बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

कोलेस्ट्रोल का बढा हुआ स्तर तथा उच्च रक्त - चाप याददाश्त क्षय की वजह बन सकता है ....

हाई कोलेस्ट्रोल ,बीपी कैन लीडटू मेमोरी लोस (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,फरवरी २३ ,२०११ ,पृष्ठ २३ )।
वे तमाम प्रौढ़ जिनके खून में चर्बी ज्यादा घुली रहती है (हाई कोलेस्ट्रोल )तथा ब्लड प्रेशर भीजिनका सामान्य से ज्यादा रहता है और इसीलिए जो हृद्वाहिकीय (कार्डियो -वैस्क्युलर प्रोब्लम्स )से घिरे रहतें हैं उनके लिए न सिर्फ हृद रोगों का ,याददाश्त क्षय सम्बन्धी ,बोध और संज्ञानात्मक समस्याओं का जोखिम भी बना रहता है ।न्यूरो -डि -जेंरेतिव डीज़ीज़ के खतरे का वजन भी बढ़ जाता है ।
इक अध्ययन से पता चला हैवे लोग जिन्हें कार्डियो -वैस्क्युलर जोखिम ज्यादा रहता है उनका बोध सम्बन्धी प्रकार्य/कोशांक (कोगनिटिव फंक्शन )भी कम रहता है .बोध संबंधीगिरावट /संज्ञानात्मक क्षय की रफ़्तार भी ज्यादा रहती है बरक्स उनके जिनके लिए हृद रोगों का ख़तरा उतना मौजूद नहीं रहता है ।
हायर -कार्डियो -वैस्क्युलर रिस्क इज आल्सो असोशियेतिद विद ए १० -ईयर फास्टर रेट ऑफ़ ओवारोल
कोगनिटिव डिक्लाइन इन बोथ मेन एंड वोमेन कम्पेयार्ड टू दोज़ विद लोवर कार्डियो -वैस्क्युलर रिस्क ।
अध्ययन में फ्रेंच नॅशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च ,पेरिस के साइंसदानों ने ३४८६ पुरुष तथा १३४१ महिलाओं का जिनकी औसत उम्र ५५ साल रही ,दस सालों में तीन मर्तबा बोध सम्बन्धी परीक्षण (कोगनिटिव टेस्ट )किया था .

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