रविवार, 20 सितंबर 2009

अब डी.एन .ऐ .साम्पिल में भी हेरा फेरी .

इजराइली विज्ञानियों की एक टीम ने अपनी ताज़ा शोध के नतीजे फोरेंसिक साइंस इंटर -नेशनल -जेनेटिक जर्नल में प्रकाशित किए है .कितना अजीब है -इस बरस जेनेटिक फिंगर प्रिंटिंग की सिल्वर -जुबली है -इसी अगस्त माह में -अब तक हमारी उँगलियों के निशाँ की तरह ही हमारे आनुवंशिक हस्ताक्षर समझा जाता था -जेनेटिक फिंगर प्रिंट्स को ,बेशक डी .एन .ऐ .की रासायनिक सरंचना हम सब की यकसां हैं लेकिन हमारी वाईट ब्लड सेल्स में मौजूद डी .एन .ऐ .में बेस पैर्स का क्रम या रासायनिक यौगिक (केमिकल कंपाउंड्स )एक जैसे नहीं होते ।
इस्रायली आनुवंशिक विज्ञानियों ने पता लगाया है -अब एक आदमी की लार (सेलाइवा )और और रक्त के साम्पिल्स (नमूने )किसी और आदमी की लार और रक्त साम्पिल्स से भी गढे जा सकतें हैं ,यानी फेक साम्पिल्स अपराध विज्ञानिक जांच को भटकाने के लिए तैयार किए जा सकतें हैं ।
आरुशी ह्त्या -काण्ड में नमूने ही बदल दिए गए थे और सी .बी .आई .अंधेरे में हाथ पैर मारती रही ।
फेक डी .एन .ऐ .तैयार करने के लिए इस्राइली आनुवंशिक -विदों ने पहले तो एक औरत के खून के नमूने लेकर इसमे मौजूद वाईट और रेड ब्लड सेल्स को अलग किया .अब एक आदमी के बाल से डी .एन .ऐ .लेकर इसे आवर्धित (एम्पलीफाई )करके एक वृहद् नमूना तैयार किया गया .अब इसे उसी औरत के फ्री -रेड -ब्लड साम्पिल्स में जोड़ दिया गया .बस -यूरेका -आई हेव फा -उन्द इत -आर्किमीदीज़ ने बोले थे ये शब्द धैरिय खोकर ,और नंगे ही बाठ तब से निकल भाग खड़े हुए थे -मुकुट असली सोने का है या नकली -उन्हें इसका सुराग मिल गया था (आर्क्मीदीज़ प्रिन्सिपिल )के रूप में ।)
इस्राइली विज्ञानियों की भी यही मनास्तिथि रही होगी ?
दी ब्लड मेच्द दी मेंस जेनेटिक प्रोफाइल -इस्राइली विज्ञानियों ने यही फेक साम्पिल एक अमरीकी अपराध -विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया जहाँ इसकी रूटीन जांच एक आदमी के ब्लड साम्पिल के बतौर की गई ।
आपने देखा होगा -कुछ दूकानों पर लिखा होता है -किसी सामान की कोई गारंटी नहीं .तब क्या यह माना जाए अब हमारे खानदानी दस्तखत भी नकली बना लिए जायेंगे .उस यूनीक आई -देन्तिफिकेष्ण कार्ड का क्या होगा जो हमें आइन्दा तीन सालों में मिलने वाला है ?वह भी तो डी .एन .ऐ .साम्प्लिंग पर आधारित होगा ./बेशक इसे कुछ लोग अभी दूर की कौडी समझ रहें हैं ,लेकिन कौडी तो यह है ही ,एक फेक डी .एन .ऐ .फिंगर प्रिंट बनाने के नज़दीक तो हम पहुँच ही गए ।
सन्दर्भ सामिग्री :-टाइम्स आफ इंडिया (हाउ तू टेम्पर विद योर डी .एन .ऐ .-सितम्बर २० ,२००९ ,पृष्ठ २६)
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

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