मंगलवार, 25 मई 2010

क्या है 'डिजिटल जीनोम '?

यहाँ पर 'डिजिटल 'शब्द कंप्यूटर -शब्दावली से तथा 'जीनोम 'आनुवंशिक विज्ञान(जेनेटिक्स ) से लिया गया है ।
जीनोम आप किसी भी कोशिका के दिमाग को कह सकते हैं .इसमें माँ -बाप से विरासत में मिले सभी 'गुण धर्म(क्रोमोज़ोम्स )',जीवन इकाइयों के तमाम क्रम (जीन सिक्युएंसी-इंग )मौजूद रहतें हैं .कोशिका या किसी भी ओर्गेनिज्म का संचालन इसी जीनोम से होता है ।
इलेक्त्रोनी विधि से सूचना संचय संग्रहरण की वह प्रणाली जिसमे हर सूचना 'शून्य 'और 'एक "का समायोजन है डिजिटल का शाब्दिक अर्थ है ।
डाटा ओर्गेनाइज़ेसन को 'डाटा फोर्मेट 'कहा जाता है .आज दिक्कत यह है ,स्टोरेज दिवाईसिसपलक झपकते ही चलन से बाहर हो रहीं हैं .इन्हें आइन्दा आने वाली पीढ़ियों के लिए कैसे संजोये रखा जाए यह एक एहम सवाल है .इसी का हल है 'डिजिटल जीनोम '.डिजिटल स्ट्रोंग बॉक्स तू प्रिवेंट डाटा लोस '
यह एक अति महत्व कांक्षी प्राजेक्ट है जिसमे यूरोप के सोलह पुस्तकालय ,अभिलेखागार (आर्काइव्ज़ )एवं शोध संस्थान भागेदारी निभा रहें हैं ।
स्विटज़र -लैंड के आल्प्स परबत (चारागाह )के एक अति गुप्त स्थान पर एक ऐसा बंकर तैयार किया गया है जो एटमी हमला आराम सेझेल सकता है .इसी बंकर में एक छोटा सा बक्सा रखा गया है इसमें वह चाबी है जो किसी भी 'सूचना -पिटारे 'डिजिटल फोर्मेट 'को खोल सकती है ।
आप जानते हैं 'कटिंग एज टेक्नोलोजी "वर्तमान किसी भी डाटा फोर्मेट को सात सालों में ही ओब्सोलीत (चलन से बाहर )कर देती है .आगे यह रफ़्तार और भी बढ़नी है .ऐसे में कीमती डिजिटल डाटा लोस को बचाए रखना ना मुमकिन हो रहा है .अकेले यूरोपीय यूनियन को सालाना तीन अरब यूरो की नुकसानी इसी वजह से उठाते रहने की मजबूरी बनी रही है ।वर्तमान सी- दीज़ और डी वी -दीज़ की उम्र सेल्फ लाइफ बा मुस्किल २० बरस है .
आशंका है कहीं प्राचीन मिश्र की अलेग्ज़ेन्द्रिया लाइब्रेरी ,नालंदा और तक्ष शिला की प्राचीनतम शिक्षा पीठ की तरह गत शती का सारा विज्ञान साहित्य ,धर्म और दर्शन ,तमाम भौतिक विज्ञानों की जानकारी इस डाटा लोस के चलते स्मृति शेष ना हो जाए ।
डिजिटल जीनोम डाटा संरक्षण की दिशा में रखा गया एक एहम कदम है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-स्पीक ,मेमोरी डिजिटल स्ट्रोंग बॉक्स तू प्रिवेंट डाटा लोस (सेकिंड एडिटोरिअल ,टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,माय २४ ,२०१० )

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