गुरुवार, 24 सितंबर 2009

अपने दिमाग की बत्ती जलाओ ....

अजीब शहर है यह .यहाँ अक्सर लोग कार पार्क में आने के बाद भी विकल्स की हेद्लाइट्सआन रखतें हैं .कोई इनसे यह नहीं कहता -भाई साहिब !अपने दिमाग की बत्ती जलाओ ,मुझे अब बुझाओ ।
आजकल हमारे पी .सी .साहिब (पी .चिदम्बरम साहिब )राजधानी क्षेत्र को लेकर बड़े चिंतित हैं .कहतें हैं -आस पास के नगरों से आने वाले यात्रियों को इस शहर के तौर तरीके ,शहर की रवायत ,कायदे कानून ,ट्रेफिक रूल्स का पालन करना सीखना होगा .कामन-वेल्थ खेल सर पर खडें हैं -एक जन प्रशिक्षण अभियान शुरू होना चाहिए .ज़रूर होवे ।
माननीय प्रति -रक्षा मंत्री जी एक गुजारिश हमारी भी है -वी आई पीज़ मोवमेंट के लिए एक अलग कारीडोर बनाया जाए .बेहतर हो इन एलिएंस के लिए "किसी इतर ग्रह से उड़न तस्तरी किराए पर ली जाए "-ताकि जन जीवन औ वाहनों की आवाजाही निर्बाध बनी रहे .सुनामी से कम नहीं होता इनका गुजरना .कामन वेल्थ गेम्स के दौरान इन्हें इस हाल देख इतर देशों से आए खिलाडी पूछेंगे -"ऊधो कौन देश को वासी ....बूझतसांच ना हांसी "

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