शनिवार, 24 जुलाई 2010

लेट एज फर्टिलिटी की और है यह सफ़र

ट्रेंड ऑफ़ हेविंग किड्स लेट कुड मेक टुमारोज़ वोमेन मोर फर्टाइल इन फोटीज़(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई २४ ,२०१० ,मुंबई ,पृष्ठ १९ )।
आज की महिला जीवन में सब कुछ हासिल करने के बाद ही परिवार बसाना सोचती है .चालीस के पार जा सकती है कलअधिकतम फर्टिलिटी की औसत उम्र .ब्रितानी माहिरों ने यही राय ज़तलाई है .
अब क्योंकि ज्यादातर औरतें चालीस के आसपास ही माँ बनने की कोशिश करतीं हैं ,ज़ाहिर है कामयाबी उन्हीं के हाथ लगती है जिनकी फर्टिलिटी देर तक कायम रहती है .लोंगर लास्टिंग फर्टिलिटी जींस की स्वामिनी ये महिलायें यही जीवन इकाइयां अपनी संततियों को स्थानांतरित करेंगी .ज़ाहिर है इससे फर्टिलिटी का औसत सौपान बढेगा .अवरेज लेंग्थ ऑफ़ फर्टिलिटी विल ग्रो एज देयर जींस विल बी पास्ड़ ऑन टू देयर चिल्ड्रेन ।
शेफ़्फ़िएल्द यूनिवर्सिटी के माहिरों ने इस अध्धय्यन को आगे बढाया है .बतलाया गया है ,पहले औरत अपेक्षाकृत जल्दी विवाह बंधन में बंध परिवार (बालक बच्चे )संपन्न कर लेतीं थीं .विधवा होने पर दूसरा विवाह रचाने के लिए खुद को बेकार (बेहद प्रौढ़ )मानने समझने लगतीं थीं ।
लेकिन इस दौर में यह चलन एक दम से उलट गया है ।
फर्तिलती खिसक कर प्रौढ़ाओं के पाले में जा रही है .
शायद इसीलिए प्राकृतिक चयन यंग एज फर्टिलिटी से खिसक कर लेट एज फर्टिलिटी की और धीरे धीरे आ रहा है ।
कई पीढ़ियों के अंतराल के बाद लेट एज फर्टिलिटी सांन चढ़ेगी ,परवान चढ़ेगी .इवोल्यूशनरी ट्रेंड उलट रहा है .

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