शनिवार, 26 जून 2010

क्या गर्भपात के वक्त फीटस को एनास्ठेतिक दिया जाना चाहिए ...

स्त्री -रोगों एवं प्रसूति -विज्ञान से सम्बद्ध 'रोयल कोलिज ऑफ़ ओब्स्तेत -रिशियंस एंड गाईने -कोलोजिस्ट्स के साइंस दानों ने पता लगाया है ,२४ सप्ताह के बाद ही गर्भ के अन्दरदिमागी नर्व कनेक्शंस का विकास संपन्न हो पाता है ,इससे पहले दर्द का एहसास समय -पूर्व जन्मे शिशुओं 'प्रिमीज़ 'को तो हो सकता है ,गर्भस्थ को नहीं .इसकी वजह एम्नियोटिक सेक के अन्दर का रासायनिक परिवेश बनता है जो शिशु को गहन निंद्रा से पैदा अचेतन -अवस्था (एक प्रकार की बेहोशी ,सिडेशन)में बनाए रहता है .इसीलियें माँ के स्वास्थ्य और जीवन के लिए कई मर्तबा २४ सप्ताह के बाद भी गर्भपात ज़रूरी हो जाता है ।
ऐसे में गर्भस्थ 'ह्यूमैन फीटस' को एनस्थेतिक इंजेक्ट करने की परम्परा रही है .वर्तमान रिसर्च उसे गैर ज़रूरी सिद्ध करती है .दर्द का एहसास उस प्रकृति प्रदत्त माँ के गर्भ में शिशु को कैसे हो सकता है ।?
सन्दर्भ -सामिग्री ;-'ह्यूमैन फीटस फील्स नो पैन बिफोर २४ वीक्स 'नर्व कनेक्शंस इन ब्रेननाट फोर्म्द सफिशियेंतली तू अलाव सेंसेसंस ,सेज यु के गोमेंट -फंडिड स्टडी (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून २६ ,२०१० )

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