ई "रोज़ मर्रा के कामों को करते रहने की क्षमता के ह्रास को तथा रेज़िदेंशियाल देखभाल में रखे जाने को चंद महीनों के लिए मुल्तवी ज़रूर रखवा सकता है .
लेकिन इसके बाद के अध्ययनों ने इसकी बड़ी खुराकें लेते रहने को मौत के जोखिम को बढाने वाला बतलाया है .
किसी भी व्यक्ति को अपने आपसे विटामिन -ई का सेवन नहीं करना चाहिए .केवल डॉक्टरी देख रेख में ही इनका सेवन करना चाहिए ।
गिन्कगो :यह इक पादप सार है (प्लांट एक्सट्रेक्ट है ),जन- विश्वाश है ,इसमें मौजूद तत्व अल्ज़ाइमर्स रोग में फायदा पहुंचा सकतें हैं ।
लेकिन "एन आई एच "से अनुदान प्राप्त एक लार्ज स्टडी में इस आशय को पुष्ट करने वाले ,कोई प्रमाण नहीं मिले ,पता चला, न बचाव के बतौर और न ही इलाज़ के बतौर इसका कोई लाभ मिलता है ।
हुपेर्ज़िने -ए :
यह - एक प्रकार का चीनी पौधा है (चाइनीज़ मोस )समझा जाता है इसका सार (सत,एक्सट्रेक्ट )अपने असर में अल्ज़ाइमर्स में स्तेमाल होने वाली कुछ दवाओं (कॉलिन -एस्तिरेज़ )जैसा असर रखता है लेकिन "फेड्रलीफंडिड एक लार्ज स्टडी "से इसकी पुष्टि नहीं हुई है ,माइल्ड टू मोडरेट अल्ज़ाइमर्स डिजीज के इलाज़ में इसे असरकारी नहीं पाया गया है .
बुद्धि वर्धक ,संग्यानाताम्क क्षमताओं को बढाने वाले बतलाकर ,इन दिनों कई नुश्खों को "कोगनिटिव हेल्थ "के लिए बहु -प्रचारित किया जा रहा है ,लेकिन ध्यान रहे ,ये तमाम नुश्खे अल्ज़ाइमर्स तथा अन्य मेडिकल कंडी- संस के लिए ली जा रही दवाओं के असर में खलल डाल सकती है ,व्यवधान पैदा कर सकतीं हैं इन दवाओं के साथ लिए जाने पर .इसलिए कुछ भी नया आजमाने से पहले सोच लें विमर्श करलें अपनी हेल्थ के-यर टीम के साथ ,इनमे निहित खतरों को भांप लें .
(ज़ारी...).

4 टिप्‍पणियां:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

जाट देवता की राम-राम,
पता नहीं आप का ब्लाग कैसे मिला,
बहुत-बहुत जानदार जानकारी का खजाना है यहाँ तो?

virendra sharma ने कहा…

jaise bhi mila bhaaisahib !hamaaraa to hauslaa bdhaa gyaa .
shukriyaa zanaab kaa !
veerubhai .

SANDEEP PANWAR ने कहा…

राम-राम जी,
अब तो आना-जाना लगा रहेगा।

virendra sharma ने कहा…

Utsaah vardhak hai aapkaa prastaav .
aane jaane par ek shair sunlo bhaaisaahib !
"main uske ghar nahin jaataa ,vo mere ghar nahin aataa ,
magar in ehtiyaaton se taalluk mar nahi jaataa hai ."
EHTI -YAAT-ON :saavdhaaniyaan (precautions ).
TAALLUK:sambandh ,Relation .
I do not visit his house nor does he ,but we remain for each other as ever .With Regards .veerubhai .