मंगलवार, 11 अगस्त 2009

डेढ़ घंटे से ज्यादा टी .वी देखना नौनिहालों का ब्लड -प्रेशर बढाता है .

पहले चिकित्सा विज्ञानियों ने बच्चों के बुद्धू -बक्से के आगे डेढ़ घंटे से ज्यादा रोज़ बैठे रहने और मोटापे में एक अन्तर -सम्बन्ध और फलताया ब्लड -प्रेशर में बढोतरी की पुष्टि की थी ,इस मर्तबा ,मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों ने सीधे -सीधे टी .वी .नौनिहालों की रोज़ देखने की अवधि और तदा -नूरूप बढे हुए दाय-सिस्टोलिक और सिस्टोलिक ब्लड -प्रेशर के बीच सीधा रिश्ता होने की पुष्टि की है .३ -८ साला १११ बच्चों पर ४ साला अध्धयन के बाद पता चला है ,इस दरमियान एक हफ्ते तक बच्चों की कूद -फांद ,भौतिक गतिविधि पर नज़र रखने और उसे दर्ज करने के लियें नौनिहालों को एक्स्सलेरोमितरभी पहनाया गया ,साथ ही कितने टाइम वो बैठे ठाले ,इसका भी hisaab किताब रखा गया ।पता चला inme से जो १.५ -५ ghantaa बुद्धू बक्से के सामने बैठे रहते थे ,नियमित ,बिला नागा ,उनके रक्त चाप के दोनों पाठ (दाय -सिस्टोलिक और सिस्टोलिक )अधिकतम दर्ज किए गए बनिस्पत उनके जो सिर्फ़ ३० मिनिट या उससे भी कमसमय तक टी .वी .देखते थे .बढे हुए रक्त चाप की साफ़ -saaf वजह बुद्धू बक्से के सामने bitaai अवधि थी ना की सिदेंत्री (खाली बैठे रहना ,बिना कूद फांद किए ).बतला दें :दाय सिस्टोलिक daab वह avdhi है जब hrid vaahikaaon में (arterial vascular system )kamse कम daab hotaa है .इस दौरान hrid peshi tantu failten हैं ,hirday दाय लेट kartaa है ,और keviti खून से labaalab bhar जाती है .जबकि सिस्टोलिक daab का matlab hrid kamron का sikudnaa है ,contraction है ,इस दौरान hirday peshi chhoti होकर रक्त बाहर ulich ती है । दाय leshan का matlab hirdy peshi का failaav है .

1 टिप्पणी:

Arshia Ali ने कहा…

अरे, ये तो चिंता का विषय है.
{ Treasurer-T & S }