गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

कूड़े कचरे से चलेंगें अब विमान .

ब्रितानी एयर वेज़ यूरोप का पहला ग्रीन जेट फ्यूल प्लांट लगाने का इरादा रखे है .यह २०१४ तक बाकायदा कूड़े कचरे को ग्रीन फ्यूल (कार्बन -मुक्त ईंधन )में तब्दील कर विमानों को एवियेशन फ्यूल मुहैया कराने लगेगा .अमरीकी बायो -एनर्जी कम्पनी इस प्लांट की एक सहयोगी कम्पनी के बतौर काम करेगी .इस जैव ऊर्जा निगम का नाम है "सोलेना "।
समझा जाता है यहप्लांट २०१४ तक५००,००० टन लेंड- फिल वेस्ट (जिसमे घरेलू तथा उद्योगिक कचरा भी शामिल रहेगा )से तकरीबन १६ मिलियन गेलंन कार्बन न्यूट्रल एवियेशन फ्यूल तैयार करने लगेगा .इसकी मदद से ब्रितानी एयरवेज़ की सभी फ्लाइट्सउड़ाने भरेंगी ।
इससे एमिशन दर (उत्सर्जन दर )केरोसीन ईंधन के बरक्स ९५ फीसद कम की जा सकेगी .यानी आम के आम गुठलियों के दाम .दूसरे शब्दों में यह कदम सड़कों से ४८,००० कारों को हठालेने के तुल्ल्य रहेगा ।
जेट विमानों के लिए जैव ईंधन तैयार करने के मामले में प्रगति की रफ़्तार धीमी रही है तो केवल तकनीकी कारणों से इस ईंधन को निम्तर ताप पर काम में लेना पड़ता है .हाई -एनर्जी केपेसिटी भी बराबर चाहिए ।
लेकिन वाशिंगटन डीसी आधारित सोलेना लंदन प्लांट में अलग किस्म का ईंधन तैयार करने जा रही है .इसमें परम्परा गत जेट ईंधन नहीं मिला ना पडेगा .यह नोर्मल फोसिल फ्यूल जेट फ्यूल का स्तेमाल ग्रीन फ्यूल के साथ मिश्र के रूप में नहीं करेगा .ब्रितानी एयर वेज़ का लक्ष्य २०५० तक उत्सर्जन में ५० फीसद कटौती करलेने का है ।
एक गेलंन ४.५५ लिटर ले बराबर माना जाता है इंग्लेंड में जबकि इसका अमरीकी माप ३.७९ लिटर है .

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