मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

नेज़ल स्प्रे युनिवर्सल फ्ल्यू वेक्सीन की जगह ले सकता है ....

ए नेज़ल स्प्रे देट कैन बीट ओल टाइप्स ऑफ़ फ्ल्यू (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,फरवरी २२ ,२०११ ,पृष्ठ १७ )।
इक जेनेटिक रीजन जो सभी फ्ल्यू वायरसों (विषाणुओं में ) में इक समान होता है का पहली मर्तबा स्तेमाल करते हुए साइंसदानों ने इक ऐसा नेज़ल स्प्रे तैयार किया है जो इक युनिवर्सल फ्ल्यू वेक्सीन की तरह काम कर सकता है .इसकी चूहों पर आज़माइश करके देख ली गई है ।
'जनरल वाय्रालोजी 'में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इसे एडिलेड विश्वविद्यालय के साइंसदानों के नेत्रित्व में इक अंतर -राष्ट्रीय टीम ने तैयार किया है ।
आदिनांक स्वास्थ्य अधिकारी ही आइन्दा विषाणु की कौन सी स्ट्रेंन सामने आ सकती है इसका कयास लगाते आये हैं .इसी के आधार पर हर बरस इक नै फ्ल्यू वेक्सीन तैयार की जाती रही है .यह अतिरिक्त रूप से खर्चीला ,समय साध्यतथा श्रम साध्य साबित होता है .इक युनिवर्सल वेक्सीन ही इस दुष्चक्र से मुक्ति दिलवा सकती है ।
इक सरल तथा पूरी तरह से सिंथेटिक युनिवर्सल वेक्सीन जो न तो किसी इन्फ़्ल्युएन्ज़ा वायरस से व्युत्पन्न की गई हो और न ही जिसे साल दर साल री -फोर्म्युलेट करने की ज़रुरत ही रहे के अपने साफ़ साफ़ दिखने वाले फायदे हैं फ्ल्यू के खिलाफ जो फ्ल्यू के प्रसार को रोक सके .बचाव कर सके फ्ल्यू से ।
रिसर्चरों ने शोध के लिए इक ख़ास पेप्टाइड माइस(चूहों ) की नोज़िज़(नासिका से ) से डिलीवर की है .यह फ्ल्यू वायरस के इक बहुत ही छोटे से रीजन को इम्यून रेस्पोंस भेजती है .इन्फ़्ल्युएन्ज़ा वायरस -ए तथा बी सभी में यह टाइनी रीजन मौजूद रहता है .यहरीजन असरकारी तरीके से वायरस को न्युत्रेलाइज़ कर देता है ,बे -असर /निष्क्रिय /उदासीन बना देता है ।
टेस्ट वेक्सीन ने विषाणु की इक लेबोरेअरी स्ट्रेंन'एच ३ एन २ 'के प्रति जहां १००%प्रोटेक्शन दर्शाया वहीँ हाई -ली पैथोजेनिक वायरस "एच ५ एन १ "/बर्ड फ्ल्यू वायरस के खिलाफ भी २० % बचाव किया ।
व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध इन्फ़्ल्युएन्ज़ा दवाएं भी इतनी ही असरकारी साबित होतीं हैं इससे कम न ज्यादा ।
इससे इक आस बंधती है यह इक पोजिटिव रेस्पोंस है बेशक आइन्दा टेस्टिंग की गुंजाइश भी रहती है (लेबोरेटरी तथा क्लिनिकल टेस्टिंग में अभी और परीक्षण तो होने ही होने हैं .).

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