रविवार, 24 मार्च 2013

यूं समझो ये फाग सजी है -डॉ वागीश मेहता

बुरा न मानो होली है 


यूं समझो ये फाग सजी है -डॉ वागीश मेहता 


कुर्सी पर बैठा है बन्दर ,

कुर्सी नीचे आग लगी है .

चेहरे पर कोई शिकन नहीं है ,

कैसी सुन्दर पाग सजी है .


हिम्मत उसकी दाद के काबिल ,

चुप्पा  मारे गुप्प बैठा है .

बिना नाम के मुंह पर ताला ,

कुछ तो रिश्ता खूंटे का है .


यह तो बंधक है कुर्सी का ,

इसका मालिक  बड़ा सयाना .

सारे अधिकार ,न जिम्मेदारी ,

दोनों हाथों माल खज़ाना .


जिस दिन आंच तपेगी बढ़कर ,

कुर्सी होगी आग हवाले .

खूंट समेत गिरेगा बन्दर ,

भाग जायेंगे खूंटे वाले .

कैसी कुर्सी ,कौन है बन्दर ,और कौन सी आग लगी है ,

अपने मन के अर्थ लगालो ,यूं समझो यह फाग सजी है .

प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरू भाई )

11 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

अनुमान क्या जी? ये तो पक्का ताऊ ही है.:)

होली की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

Arvind Mishra ने कहा…

लो ताऊ ने समस्या पूर्ति कर दी :-)

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

सर जी, "दर-दर बन्दर घूम रहें हैं ,दारू
पी के झूम रहे हैं,बंदर बाट का खेल
मचा है,मुल्क की इज्जत लूट रहे हैं
,चर्चामंच पर बोल के धावा,ले हाथ में
बोतल झूम रहे हैं ..."
होली की हार्दिक शुभकामनायें

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बुरा न मानो होली है..

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,छिपा हुआ सार्थक सन्देश.

अशोक सलूजा ने कहा…

अच्छी फ़ाग सजाई है ...
बुरा न मानो होली आई है ...
मेरे वीरू भाई आप सब को होली की बधाई |
शुभकामनायें!राम-राम !

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

आपकी यह प्रवृष्टि आज दिनांक 25-03-2013 को सोमवारीय चर्चामंच-1194 पर लिंक की गयी है। सादर सूचनार्थ

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

आपकी यह प्रवृष्टि आज दिनांक 25-03-2013 को सोमवारीय चर्चामंच-1194 पर लिंक की गयी है। सादर सूचनार्थ

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत उम्दा प्रस्तुति ,,बधाई जी
होली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाए
Recent post : होली में.

राहुल ने कहा…

कैसी कुर्सी ,कौन है बन्दर ,और कौन सी आग लगी है ,
अपने मन के अर्थ लगालो ,यूं समझो यह फाग सजी है ..
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सुन्दर और शानदार ..
होली की शुभकामनाएं ....