मंगलवार, 29 जून 2010

ज्यादा सताता है आपका अपना जीवन -साथी ....

स्पौसिज़ कॉज मोर स्ट्रेस देन बोसिज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून २९,२०१० )।
एक नवीन अध्धययन से पता चला है घर में अपने जीवन साथी (स्पाउस )के साथ रहना दफ्तरी बोसिज़ के संग साथ काम करने से ज्यादा दबाब पूर्ण और अंग्जायती (बे -चैनी)का वायस बनता है .अध्धययन ब्रिटेन में तकरीबन ३००० लोगों की पड़ताल के बाद संपन्न हुआ है ।
बेशक घर जैसी दुनिया में कोई और जगह नहीं लेकिन अगर थोड़ा सा रिलेकसेसन भी चाहिए तो दफ्तर ही बेहतर सिद्ध होगा .बेशक कहा गया -ईस्ट और वेस्ट हाउस इज दी बेस्ट ।
लेकिन थोड़े से बस थोड़े से सुकून के लिए काम करने की जगह बेहतर रहती है यही अध्धययन का लब्बोलुआब है ।
आइये सर्वे के कुछ आंकड़ों पर गौर करतें हैं -पति लोग पत्नियों का ब्लड प्रेसर बढाने वाला व्यवहार ज्यादा करतें हैं ,बनिस्पत बीवियों के .(बेशक ब्रितानी शौहर ऐसा कर्तेब होंगे )।
सर्वे में शामिल कुल ५८ फीसद लोग मानते हैं ,उनका पार्टनर ही उनके लिए तनाव का तम्बू खडा किये रहता है .जबकि केवल ४३ फीसद लोग ऐसा अपने मेनेजर (दफ्तरी बोस या सीनियर्स )के बारे में सोचते कहतें हैं ।
१८ फीसद महिलाए तनाव के लिए अपने पार्टनर को जिम्मेवार मानती है ,जबकि १२ फीसद मर्द अपनी संग्नियों के बारे में ऐसा ही सोच रखतें हैं .इलेक्ट्रोनिक्स एंड हेल्थ केयर मेंयुफेक्च -रर फिलिप्स के सौजन्ने से संपन्न हुआ है यह पोल ।
पता चला ,महिलाओं को अपनी पगार (वेज़िज़ ,तनखा )से ज्यादा चिंता अपने वेट (वजन )की सताती रहती है .सर्वे में शामिल तकरीबन ५० फीस्वाद महिला वेट को अपने स्वास्थ्य और खुश हाली का एक महत्व पूर्ण घटक मानती है जबकि २७ फीसद ही यह बात अपनी सेलरी के बारे में कहतीं हैं ।
वेट के दुष्प्रभाव को आइन्दा के लिए भी महिलाए अपने स्वास्थ्य के लिए हाई -कोलेस्ट्रोल से ज्यादा ,कैंसर से भीज्यादा असर डालने वाला समझतीं हैं .जबकि ३६ फीसद मर्द ही ऐसा सोचतें हैं .३३ फीसद मर्द यही बात अपनी सेलरी के बारे में कहते समझतें हैं ।
तीन चौथाई महिलायें अपने स्वास्थ्य की खातिर ,खुश- हाली की खातिर घर और दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करतीं हैं जबकि ५९ फीसद मर्द भी ऐसा ही सोचतें हैं ।
सर्वे में शरीक सभी लोग अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त हैं ,आश्वादी हैं ,आधे ऐसा भी मानतें हैं उनकी उम्र औसत उम्र ७९ बरस से ज्यादा रहने वाली है .तीन फीसद १०० साला होने की बात कहतें हैं .कितने ही कहतें हैं ,भविष्य की मेडिकल टेक्नोलोजी आदमी को आज के ला -इलाज़ रोगों से भी निजात दिलवाएगी .वह भी ज़िंदा है उस दिन के लिए ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-

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