शनिवार, 1 अगस्त 2009

पदार्थ की पांचवी अवस्था ,पारदर्शी अलुमिनिअम

ठोस द्रव तथा गैस एवं प्लाज्मा पदार्थ की चार ज्यात अवस्थाएं हैं .ठोस द्रव तथा गैस से तो आप परिचित हैं .प्लाज्मा अति उत्तप्त (सुपरहितिद गैस )गैसीय अवस्था है ,जो अति उच्च चालकता (हाइली कान्दक्टिंग )से तो संपन्न है ,लेकिन कुल आवेश इस गैसीय अवस्था पर शून्य ही बना रहता है ,यानी यह विद्दुत तौर पर उदासीन ही है .रंग बिरंगी रोशनियों में ,नियोन साइंस में ,इतर फ्लोरोसेंट लेम्पों में प्लाज्मा अवस्था पदार्थ की पैदा होती है .अलबत्ता अति उच्च ताप और निम्नतर दाब चाहिए इस अवस्था को प्राप्त करने के लियें .लेकिन पारदर्शी एलुमिनियम शोध की खिड़की से झांकती पदार्थ की एक और भी नै अवस्था है .आप चाहें तो इसे पदार्थ की पांचवी अवस्था शौक से कह समझ सकतें हैं

ऐसा विज्ञानियों का कहना है .यह अवस्था एलुमिनिअम धातु (मेतिल )पर अति शक्तिशाली साफ्ट लेजर पुंज डाल कर ऑक्सफोर्ड के विज्ञानियों ने अतिअल्पाव्धि के दौरान हांसिल कर लेने का दावा किया है ।अभी तलक विज्यानदंत कथाओं पर आधारित स्टार ट्रेक ४,जैसी फिल्मों में ही पारदर्शी एलुमिनिअम की चर्चा थी .लेकिन पारदर्शी अलुमिनिअम एक अभिनवअवस्था है पदार्थ की .जिससे मेजर प्लेनेट्स (जुपिटर और उसके बाद के सभी ग्रह )के बारे में नै समझ पैदा हो सकती है .अतोमिक फूज़न(हलके नाभिकों से अपेक्षतय भारी का बनना ,जैसे सूरज के गर्भ प्रदेश में हाइड्रोजन से हिलिअम गैस बनती है .साप्ताहिक विज्ञान पत्रिका "नेचर फिजिक्स "में इसी सप्ताह (जुलाई २००९ का आखिरी हफ्ता )पारदर्शी एलुमिनिअम प्राप्त करने की इस शोध के तमाम नतीजे प्रकाशित हुए हैं .बतलाया गया है :की जब हेम्बर्ग आधारित फ्लेश लेजर किरण पुंज एलुमिनिअम के एक साम्पिल पर डाला गया ,तब ठोस के क्रिस्टल स्ट्रक्चर को बिना असर ग्रस्त किए ,प्रत्येक परमाणु की कोर से (सबसे अंदरूनी ,नाभिक के नजदीक -तर कक्षा से एक -एक एलेक्त्रोन बाहर खदेड़ दिया गया .अब एक ऐसा मनोरम पदार्थ प्राप्त हुआ जो अति -परा बेंगनी विकिरण के लियें अदृश्य बना रहा .परा बेंगनी सौर विकिरण का वही अंश है जिसे ओज़ोन कवच रोक कर पृथ्वी पर जैव मंडल की हिफाज़त करता है .क्लोरोफ्लोरो कार्बनों ,एरोसोल स्प्रे ,फ्रिज ,एअर -कंडीशनर का बढ़ता चलन क्लीन टेक्नालाजी के आम फहम ना हो पाने के कारन इस ओजोन कवच को रोंद कर जैव मंडल के लियें ,मानव मात्र के लियें खतरे का सबब बन रहा है .बकौल ऑक्सफोर्ड विश्व -विद्द्यालय के भौतिकी विद जस्टिन वाक् :एक अभिनव पदार्थ बना लिया गया .एक अन्तर -राष्ट्रीय टीम का सयुंक्त प्रयास है हालिया शोध जिसके नतीजे हमने यहाँ प्रकाशित किए है ,आम और ख़ास के लिए .ये तो शुरुआत भर है ,पारदर्शी एलुमिनिअम के भौतिक गुन वृहद् ग्रह (मेजर प्लेनेट्स )के अन्दर क्या चल रहा है (रासायनिक किर्यायें ) वैसे ही हालत की ख़बर है .बेहद प्रासंगिक है "पारदर्शी एलुमिनिअम "मेजर प्लेनेट्स के सन्दर्भ में .हर हाल में ऐसा लगे है की साम्पिल पदार्थ की एक नै अवस्था में रूपांतरित हो गया है ,यह वैसा ही विस्मय कारी है ,जैसा कीमिया -गरों का ये खाब :एक दिन लेड धातु को स्वर्ण में बदल लिया जाएगा .यह मुमकिन भी है लेकिन महंगा सौदा है .इनपुट (खर्ची )बहुत ज्यादा है ,आउट पुट से .जो हो ऑक्सफोर्ड विश्व -विद्द्यालय के विज्ञानियों में अपार उतेजना है .

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