रविवार, 31 मार्च 2013

RARE VIRUS HAS EYE ON VISION

जनवरी २  ०  १  ३ में विले पार्ले के प्रोफ़ेसर अद्वैत शाह उस समय एक दम से चिंता में पड़ गए जब दो सप्ताह

के

बाद बावजूद इलाज़ के उनकी नेत्रश्लेश्मला शोथ(Conjunctivitis ) ठीक होना तो दूर उनकी बीनाई (Vision)को

ही एक दम से

कमज़ोर करने लगी .हालाकि वह एक मर्तबा नेत्र रोगों के माहिर से इलाज़ भी ले चुके थे .दौड़े दौड़े अब आप दूसरे  

स्पेशलिस्ट के पास पहुंचे .पता चला इलाज़ के बावजूद आप आँख के एक ऐसे रोग की चपेट में आ चुकें हैं जिसमें

आँखों से आंसुओं की झड़ी लग गई है और रोग ही प्रकाश भीती (photo -phobia)की भी  वजह बनने लगा है .


"Even with my shades on , I had trouble teaching .My students lagged behind in their syllabus because of my eye problems.The college had to ultimately arrange for a substitute teacher ,"said Shah .

शाह अभी आँख के इस पेचिलारोग से बाहर नहीं आ पाए हैं .उनकी आँख में एक अपारदर्शी स्पॉट (दाग )बना

हुआ है .

डॉ कविता रॉय cornea और refractive surgeon,आदित्य ज्योत अस्पताल  (आँख के अन्दर एक श्वेत अस्तर

एक अपारदर्शी आवरण होता

है जो एक सुरक्षा कवच का काम करता है यही स्वच्छ पटल या श्वेत मंडल या कोर्निया है ,वाईट आफ दी आई )

कहतीं हैं- अनेक ऐसे विषाणु रहते हैं जो हमारी आँख को असर ग्रस्त करते हैं लेकिन Adenovirus -8 इनकी एक

बिरली (वायरल ,अनकोमन ,रेअर )स्ट्रेन है  .बेशक इस विषाणु से पैदा नेत्रश्लेश्मला शोथ दो से तीन हफ़्तों में

ठीक हो जाती है लेकिन इससे संगत  Antigen आँख में  इस अवधि के बाद भी बना रह सकता है जो समस्याएं

पैदा कर सकता

है .शाह के मामले में ऐसा ही हुआ लगता है .

इस विषाणु से पैदा नेत्रश्लेश्मला शोथ से मुंबई वासी कुछ सालों के बाद फिर से असर ग्रस्त होते रहते हैं .

जसलोक अस्पताल के आवथेलमालाजिस्ट (Ophthalmologist,नेत्र रोगों के माहिर )डॉ फ़िरोज़ पटेल कहते हैं

,एक मर्तबा इस विषाणु की चपेट में आकर बीनाई गिर जाए विजन कमज़ोर पड़ जाए तो सुधार में खासा वक्त

लग जाता है .

"The virus causes small ,fine corneal spots and tear .A few patients take even six months to a year to recover ,"he said ,adding adenovirus conjunctivitis is seen after every two years or so .It affects in clusters ,"he added.

मलिना गोम्स इसकी चपेट में आईं ,इसे बढ़ने से रोकने में खासी मुश्किलों से उन्हें दो चार होना पड़ा है ,पहले

इनके पति फरवरी मॉस में इस वायरल स्ट्रेन  की गिरिफ्त में आये ,बाद में इनका दो साला बेटा भी इससे ग्रस्त

हो गया .ऐसा है यह छूतहा  रोग .हफ्ता बीतते बीतते उन का तीसरा बेटा भी इसकी चपेट में आ गया .मलिना

कहतीं हैं मुझे यह छूत  अपने बाकी दो दस एवं चार साला बेटों से लगी .

हम सभी दो सप्ताह तक इस नेत्र रोग की गिरिफ्त में रहे लेकिन तब मेरी सिट्टी पिट्टी गुम  हो गई, होश उड़ गए

जब एक हफ्ते बाद ही मेरे दूसरे  बेटे की आँख से खून  का रिसाव होते दिखा .तुरत फुरत हम विशेषज्ञ के पास

पहुंचे .पता चला इसका कोई इलाज़ नहीं है वायरस अपना पूरा वक्त लेगा .

मलिना की आँख में अभी भी खाज भी है विजन धुंधला है (बीनाई गिर गई है ).

आल इंडिया आवथेलमोलोजिकल सोसायटी के डॉ संजय धवन कहतें हैं -यह  विषाणु प्रजाति (strain

)उत्परिवर्तित होती रहती है mutate करती है बहरूपिया है यह स्ट्रेन जो अपना बाहरी आवरण बदलती रहती है

.इसीलिए हमारा शरीर इसका मुकाबला आसानी से नहीं कर पाता है .

आम तौर पर विषाणु की ५ ० स्ट्रेन ऐसी हैं जो  नेत्र रोग श्लेश्मला शोथ(Conjunctivitis ) की वजह बनती हैं .

हालिया बरसों में Adenovirus -८ इसकी वजह बनता रहा है .उत्परि-वर्तन (Mutation )ने इसे और भी खतरनाक

बना दिया है .

आँख में रौशनी का इस आई फ्ल्यू में बे -तहाशा चुभना (Sensitivity to light ,Photo-phobia)एक गंभीर लक्षण

है इसकी किसी भी हाल अनदेखी नहीं की जानी चाहिए .

विशेष सावधानी :यदि आई फ्ल्यू के  लक्षण हफ्ते बाद भी बने रहते हैं तब फ़ौरन स्पेशलिस्ट के पास पहुँचिये

.खुद अपना डॉ भूलकर भी न बनें .

सन्दर्भ - सामिग्री :-Virulent conjunctivitis may take a year to heal /TIMES CITY /THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,MARCH 30 ,2013,P4/Conjunctivitis strain damaging cornea & vision /Front page


Images for conjunctivitis in pictures

 - Report images

शनिवार, 30 मार्च 2013

Virluent conjunctivitis may take a year to heal


RARE VIRUS HAS EYE ON VISION

आँख के अन्दर एक पारदर्शी अस्तर होता है एक पारदर्शी श्लेश्मला (Conjunctiva)होती है

,यदि

पलकों के



संग इसमें भी सूजन

और दुखन होने लगे तो इसका मतलब होता है नेत्रश्लेश्मला शोथ बोले तो Conjunctivitis की चपेट में आ चुके हैं

आप .

विषाणु से पैदा नेत्रश्लेश्मला शोथ एक बेहद छूतहां संक्रामक नेत्र रोग है .लेकिन स्वास्थ्य विज्ञान सम्मत बातों

पर विशेष तवज्जो देकर इससे बचा भी जा सकता है .इसके फैलाव को व्यक्ति से व्यक्ति को लगने वाले

संक्रमण को मुल्तवी भी रखा जा सकता है .वायरल कन्जंकटीवाइटिस बहुत आराम से एक से दूसरे व्यक्ति को

लगने वाली छूतहां बीमारी है .

बार बार हाथ धोना इसकी रोकथाम में बहुत सहायक सिद्ध होता है .

लक्षण 


आँख श्वेत पटल (वाईट आफ दी आई )इसमें लाल पड़ जाता है .अंदरूनी पलक (the inner eyelid)लाली की

चपेट में आ सकती है .

आंसुओं का कुल आयतन बढ़ जाता है .

Increased volume of tears is a prominent symptom.

आइलैश (बरौनी ,पलकों के बाल )के ऊपर पीला कीचड़ सा गाद (गीद )जम जाता है खासकर सोने के बाद .सोकर उठने पर आँख आसानी से नहीं खुलेगी चिपचिपी रहेगी ,दुखन भी होगी .
Thick yellow discharge that crusts over the eyelashes ,especially after sleep will be prominent .

आँख से हरा सफ़ेद रिसाव भी हो सकता है .खुजली भी मचेगी .आँख मलने को जी करेगा .

जलन घेरे रहेगी आँखों  को .बीनाई ( Blurred vision) धुंधला जायेगी .रौशनी आँख को बर्दाश्त नहीं होगी .

BETTER STAY SAFE

अपना खुद का चेहरा छूने से बचे .मरीज़ के तौलिए ,रूमाल ,धुले हुए कपड़ों तकिये के गिलाफ आदि से  भी बचें

.मस्कारा ,आईलाइनर आदि सांझा न करें .

अद्वैत शाह (नाम फर्जी ) मुंबई के एक कोलिज में व्याख्याता हैं आप जब नेत्रश्लेश्मला की चपेट में आये इसे

मामूली स्ट्रेन परम्परागत बरसाती आँख की दुखन समझते रहे .जनवरी में इन्हें यह छूतहां संक्रमण लगा .

हफ्ते भर इनकी आँखों की सोजिश और दुखन जब बरकरार रही वह एक चिकित्सक के पास पहुंचे जिसने इन्हें

स्टेरोइड युक्त आई ड्रॉप्स लिख दीं .

इनकी दुखन और भी भड़क गई रोग उग्रतर हो गया .इनके स्वच्छ मंडल (कोर्निया )में पीड़ा रहने लगी .आंसुओं

की झड़ी लग गई आँखों से .प्रकाश से आप भय खाने लगे .आँखें प्रकाश  के प्रति भीती से ग्रस्त हो अति संवेद्य

हो गईं .नजर धुंधला गई .नेत्ररोग के माहिरों ने इसे रोगनिदान के बाद Nummular Keratitis बतलाया है .एक

साल लग सकता है इस स्थिति से बाहर आने में .

बेशक इनकी आँख की सोझिश अब चली गई है लेकिन स्वच्छ पटल पर एक अपारदर्शी दाग बना हुआ है .

सावधानी बरतें अपना इलाज़ खुद हरगिज़ न करें .केवल नेत्ररोगों के माहिरों से ही जांच करवाएं .बचाव में ही

बचाव है .

IN FOR A LONG HAUL ?

Advait Shah , a college professor ,was suffering from what he thought was a 'regular strain of conjunctivitis ,' since January .

After a week of sore eyes ,he consulted a doctor ,who prescribed steroids , but his condition worsened .

He had pain in the cornea as he suffered from nummular keratitis , a condition marked by tearing ,photophobia and blurred vision ,which can last up to a year.

Now treated by another doctor ,the swelling in his eyes is gone ,but a spot of opacity remains on his cornea.




nummular keratitis










Superficial corneal nfiltrates develop by the 5th day of conjunctivitis and then gradually fade.









Conjunctivitis strain damaging cornea & vision

नेत्रश्लेष्मला शोथ आँख के स्वच्छमंडल  और बीनाई पे  भी  भारी पड़ रही है मुंबई में 

आँख का एक संक्रामक रोग होता है जिसमें आँखों में सूजन आ जाती है दर्द भी होता है .यही नेत्रश्लेश्मला

(conjuctivia)का संक्रमण है Conjunctivitis है .विषाणु से पैदा नेत्रश्लेश्मला ज्यादा गंभीर और तीव्रता लिए

रहती है . फैलती तेज़ी से है .इसीलिए बचाव में ही बचाव है .

छूतहा  विषाणु  Adenovirus जो आम सर्दी जुकाम की वजह बनता है .उसी की एक स्ट्रेन Adenovirus -8 आँख

की ऐसी दुखन और सोजिश ,लाली की वजह बन रही है जो न सिर्फ महीनों बनी रह सकती है .बीनाई को भी

कमज़ोर बना सकती है .बीनाई जा भी सकती है गलत इलाज़ होने पर .आँख का स्वच्छ पटल  क्षतिग्रस्त हो

सकता है .

आँख के इसी स्वच्छ मंडल बाहरी पारदर्शी रक्षक आवरण कार्निया को अक्सर  निशाने पे लेती है यह आँख की

दुखदाई दुखन

कनजंकटीवाइटिस .इस आवरण की सतह के  अपरदन और फटन के रूप में प्रगटित होता है यह नेत्रश्लेश्मला

शोथ .

It is marked by erosion or tearing of the corneal surface .इस आवरण का यह क्षतिग्रस्त भाग,  अब्रेशन देर

तक कायम रहने पर लाइलाज हो सकता है .

बचाव में ही बचाव है 

STOP THAT !

(१ )संक्रमण को मुल्तवी रखने के लिए बार बार हाथ धौइए .

(२ )चेहरे पे हाथ न लगाये ऐसा करने पर विषाणु (Virus )आँख ,नाक ,मुख में प्रवेश पा सकता है .

(३ )अपने कोंटेक्ट लेंस की विशेष साफ़ सफाई रखिये .

गत तीन बरसों से बरसात के मौसम में मुंबई नगरी इस संक्रमण की चपेट में आती रही है .लेकिन इस मर्तबा

कई मुंबईकर नेत्रश्लेश्मला  शोथ की   ऐसी अनोखी स्ट्रेन की चपेट में हैं जो महीनों बनी रहती है .

नेत्र रोगों के माहिर (Opthalmologists ,आवथेलमालाजिस्ट )कहतें हैं कितने ही लोग इस मर्तबा Adenovirus -8

से पैदा इस नेत्र संक्रमण की चपेट में आगये हैं .

यह बहरूपिया विषाणु उत्परिवर्तित होकर अपना बाहरी आवरण जल्दी जल्दी बदलता रहता है .इसीलिए

खतरनाक रुख इख्तियार कर कोर्निया (स्वच्छ मंडल ,स्वेत पटल )को भी क्षति ग्रस्त कर सकता है .

जनवरी माह में एक तीस साला नवयुवक नेत्रश्लेश्मला की इसी किस्म की चपेट में आ गया था .अमूमन पांच

सात दिन में व्यक्ति आँखों के इस संक्रमण से बाहर आ जाता है .लेकिन जब हफ्ता बीतने के बाद भी इस युवक

को कोई आराम नहीं आया वह एक चिकित्सक के पास पहुंचा जिसने इसे एक इस्टीरोइड तजवीज़ कर दिया

.अब हालत बाद से बदतर हो गई .दूसरा हफ्ता बीतते न बीतते युवक की आँखों में भारी दुखन हुई .बीनाई भी

गिर गई .

(आगे पढ़िए दूसरी क़िस्त में ....)



Images for conjunctivitis in pictures

 - Report images