रविवार, 2 मई 2010

डिप्रेसन (अवसाद )और चोकलेट

क्या अवसाद ग्रस्त लोग अवसाद मुक्त लोगों की बनिस्पत ज्यादा चोकलेट खाने लागतें हैं ?क्या अवसाद (डिप्रेसन )चोकलेट की तलब (लालसा )पैदा करता है .क्या है दोनों का रिश्ता ,अंतर- सम्बन्ध ,है भी या नहीं इसकी पड़ताल एक ताज़ा अध्धययन करता है ।
यह अमरीकी स्टडी हमारे चित्त (मूड )और चोकलेट से ही ताल्लुक रखती है .अध्धययन के मुताबिक़ डिप्रेस्ड लोग स्वस्थ लोगों से ज्यादा चोकलेट खातें हैं .अध्धययन के नतीजे औरत -मर्द दोनों से सामान रूप से ताल्लुक रखतें हैं ।
पता चला है अवसाद ग्रस्त लोग एक महीने चोकलेट्स की औसतन ८.४ सर्विंग्स चट कर्जातें हैं.लेकिन अवसाद मुक्त औसतन ५.४ ।एक सर्विंग २८ ग्रेम की एकस्माल चोक- लेट- बार को कहा जाता है .
गंभीर रूप से ग्रस्त अवसाद ग्रस्त लोगों को और भी ज्यादा चोकलेट हजम करते देखा गया ,प्रति माह ११.८ सर्विंग्स (स्क्रीनिंग टेस्ट से अवसाद का पता लगाया गया .मालूम हो ,अब डिप्रेसन को किसी और रोग का (किसी अन्य मनो -रोग का )लक्षण मात्र नहीं ,एक स्वतंत्र रोग का दर्ज़ा मिल चुका है.( देखें दाय्गोनिस्तिक स्तेतिस्तिकल मेन्युअल ४ )।अध्धय्यन में अवसाद ग्रस्त चित्त का सम्बन्ध अपेक्षा कृत ज्यादा चोकलेट खाने सेएहम तरीके से जोड़ा गयाहै .
आर्काइव्स ऑफ़ इन्टरनल मेडिसन में 'यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफोर्निया' ,डेविस और' यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफोर्निया' ,सन डिएगो के इस अध्धययन को जगह मिली है .
चोकलेट को अब तक एक मूड बूस्टर समझा जाता रहा है लेकिन कम ही अध्धययनओं ने अब तक इस सम्बन्ध की पुष्टि की है .यह पहला अध्धययन है जिसमे औरतों के अलावा मर्दों को भी शरीक किया गया है ।
कुल मिलाकर ९३१ लोगों की पड़ताल की गई .ये लोग किसी भी तरह के अवसाद रोधी नहीं ले रहे थे .सबने ओवर आल डाईट और चट की गई प्रतिमाह चोकलेट का हिसाब दिया ।
डिप्रेसन स्केल पर इनके चित्त का जायजा लिया गया .चोकलेट खपत और अवसाद में एक अंतर सम्बन्ध की पुष्टि हुई ।
अनुमान है डिप्रेसन चोकलेट की ललक (क्रेविंग्स )बढा देता है .और व्यक्ति एक स्वयं चिकित्सा के बतौर उत्तेजक (स्तिम्युलेंत )के बतौर चोकलेट चट करता रहता है ।
माउस पर संपन्न अध्धय्नों से भी पुष्ट हुआ है चोकलेट आपका चित्त दुरुस्त कर सकती है .सन्दर्भ सामिग्री :-क्रेविंग फॉर चोकलेट सिग्नल्स यू मे हेव गोट दी ब्ल्युऊज़ (रीड डिप्रेसन ).(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल २८ ,२०१० )

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