मनोरोग निदान विषयक निर्देश पुस्तिका (Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders)DSM-V इन दिनों खबरों में तथा मनोरोगों के माहिरों के विमर्श के केंद्र में बनी हुई है .आखिर ऐसा क्या है इस पुस्तिका में इसकी चर्चा हम थोड़ा बाद में करेंगें पहले यह बतलादें आपको यह DSM है क्या ?
MANUAL OF CONTROVERSY आखिर इसे क्यों कहा जा रहा है ?
अमरीकी मनोरोग संघ मनोरोगों के परिचालन सम्बन्धी एक निर्देश पुस्तिका का प्रकाशन करता आया है .पूर्व में इसके चार संस्करण आ चुकें हैं यह पांचवां है इसमें मनोरोगों का व्यापक विवरण ,मनोरोगों के लक्षण तथा रोग निदान से सम्बन्धी अन्य मानक (मापदंड या कसौटी )की विस्तार से चर्चा की जाती है .हर संस्करण में कुछ न कुछ नया ज़रूर होता है .मसलन DSM-IV से पहले डिप्रेशन को स्वतंत्र रोग का दर्जा हासिल नहीं था आनुषांगिक लक्षणों में ही इसकी गिनती अन्य रोगों के साथ होती थी .
कोशिश यह रहती है रोग निदान का एक सर्वमान्य तरीका हो एक से दूसरे मनोरोगों के माहिर या मनोवैज्ञानिक सलाहकार तक पहुँचने पर इसमें रद्दोबदल देखने में न आये .
इस मर्तबा इसमें कुछ नै बातें जोड़ी गईं हैं जिनपे ज़ोरदार विमर्श माहिरों में चल रहा है .
अमरीकी मनोरोगों के माहिर तथा DSM -IV के प्रणेता रहे एक माहिर (Allen Frances)के अनुसार पहली मर्तबा ऐसा हुआ है कि -
(१)Temper tantrums को एक मानसिक विकार के तहत DSM-V रखा गया है .
(२)अब नौनिहालों को भी इसकी दवा दी जायेगी .दी जा सकती है किशोर किशोरियों को भी इसके लक्षण मिलने पर .
(३)किसी प्रिय के निधन से या किसी और सदमे से पैदा गहरे शोक को अब Major depressive disorder में रखा जाएगा .
(४)बुढ़ापे में याददाश्त क्षय ,भूलने की आदत को Neurocognitive disorder माना जाएगा .
(५)पेटू पना ,(Excessive eating 12 times in three months will be binge eating disorder )मनोविकार के तहत आयेगा .
(६)ज़रुरत से ज्यादा वयस्क रोग निदान के बाद अब adult attention deficit disorder के तहत आजायेंगे .
(७)DSM-V may exclude Asperger syndrome , a form of autism .इस सिंड्रोम को मनोरोगों के दायरे के बाहर रखा जाएगा .
(८ )व्यवहार (आदत )सम्बन्धी लत को भी अब मनोरोग माना जाएगा .इनमें शामिल होंगे इन्टरनेट और सेक्स एडिक्शन .
According to Frances 'behavioral addictions 'will lead to over- diagnosis of internet and sex addiction.Also DSM-V can lead to over -diagnosis of adult attention deficit disorder .
(9)अभिनव निर्देश पुस्तिका में Generalized anxiety तथा आम चिंताओं को भी विशेष स्थान दिया गया है .
(१ ० )माहिरों ने आशंका जतलाई है ,नै निर्देश पुस्तिका डीएसएम-५ post traumatic stress disorder का गलत रोग निदान (misdiagnosis )प्रस्तुत कर सकती है .
मनोरोगों की रोगनैदानिक सलाहकार एक माहिरा Dr Rochelle Suri कहतीं हैं डीएसएम-५ में सूचनाओं का दायरा बहुत सीमित है किसी एक या चंद कायिक लक्षण/लक्षणों के आधार पर एक मनोरोग होने की पुष्टि नहीं की जा सकती .
Dr Harish Shetty from L H Hiranandani Hospital said :"Treatment modalities should focus on the narratives of life and not presentation of somatic symptoms alone .A clear diagnosis should be viewed as a trailer and not the movie that needs treatment.
भारत के सन्दर्भ में डीएसएम-५ को कितना महत्व दिया जाए ?
पारकर डीएसएम५ को महत्व देते हुए कहते हैं इसमें सांस्कृतिक सन्दर्भ की अनदेखी नहीं की गई है रोग निदान में सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि को भी शामिल किया गया है .
भारतीय मनोचिकित्सा संघ ने एक कार्य बल का भी इस बाबत गठन किया है जो डीएसएम-५ के बाबत अपनी सिफारिशें परस्पर गहन विमर्श के बाद रखेगा .
डॉ बी एन गंगाधर इस कार्यबल में शरीक रहे हैं .आप नेशनल इंस्टिट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसिज़ बेंगलुरु में प्रोफ़ेसर हैं .बकौल आपके डीएसएम-५ खासकर उन चिकित्सकों के लिए उपयोगी है जो शोध कार्य में मुब्तिला हैं .यह निर्देश पुस्तिका एक ख़ास सन्दर्भ मुहैया करवायेगी .
साथ ही आप कहतें हैं भारत में मनोरोगों का निदान विश्वस्वास्थ्य संगठन के समान्तर स्केल ICD (International Classification of Diseases )के आधार पर किया जाता है न कि डीएसएम के .
सूरी डीएसएम के बाबत कहतीं हैं भारत के महानगरों में यह इसी लिए लोकप्रिय हो रही है यह तुरता रोगनिदान और फ़टाफ़ट इलाज़ प्रतुत करती है .शहरी यही चाहता है .लेकिन भारत के ग्रामीण अंचलों का सामाजिक ढांचा जुदा है .यहाँ पश्चिमी प्रभाव कमतर हैं .यहाँ डीएसएम आप नहीं आजमा सकते .
Parker said each DSM has brought about debate and changes while Shetty viewed it as flexing of muscles .
"DSM -V is an aggressive campaign for space and more power for psychiatry in a world where physical illnesses are the empreors,"Shetty said.
Eat or surf a lot ?You risk being labelled mentally ill
Fears Of Pharma Influence On Psychiatry Manual
अंग्रेजी अखबार टाइम्स आफ इंडिया की यह आज पहली खबर बनी है .ज़ाहिर है इस अभिनव निर्देश पुस्तिका के पीछे बड़े बड़े दवा निगमों का प्रच्छन्न हाथ मिलीभगत देखी जा रही है .जो हो निर्देशिका मनो रोगों के संचालन की विवादित हो गई है .
मनोरोगों के संचालन की नव -निर्देशक पुस्तिका दवा निगमों की साज़िश ?
साथ में पढ़िए -
आरोग्य प्रहरी
(१)क्या आप आधा सीसी के पूरे दर्द से परेशान हैं .रात को आठ घंटों की निर्बाध निद्रा ,स्वास्थ्यकर भोजन तथा व्यायाम सिर दर्द की तीव्रता में राहत दिलवाती है .
(२)पेट खराब होने रहने की स्थिति में अदरक की चाय से फायदा पहुंचता है बेहतर हो चाय भी बिना दूध की इस्तेमाल की जाए या बस एक दो चम्मच दूध ही एक कप में इस्तेमाल किया जाए .
(3)EXERCISE BUSTS STRESS IN KIDS
जो बच्चे एक ही जगह बैठे निष्क्रिय बने रहते हैं ,सेडेंटरी रहते हैं ,उनके स्ट्रेस से ग्रस्त होने की संभावना अपने भौतिक तौर पे उछल कूद मचाने सक्रीय रहने वाले हमजोलियों के बरक्स बढ़ी हुई रहती है .द्वाबकारी रोजमर्रा की स्थितिओं से दो चार होते वक्त इनमें स्ट्रेस होरमोन कोर्टीसोल का सैलाब आते देखा जाता है .जबकि इन्हीं हालातों में इनके भौतिक रूप से सक्रीय रहने वाले हम उम्रों में स्ट्रेस से सम्बंधित इस हारमोन के स्तर में इतनी वृद्धि नहीं देखी जाती है .पब्लिक स्पीकिंग एक ऐसी ही द्वाबकारी स्थिति होती है नौनिहालों के लिए .इस शोध को अंजाम तक पहुंचाया है हेलिसिंकी विश्वविद्यालय के रिसर्चदानों ने .
(४)THIS PEPTIDE IS A PEP-UP
WHAT MAKES US HAPPY ?FAMILY ?MONEY ?LOVE?
ज़नाब यह काम है एक पेपटाईड (HYPOCRETIN )का .शरीर में जहां यह बनता है वहां से एक न्यूरोट्रांसमीटर का काम करता है .ख़ुशी के मौकों पर यह ज्यादा बनता है गमी (दुःख ले लम्हों )में इसका स्तर कम हो जाता है।इसका स्तर बढ़ाकर लोगों की मिजाज़ पुरसी की जा सकती है मूढ़ दुरुस्त किया जा सकता है .अवसाद को भगाया जा सकता है बस मनोरोगी के दिमाग के प्रेक्षण योग्य हिस्सों में मौजूद असामान्यताओं (ABNORMALITIES )को निशाने पे लेना होगा .लक्षित करना होगा .यह शोध छनके निकली है केलिफोर्निया विश्वविद्यालय लास एंजिलीज़ कैम्पस के साइंसदानों के सौजन्य से .
(५)TOO COLD FOR CHOLESTEROL
सर्दी के मौसम में उन लोगों के लिए दिल और रक्तवाहिकाओं के रोगों का ख़तरा बढ़ जाता है जिनका कोलेस्ट्रोल हाई कोलेस्ट्रोल के स्तर के सीमान्त पर होता है ,(BORDERLINE HIGH CHOLESTEROL ) .पूर्व में ब्राज़ील के ही साइंसदानों ने पता लगाया था ,सर्दी के दिनों में हार्टअटेक के मामले बढ़ जाते हैं .अब पता चला है कोलेस्ट्रोल भी इसी पैटर्न पर चलता है .
२ २ ७ ,३ ५ ९ लोगों के लिपिड प्रोफाइल का जायजा लेने के बाद पता चला ,सर्दियों में दिल के लिए खराब समझा जाने वाला LDL CHOLESTEROL ७ मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर बढ़ जाता है .इतनी सी वृद्धि ही सर्दियों में कोलेस्ट्रोल के स्तर में ८ % का इजाफा कर देती है .
(६)अलुवेरा ज्यूस और जैल बढ़िया दस्तावर (विरेचक ,laxatives,पेट साफ़ रखने में सहायक )का काम करते हैं कब्ज़ से राहत दिलवाते हैं .
(७)अखरोट बहु-अ- संतृप्त वसाओं से लबालब हैं .दिल और धमनियों की बीमारियों से बचाव कर सकते हैं .
(८ )Coffee protects drinkers'livers
Heavy coffeee consumption may protect against liver damage in men who drink alcohol ,a new study has claimed.
Researchers asked nearly 1 9 ,0 0 0 Finnish men and women between ages 25 -74 about their coffee and alcohol consumumption ."our findings suggest a possible protective effect for coffeee intake in alcohol consumers ,"said Onni Niemela of Seinajoki Central Hospital and the University of Tampere in Finland.
(9 )Nausea drug halts tumor growth :
Scientists have discovered that the growth of brain tumors can be halted by a drug currently used to help patients recover from chemotherapy -induced nausea.New research from the University of Adelaide looked at the relationship between brain tumors and a peptide associated with inflammation in the brain , called "substance P".In the brain ,levels of substance P increase after brain injury.
फाग पे विशेष प्रस्तुति -
बुरा न मानो होली है
यूं समझो ये फाग सजी है -डॉ वागीश मेहता
कुर्सी पर बैठा है बन्दर ,
कुर्सी नीचे आग लगी है .
चेहरे पर कोई शिकन नहीं है ,
कैसी सुन्दर पाग सजी है .
हिम्मत उसकी दाद के काबिल ,
चुप्पा मारे गुप्प बैठा है .
बिना नाम के मुंह पर ताला ,
कुछ तो रिश्ता खूंटे का है .
यह तो बंधक है कुर्सी का ,
इसका मालिक बड़ा सयाना .
सारे अधिकार ,न जिम्मेदारी ,
दोनों हाथों माल खज़ाना .
जिस दिन आंच तपेगी बढ़कर ,
कुर्सी होगी आग हवाले .
खूंट समेत गिरेगा बन्दर ,
भाग जायेंगे खूंटे वाले .
कैसी कुर्सी ,कौन है बन्दर ,और कौन सी आग लगी है ,
अपने मन के अर्थ लगालो ,यूं समझो यह फाग सजी है .
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरू भाई )
2 टिप्पणियां:
हमेशा की तरह अच्छी जानकारी सर! धन्यवाद!
"आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!" :-)
~सादर!!!
एक टिप्पणी भेजें