मंगलवार, 8 सितंबर 2009

पक्षाघात से ग्रस्त लोगों के लिए रिमोट की जगह दिमागी चिप .

हो सकता है ब्रेन -सर्फिंग लफ्ज़ आपको अटपटा सा लगे ,लेकिन पैरा -प्लिजिया औ क्वादरी -प्लिजिया (यानी आधे नाभि से नीचे या सर्वांग फालिज ग्रस्त ) लोगों के लिए "ब्रेन सर्फिंग "बड़े काम की चीज़ है ,जिसके तहत बस एक चिप फिट कर दिया जाता है ,इनके दिमाग में जो रिमोट का काम करता है ,छोटे मोटे कामों के लिए ।
वील -चेअर बाउंड सृष्ठी -विज्ञानी स्टीवन्स हाकिंग को आपने टी .वी पर ज़रूर देखा होगा ,जो अपने कई ज़रूरी काम ब्रेन -सर्फिंग से ही भुगता लेतें हैं ।
अब एक ब्रितानी विज्ञानी ने एक टेलीपेथिक माइक्रो -चिप तैयार किया है जो विचार की ताकत से कंप्यूटर औ टी .वी .आदि का संचालन कर सकेगा .इसे पक्षाघात से ग्रस्त लोगों के दिमाग में ही फिट किया जा सकेगा ।
इस चिप को तैयार करने वाले स्पार्तले कहतें हैं ,बेशक फालिज ग्रस्त लोग अंग संचालन नहीं कर सकते ,लेकिन जब वह ऐसा करने की कोशिश करतें हैं तब उनका दिमाग एक इलेक्ट्रोनिक -सिग्नल पैदा करता है ।
चिप इसी इलेक्त्रोनी -विचार (इलेक्ट्रोनिक थाट )का संसाधन कर लेता है ,बस एक बार इसे दिमागी -सतह में प्रत्या -रोपित (इम्प्लांट )करने की देर है .बाकी काम ब्लू -टूथ -टेक्नोलाजी औ वायर -लेस कर देता है .औ मरीज़ पैरा -प्लिजिया का किसी भी डिवाइस का संचालन कर लेता है ।
जिन लोगों के किसी दुर्घटना में अंग भंग हो चुके हैं ,जो मोटर न्यूरोन -दीजीज़ से ग्रस्त हैं वह लाईट -स्विचिज़ ही नहीं कार भी आपरेट कर सकतें हैं ,इस टेक्नालाजी की मदद से ,कंप्यूटर औ टी .वी भी ।
लेट दी पेशेंट्स कम्निकेट -यही स्वप्न है -स्पार्तले का ।
क्रितोफर रीवे जैसी शख्सियतें अब अपने विचार की ताकत से पर्सनल कंप्यूटर ही नहीं पेशियों का (मसल -मूवमेंट )का संचालन भी कर सकेंगे .जैसे ही वह पेशीय हरकत के बारे में सोचेंगे एक लाईट स्विच फ्लिक करने लगेगा ।
एक नामालूम सी (मिनिमल -सर्जरी )सर्जरी करके यह चिप फिट किया जा सकता है .लेब आज़माइशो के नतीजे उत्साह वर्धक रहें हैं ,ह्यूमेन ट्रायल्स का इंतज़ार है ।
स्पार्तले कहतें हैं ,इस सब की शुरूआत तब हुई जब यह जान लेने की कोशिश की गई ,पक्षाघात ग्रस्त लोग कौन से संकेत (सिग्नल्स )पैदा कर सकतें हैं .अगर वह अंग संचालन के बारे में केवल सोचतें भर है (अंग संचालन तो कर नही सकते )तब उस संकेत को ग्रहण करना ,पकड पाना मुमकिन है .यहीं से एक सिलसिला आगे बढ़ा .आप सोचिये भर -दिमाग आपको अंग संचालन सिखा लेगा ।
बिर्मिन्घ्म विश्व -विद्द्यालय में अपने पी .एच .दी थीसिस के बतौर स्पार्तले ने यह टेलीपेथिक -चिप तैयार करने की प्रोद्द्योगिकी प्रस्तुत की ।
सन्दर्भ सामिग्री :रिमोट आउट ,चिप इन ब्रेन तू कंट्रोल टी .वी .(टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर ५ ,२००९ ,पृष्ठ १७ ,केपिटल एडिशन )।
प्रस्तुती ;वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

कोई टिप्पणी नहीं: