नेत्रश्लेष्मला शोथ आँख के स्वच्छमंडल और बीनाई पे भी भारी पड़ रही है मुंबई में
आँख का एक संक्रामक रोग होता है जिसमें आँखों में सूजन आ जाती है दर्द भी होता है .यही नेत्रश्लेश्मला
(conjuctivia)का संक्रमण है Conjunctivitis है .विषाणु से पैदा नेत्रश्लेश्मला ज्यादा गंभीर और तीव्रता लिए
रहती है . फैलती तेज़ी से है .इसीलिए बचाव में ही बचाव है .
छूतहा विषाणु Adenovirus जो आम सर्दी जुकाम की वजह बनता है .उसी की एक स्ट्रेन Adenovirus -8 आँख
की ऐसी दुखन और सोजिश ,लाली की वजह बन रही है जो न सिर्फ महीनों बनी रह सकती है .बीनाई को भी
कमज़ोर बना सकती है .बीनाई जा भी सकती है गलत इलाज़ होने पर .आँख का स्वच्छ पटल क्षतिग्रस्त हो
सकता है .
आँख के इसी स्वच्छ मंडल बाहरी पारदर्शी रक्षक आवरण कार्निया को अक्सर निशाने पे लेती है यह आँख की
दुखदाई दुखन
कनजंकटीवाइटिस .इस आवरण की सतह के अपरदन और फटन के रूप में प्रगटित होता है यह नेत्रश्लेश्मला
शोथ .
It is marked by erosion or tearing of the corneal surface .इस आवरण का यह क्षतिग्रस्त भाग, अब्रेशन देर
तक कायम रहने पर लाइलाज हो सकता है .
बचाव में ही बचाव है
STOP THAT !
(१ )संक्रमण को मुल्तवी रखने के लिए बार बार हाथ धौइए .
(२ )चेहरे पे हाथ न लगाये ऐसा करने पर विषाणु (Virus )आँख ,नाक ,मुख में प्रवेश पा सकता है .
(३ )अपने कोंटेक्ट लेंस की विशेष साफ़ सफाई रखिये .
गत तीन बरसों से बरसात के मौसम में मुंबई नगरी इस संक्रमण की चपेट में आती रही है .लेकिन इस मर्तबा
कई मुंबईकर नेत्रश्लेश्मला शोथ की ऐसी अनोखी स्ट्रेन की चपेट में हैं जो महीनों बनी रहती है .
नेत्र रोगों के माहिर (Opthalmologists ,आवथेलमालाजिस्ट )कहतें हैं कितने ही लोग इस मर्तबा Adenovirus -8
से पैदा इस नेत्र संक्रमण की चपेट में आगये हैं .
यह बहरूपिया विषाणु उत्परिवर्तित होकर अपना बाहरी आवरण जल्दी जल्दी बदलता रहता है .इसीलिए
खतरनाक रुख इख्तियार कर कोर्निया (स्वच्छ मंडल ,स्वेत पटल )को भी क्षति ग्रस्त कर सकता है .
जनवरी माह में एक तीस साला नवयुवक नेत्रश्लेश्मला की इसी किस्म की चपेट में आ गया था .अमूमन पांच
सात दिन में व्यक्ति आँखों के इस संक्रमण से बाहर आ जाता है .लेकिन जब हफ्ता बीतने के बाद भी इस युवक
को कोई आराम नहीं आया वह एक चिकित्सक के पास पहुंचा जिसने इसे एक इस्टीरोइड तजवीज़ कर दिया
.अब हालत बाद से बदतर हो गई .दूसरा हफ्ता बीतते न बीतते युवक की आँखों में भारी दुखन हुई .बीनाई भी
गिर गई .
(आगे पढ़िए दूसरी क़िस्त में ....)
आँख का एक संक्रामक रोग होता है जिसमें आँखों में सूजन आ जाती है दर्द भी होता है .यही नेत्रश्लेश्मला
(conjuctivia)का संक्रमण है Conjunctivitis है .विषाणु से पैदा नेत्रश्लेश्मला ज्यादा गंभीर और तीव्रता लिए
रहती है . फैलती तेज़ी से है .इसीलिए बचाव में ही बचाव है .
छूतहा विषाणु Adenovirus जो आम सर्दी जुकाम की वजह बनता है .उसी की एक स्ट्रेन Adenovirus -8 आँख
की ऐसी दुखन और सोजिश ,लाली की वजह बन रही है जो न सिर्फ महीनों बनी रह सकती है .बीनाई को भी
कमज़ोर बना सकती है .बीनाई जा भी सकती है गलत इलाज़ होने पर .आँख का स्वच्छ पटल क्षतिग्रस्त हो
सकता है .
आँख के इसी स्वच्छ मंडल बाहरी पारदर्शी रक्षक आवरण कार्निया को अक्सर निशाने पे लेती है यह आँख की
दुखदाई दुखन
कनजंकटीवाइटिस .इस आवरण की सतह के अपरदन और फटन के रूप में प्रगटित होता है यह नेत्रश्लेश्मला
शोथ .
It is marked by erosion or tearing of the corneal surface .इस आवरण का यह क्षतिग्रस्त भाग, अब्रेशन देर
तक कायम रहने पर लाइलाज हो सकता है .
बचाव में ही बचाव है
STOP THAT !
(१ )संक्रमण को मुल्तवी रखने के लिए बार बार हाथ धौइए .
(२ )चेहरे पे हाथ न लगाये ऐसा करने पर विषाणु (Virus )आँख ,नाक ,मुख में प्रवेश पा सकता है .
(३ )अपने कोंटेक्ट लेंस की विशेष साफ़ सफाई रखिये .
गत तीन बरसों से बरसात के मौसम में मुंबई नगरी इस संक्रमण की चपेट में आती रही है .लेकिन इस मर्तबा
कई मुंबईकर नेत्रश्लेश्मला शोथ की ऐसी अनोखी स्ट्रेन की चपेट में हैं जो महीनों बनी रहती है .
नेत्र रोगों के माहिर (Opthalmologists ,आवथेलमालाजिस्ट )कहतें हैं कितने ही लोग इस मर्तबा Adenovirus -8
से पैदा इस नेत्र संक्रमण की चपेट में आगये हैं .
यह बहरूपिया विषाणु उत्परिवर्तित होकर अपना बाहरी आवरण जल्दी जल्दी बदलता रहता है .इसीलिए
खतरनाक रुख इख्तियार कर कोर्निया (स्वच्छ मंडल ,स्वेत पटल )को भी क्षति ग्रस्त कर सकता है .
जनवरी माह में एक तीस साला नवयुवक नेत्रश्लेश्मला की इसी किस्म की चपेट में आ गया था .अमूमन पांच
सात दिन में व्यक्ति आँखों के इस संक्रमण से बाहर आ जाता है .लेकिन जब हफ्ता बीतने के बाद भी इस युवक
को कोई आराम नहीं आया वह एक चिकित्सक के पास पहुंचा जिसने इसे एक इस्टीरोइड तजवीज़ कर दिया
.अब हालत बाद से बदतर हो गई .दूसरा हफ्ता बीतते न बीतते युवक की आँखों में भारी दुखन हुई .बीनाई भी
गिर गई .
(आगे पढ़िए दूसरी क़िस्त में ....)
5 टिप्पणियां:
समुचित जानकारी से युक्त लेख .... धन्यवाद
बेहद उपयोगी जानकारी,ये रोग बहुत ही परेशान करते है एक सप्ताह तक.
सर जी ,कनजंकटीवाइटिस से जुड़े
बहुतायत सन्दर्भों को बखूबी प्रस्तुत
करती ज्ञान गंगा का सुन्दर प्रवाह
उपयोगी जानकारी ...
आभार ...
बहुत उपयोगी जानकारी..
एक टिप्पणी भेजें