मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

हिस्टीरिया (ज़ारी ...).

मानसिक दुःख भोग पीड़ा की अभिव्यक्ति ,प्रकटीकरण अलग अलग संस्कृति और सभ्यताओं में अलग तरीके से हुआ है .ओमान में दौरे की वजह दुष्ट आत्माओं द्वारा सताए जाने को माना गया है ,हिन्दुस्तान में प्रेत बाधाओं द्वारा तंग करना सताना ,दुष्ट आत्मा का भटकाव और अपने स्वजनों से कुछ चाहते रहना ,बारहा आकर दुःख भोग देकर ।
बालाजी (राजस्थान जातें हैं कितने ही लोग भूत -प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए ,प्रेत उतरवाने ,लोक विश्वाश ही कुछ ऐसा है )।
कुछ औरतों को बाल खोलकर सिर हिलाते बेतरह देखा जा सकता है बालाजी में .हाथ पैर सिर में जलन महसूस करता है असरग्रस्त व्यक्ति .कांपनाबेहिसाब फड-फडाना ,दिल की धड़कन का बढना दूसरे आम कायिक लक्षण देखे जातें हैं कथित प्रेत बाधा ग्रस्त व्यक्ति में .
वन स्टडी ऑफ़ ब्रिटिश वेटरंस फाउंड देट ओवर दी कोर्स ऑफ़ दी २०एथ सेंच्युरी ,पोस्ट ट्रौमेतिक डिस -ऑर्डर्स डिड नोट डिस -एपियर ,बट रादर चेंज्ड फॉर्म :दी गट रिप्लेस्ड दी हार्ट एज दी मोस्ट कोमन लोकस ऑफ़ वीकनेस .
हिस्टीरिया की व्याप्ति और रोग का लगातार सदियों से बने रहना इस और इशारा करता है -हिस्टीरिया एक सहज अनुक्रिया है ,रेस्पोस्न्स है "थ्रेट परसेप्शन के लिए ".थ्रेट के प्रति ।
ऐसे में पेरेलिसिस जैसे लक्षणों का आना दिखना एक आमान्य परिस्थिति के प्रति कोई अनसुनी अनदेखी बात नहीं है .(रात को अचानक आँखों पर हेड लाईट पड़ते ही हिरनों या फिर नील गाय का भागना देखा है आपने ,कुछ कुछ ऐसा ही यहाँ हो रहा हो सकता है ).एक भय की व्याप्ति और उसके प्रति एक सहज अनुक्रिया ।
हिस्टीरिया को लेकर साइंसदान सहमत हैं :इस एक बात पर जितना जाना जा चुका है उससे ज्यादा जानना अभी बाकी है .शुरुआत हो चुकी है धुंध से बाहर आने की ।
"(समाप्त )."-नहीं इसे भी शुरुआत ही माना जाए ।
४३,३०९ ,सिल्वर वुड ड्राइव ,केंटन ,मिशिगन -४८ १८८ -१७८१ (यूएसए )

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