
अगर सरकार इटली के साथ हुए गुप्त मौखिक या लिखित समझौते को जग ज़ाहिर कर दे तो सरकार के लेने के देने पड़ जायेंगे .बेशक इटली के लोग हमारे ख़ास मेहमान हों उनका हर धत कर्म हम बर्दाश्त करते आयें हों लेकिन इस मर्तबा जन मानस को संकेत यह गया भारत के लोगों की विदेशियों द्वारा हत्या करके साफ़ बचा जा सकता है .सरकार कितनी बे -शर्मी से कह रही है इटली के नौसैनिक आराम से इटली के दूतावास में मज़े से रहेंगे .उन्हें फांसी नहीं होगी .सरकार उनपे मुकदमा चलायेगी तो उनकी अदालत में पेशी भी होगी .उन्हें पुलिस रिमांड पे भी लिया जाएगा .कानूनन उन्हें कमसे कम दस साल की सजा भी हो सकती है माहिरों के अनुसार लेकिन यहाँ तो क़ानून मंत्री ही क़ानून में सेंध लगाके विकलांगों की बैसाखी भी चट कर जाते हैं और अपनी इस हाथ की सफाई के लिए विदेश मंत्री का पद भी पा जाते हैं .अब यही विदेश मंत्री कूद फांद मचा रहें हैं अपनी पीठ ठोक रहें हैं .कहा जा आरहा है इटली वाले डर गए . जबकि कानूनी प्रक्रिया की धज्जी कौन उड़ा रहा है यह जग ज़ाहिर है .
"मेहमाँ जो हमारा होता है वह जान से प्यारा होता है" और फिर मेहमान इटली का हो तो फिर बात ही क्या सरकार लाल कालीन बिछाएगी उनके स्वागत में पलकों पे बिठाए फिरेगी .आखिर सारा प्रबंध इटली का ही तो है यहाँ .
इटली के ही पास गिरवीं है भारत की नाक .
4 टिप्पणियां:
वाह! बहुत ख़ूब!
सब कुछ किसी योजना से कम नहीं लगता ....
अतिथि मानकर आवाभगत कर ली जाये तब।
ये मारा पापड़वाले को।
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