शुक्रवार, 14 मई 2010

डी एन ए बदलाव ला सकता है खौफनाक मंजर (हादसा )

मिशिगन विश्व -विद्यालय के एक साइंसदान के मुताबिक़ जीवन में खौफनाक हादसा हमारे' डी -ओक्सी-राइबो -न्यूक्लिक एसिड 'हमारी खानदानी- दायमें भी बदलाव पैदा करसकता है .आप विश्व -विद्यालय के मालिक्युलर -एपी- डेमीयोलोजी(आणविक -जानपदिक रोग -विज्ञान )'विभाग से संबद्ध हैं ।
एक जानलेवा कार हादसा एक 'एब्युसिव सम्बन्ध 'क्रूर -रिश्ता 'शोषण कारी दमनकारी सम्बन्ध भुक्त -भोगी के डी. एन .ए. में फेरबदल करसकता है .
उक्त निष्कर्ष 'पोस्ट ट्रौमेतिक दिसोर्दर्ससे ग्रस्त 'मिशिगन -वासियों का अध्धययन विश्लेसन करने के बाद निकाला गया है .हादसा हमारे मस्तिष्क जैव -रसायन शास्त्र (ब्रेन केमिस्ट्री )को असर ग्रस्त बनाता है .नान -पोस्ट ट्रौमेतिक डिस -ऑर्डर्स एडल्ट्स से विकार ग्रस्त लोगों की तुलना करने पर यही नतीज़ा निकला है .
विकार ग्रस्त लोगों के डी .एन .ए .सीक्युवेंस पर 'केमिकल-त्रेसर्स 'दिखलाई दियें हैं .ए ट्रेसर इज ए प्रोब .रसायन का यह अल्पांश बहुत कुछ कह देता है .यह डी .एन .ए .क्रम हमारे डी .एन .ए से सम्बंधित था .एक ख़ास दिमागी रसायन का स्तर विकार ग्रस्त लोगों में जुदा रहा है ।सब कुछ किया धरा हादसे का रहा है .
सन्दर्भ सामिग्री :-एक्सपोज़र तू ट्रौमेतिक (एक्सपीरिएंस) इवेंट केन चेंज यूओर डी एन ए (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मे१३ ,२०१० )

कोई टिप्पणी नहीं: