बुधवार, 2 सितंबर 2009

लँग केंसर की जल्दी शिनाख्त के लिए ब्रेथेलाइज़र.

गोल्ड नेनो पार्टिकल्स की मदद से एक ऐसा ब्रेथालाइज़र तैयार कर लिया गया है जो निस्स्वांस (छोड़ी गई साँस ) में मौजूद कई वाष्पशील कार्बनिक योगिकों (वोलाताइल कंपाउंड्स ) की शिनाख्त कर लँग केंसर की टोह ट्यूमर के पनपने से पहले ही ले सकेगा ।
फेफडा -केंसर से ग्रस्त लोग जो साँस छोड़तें हैं ,उसमे कुछ ख़ास यौगिकों ,खासकर वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों का डेरा होता है -स्वांस -विश्लेषक (ब्रेथालाइज़र ),इनका आसानी से औ पलक झपकते ही पता लगा लेगा ,औ ट्यूमर के फैलने पनपने से पहले ही सुनिश्चित रोग निदान हो जाने पर केंसर रोग के फैलाव से पहले ही रोग मुक्ति मिल जायेगी ।
बकौल इस्राइली विज्ञानियों के ८६ फीसद तक मामलों में ब्रेथालाइज़र कारगर सिद्ध हुआ है ,जिसका स्तेमाल आप का पारिवारिक चिकित्सक आसानी से कर सकता है ।
रोग की जल्दी शिनाख्त हो पाना ही एक सबसे मुश्किल काम रहा है ,रोग का पता अक्सर टर्मिनल स्टेज में ही चल पाता है ,तब तक बहुत देर हो चुकी होती है .केंसर की उम्र लम्बी औ आदमी की छोटी होती है ,फैलते -फैलते ही फैलता है केंसर ,औ फ़िर , एक हिस्से से दूसरे फ़िर तीसरे में जाने लगता है ।
होसम हेक के मुताबिक रूटीन अप्पोइन्त्मेन्त में ही रोगी की संभावित केंसर जांच हो सकेगी ,परम्परागत रोग निदान विधियां आम आदमी की पहुँच से बाहर भी थी ,कीमती भी .स्वर्ण के अति सूक्ष्म कणों ने (एक मीटर का अरबवां भाग एक नेनो के बराबर होता है ,(१ नेनो =१० तू दी पावर माइनस ना -इन )।स्वर्ण के सूक्ष्म कणों से तैयार साँस तोही ने इनकी मुश्किल आसान कर दी है ।
सन्दर्भ सामिग्री :टाइम्स आफ इंडिया (सेप्टेम्बर १ ,२००९ ) पेज -१७ -गोल्ड ब्रेथालाइज़र देतेक्ट्स लँग केंसर ।
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ).
ठीक ऐसे ही एल्कोहाल मीटर पियक्कडों की साँस की पड़ताल कर ड्रंक -ड्राइविंग को लगाम लागाने में मददगार है .

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