मंगलवार, 20 जुलाई 2010

आंचलिक रिहाइश की पड़ताल के लिए आनुवंशिक परीक्षण

आप शहर में किस अंचल से आकर बस गएँ हैं .कौन से गाँव ,कस्बा,तहसील के रहने वालें है आप?कहाँ हैं आपकी आंचलिक खानदानी जड़ें इस सबकी पड़ताल के लिए साइंसदानों ने जेनेटिक टेस्ट तैयार कर लियें हैं ।
एडिनबरा विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने डी एन ए विश्लेषण के ज़रियेआपके घर -गाँव ,रिहाइश ढूंढ निकालने का८ किलोमीटर की शुद्धता के साथ पता लगा लेने का तरीका निकाल लिया है ।
इस एवज रिसर्चरों ने उन लोगों के जींस (जीवन इकाइयों ,आनुवंशिक खण्डों )का अध्धय्यनकिया जिनके कमसे कम चार दादा -पडदादा (फ़ोर ग्रांड -पेरेंट्स )स्कोट -लैंड ,क्रोशिया (क्रोअटिया ),या फिर इटली से ताल्लुक रखते थे ।
स्वयं सेवियों में परस्पर किसी भी तरह का खानदानी नाता रिश्ता नहीं था .आनुवंशिक अंतर के आधार पर ८ किलोमीटर के अंतर से रहने वालों के घर गाँव का शुद्धता के साथ पता लगा लिया गया .इतालवी स्टडी में रिसर्चरों ने सभी स्वयंसेवियों के शुद्ध पते ठिकाने बतला दिए ,स्काटिश स्टडी ९६ फीसद के बारे में तथा क्रोशियन ८९ फीसद लोगों की रिहाइश की ठीक शिनाख्त कर सकी ।
अब से काफी पहले तक लोगों में अपने ही समुदाय में वैवाहिक सम्बन्ध बनाने का चलन था .कई पीढ़ियों के अंतराल के बाद अलग अलग गाँवों ने अपने आनुवंशिक हस्ताक्षर (जेनेटिक फिंगर प्रिंट्स )तैयार कर लिए .इन्हें आज भी बूझा ,जाना, जा सकता है ।
जेनेटिक वेरिएशन के आधार पर अफ्रिकंस को ईस्ट एशियाइयों से अलग पहचाना जा सकता है .डी एन ए वेरिएशन ही नेटिव अमरिकंस की पड़ताल का आधार बनें हैं ,पूर्व के अध्धय्यनों में .लेकिन आंचलिक जड़ों की आनुवंशिक पड़ताल वह भी इतनी शुद्धता के साथ होना एक नै बात है .
सन्दर्भ -सामिग्री :-न्यू -जेनेटिक टेस्ट कैन पिन्पोइन्त रुरल रूट्स डाउन तू लास्ट फ्यू किलोमीटर्स(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,केपिटल एडिशन ,न्यू -देहली ,पृष्ठ १९ ,जुलाई ०७ ,२०१० )

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