रविवार, 3 अप्रैल 2011

व्हाट इज तेनो-रेक्सिया ?

टेनो -रेक्सिया टेनिंग पर ज़रुरत से ज्यादा निर्भरता का होना है .यह शब्द समुच्चय इसलिए चलन में आया है क्योंकि टेनिंग पर अतिशय निर्भरता तथा बॉडी इमेज डिस-टोर्शनका यह मिला जुला रूपहै , विकार है .एनारेक्सिया भी तो अपने लुक्स कद काठी को लेकर अतिशय चिंता से उपजता है जहां नाहक ही मोटे होते चले जाने का भय सालता रहता है ।टेनिंग और एनोरेक्सिया का मिश्र रूप है टेनो -रेक्सिया .
सन वर्शिपर्स ,सन बेड पर घंटों गुजारतें हैं .अल्ट्रा -वायलट टेनिंग डी -पेंडेंस ,चमड़ी को ताम्बई बनाने का चस्का लत की हदों को भी इसलिए पार कर सकता है क्योंकि अल्ट्रा -वायलेट रेडियेशन की शरीर पर देर तक बौछार पड़ते रहने पर (जो सौर विकिरण का भी इक आवश्यक घटक है ,यु वी -ए )हमारे शरीर पर इसके जैविक प्रभाव भी साफ़ साफ़ पडतें हैं .मसलन जैव -रसायन एन्दोर्फिंस का अतिशय स्राव होने लगता है जो सुखानुभूति का यूफोरिया का सबब बनता है .मैराथन रनर्स को भी रेस की समाप्ति पर इसीलिए बेहद आनंदानुभूति होती हैं .अलबत्ता यह एक एडिक्शन है जिसका इलाज़ किया जा सकता है .

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