सुप्रभात दोस्तों !राहुल गांधी का ताज़ा वक्तव्य कांग्रेसी पैंतरा है मोदी से लोगों का ध्यान हटाने की नाकामयाब जुगत है आपका क्या कहना है इस विषय में ?
ANYTHING HAVING GANDHI FAMILY DNA IS FIT TO RULE INDIA
THIS IS THE ESSENCE OF A CARTOON IN MUMBAI MIRROR
WHICH DEPICTS -
PLACARDS SHOWING -GALL BLADDAR (GB)FOR HEALTH MINISTER /GB FOR PARTY PREZ
PRIYANKA GANDHI'S GB IS SITTING ON THE HOT SEAT
BELOW RB IS SHOWING ANOTHER PLACARD ON WHICH IS WRITTEN -
"NOW YOU KNOW WHY I DON'T WANT TO MARRY AND HAVE KIDS!
चर्चे और चरखे
आमोदी दादी दुखी, जा दोजख में देश |
पोते को लेता फँसा, पी एम् पद की रेस |
पी एम् पद की रेस, मरे क्या सारे नेता |
क्यूँ नेहरू की रेस, मिटाए बबलू देता |
रे पोते नादान, खिलाया तुझको गोदी |
झटपट करले व्याह, छोड़ मोदी आमोदी | --------------कुंडलीकार कविवर
रविकर
मम्मी के मन और है ,मेरे मन कुछ और
राहुल बाबा का ताज़ा बयान- मैं शादी नहीं करूंगा ,की, तो वंश पोषण में
लग जाऊंगा साथ में यह कहना मैं तो ऊपर से आया हूँ और चाहता हूँ
कोंग्रेस में प्रजातंत्र लौटे काबिल लोग नीचे से ऊपर आयें .हाई कमान नाम
की संस्था का विलोप हो ,फैसले कोई केंद्रीकृत कमान न ले ,प्रजातांत्रिक
हों ,कांग्रेसी घाघों का पैंतरा है .
इस राजनीतिक कौशल की बुद्धि उनके पास नहीं है .जो उन्हें सिखाया
गया है वही उन्होंने कह दिया है यही क्या कम है .
(यह मंदमति बालक इतनी दूर की नहीं सोच सकता ).कब इस ढोंग की
(ढोल की पोल )खुल जाए इसका कोई निश्चय नहीं .फिलाल पहला काम
मोदी के
बढ़ते दवाब को रोकना है .घाघ कांग्रेसियों ने यही सिखाया होगा ,कि ऐसा
वक्तव्य दे दो .पता नहीं कितनी देर लगाई होगी इस वक्तव्य को रटने
और कहने में .बहरहाल यह उनका अपना मामला है .जब हाई कमान भी
लिखकर बोलतें हैं तो इसमें राहुल गांधी का क्या कुसूर .खैर जो कुछ बोला
है ठीक बोला है ,जब तक इसके पीछे की कहानी खुलती नहीं .
बतलादें आपको यह मोदी की दिनानुदिन बढ़ती लोकप्रियता से लोगों का
ध्यान हटाने की कांग्रेसी गुर्गों की सोची समझी चाल है .
बाबा राहुल कह रहें हैं -"मम्मी के मन और है ,है मेरे मन और "मम्मी तो
चाहतीं हैं मैं प्रधानमन्त्री बन जाऊं ,मैं इस दौड़ में नहीं हूँ .
राहुल गाँधी की शादी और प्रधानमंत्री का पद .. चर्चा के लिए इसके अलावा पूरे देश में क्या है ? बाकी सारे बुनियादी मुद्दे तो लड्डू-बताशे हो गए ...
मम्मी के मन और है ,मेरे मन कुछ और
राहुल बाबा का ताज़ा बयान- मैं शादी नहीं करूंगा ,की, तो वंश पोषण में
लग जाऊंगा साथ में यह कहना मैं तो ऊपर से आया हूँ और चाहता हूँ
कोंग्रेस में प्रजातंत्र लौटे काबिल लोग नीचे से ऊपर आयें .हाई कमान नाम
की संस्था का विलोप हो ,फैसले कोई केंद्रीकृत कमान न ले ,प्रजातांत्रिक
हों ,कांग्रेसी घाघों का पैंतरा है .
इस राजनीतिक कौशल की बुद्धि उनके पास नहीं है .जो उन्हें सिखाया
गया है वही उन्होंने कह दिया है यही क्या कम है .
(यह मंदमति बालक इतनी दूर की नहीं सोच सकता ).कब इस ढोंग की
(ढोल की पोल )खुल जाए इसका कोई निश्चय नहीं .फिलाल पहला काम
मोदी के
बढ़ते दवाब को रोकना है .घाघ कांग्रेसियों ने यही सिखाया होगा ,कि ऐसा
वक्तव्य दे दो .पता नहीं कितनी देर लगाई होगी इस वक्तव्य को रटने
और कहने में .बहरहाल यह उनका अपना मामला है .जब हाई कमान भी
लिखकर बोलतें हैं तो इसमें राहुल गांधी का क्या कुसूर .खैर जो कुछ बोला
है ठीक बोला है ,जब तक इसके पीछे की कहानी खुलती नहीं .
बतलादें आपको यह मोदी की दिनानुदिन बढ़ती लोकप्रियता से लोगों का
ध्यान हटाने की कांग्रेसी गुर्गों की सोची समझी चाल है .
बाबा राहुल कह रहें हैं -"मम्मी के मन और है ,है मेरे मन और "मम्मी तो
चाहतीं हैं मैं प्रधानमन्त्री बन जाऊं ,मैं इस दौड़ में नहीं हूँ .