विषय वस्तु :
MONDAY, OCTOBER 15, 2012
आईने पर कुछ तरस तो खाइए! : सोमवारीय चर्चामंच-1033
ब्लॉग पोस्ट :_______________
लिंक 21-
सुर-क्षेत्र में "सुर" गया तेल लेने -महेन्द्र श्रीवास्तव- "मुझे नहीं पता कि ये पाकिस्तानी कैप्टन आतिफ अपने मुल्क का कितना बड़ा कलाकार है, गायक है, अभिनेता है, मैं तो इसी सुर क्षेत्र के मंच पर इन्हें देख रहा हूं। हैरानी तब होती जब ये आशा भोसले के जजमेंट पर उंगली उठाता है और उसका लहजा भी सड़क छाप लफंगे जैसा होता है"---------महेंद्र श्रीवास्तव जी !ReplyDelete
आलोचना का लहज़ा तो ज़नाबे आला आपका भी माशा अल्लाह ही है .क़ानून मंत्री जी की तरह तैश में क्यों आ जातें हैं आप .कैसी भाषा लिख रहें हैं आप और रही बात ज़जों में मत विभाजन की मत वैभिन्न्य की, तो ज़नाब यह संगीत है यहाँ सब मिलके किसी नेता की जय बोलने नहीं आये हैं .........वीरुभाई .
"आपको पता है कि आशा ताई तब से फिल्मों में और देश विदेश में गा रही हैं, जब आतिफ पैदा भी नहीं हुआ होगा। आतिफ की उम्र 40- 45 साल के करीब है और आशा ताई को गाना गाते हुए 40- 45 साल हो गए। इसके बाद भी आतिफ का व्यवहार आपत्तिजनक है।"..............महेंद्र श्रीवास्तव जी !
महेंद्र भाई! ज़बान संभाल के आप क़ानून मंत्री की भाषा बोल रहें हैं ......वीरुभाई .
" अब देखिए गायक मंच पर आते हैं तो अपने अपने देश के स्टैड से माइक उठाते हैं, माइक भी वो एक जगह से नहीं लेते हैं। सुरक्षेत्र के माइक से आग निकलता रहता है, इसका मतलब तो मुझे आज तक समझ में नहीं आया।".......महेंद्र श्रीवास्तव जी !
हाँ भाई साहब बड़े बड़े गवैये अपने माइक साथ लाते हैं पूरा साउंड सिस्टम भी साजिन्दे भी .स्टैंड शब्द कृपया शुद्ध कर लें .आभार ........वीरुभाई .
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लिंक 21-
सुर-क्षेत्र में "सुर" गया तेल लेने -महेन्द्र श्रीवास्तव
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वीरुभाई उवाच :
बेटे जी .अपने आंकड़े दुरुस्त कर लें .डॉ .अरविन्द मिश्र जी मुझसे उम्र में 10-11 साल छोटे हैं .,आदरणीय अनुज हैं हमारे .आप भी हैं .जो हमसे पहले जन्मा है वह हमारा अग्रज है और जो पीछे आया है वह अनुज .वैसे अनुज छोटे भाई और अनुजा छोटी बहन को भी कहा जाता है और अग्रज बड़े भाई और अग्रजा बड़ी बहन को .भी ...........वीरुभाई .- "वैसे आज आप भाषा की मर्यादा सिखा रहे हैं, मैं बताऊं की आप खुद अपने छोटों से किस तरह की भाषा बोलते हैं। मेरे स्पैम बाक्स में आपके पचासों आपत्तिजनक कमेंट पड़े हैं। आज यहां भाषा की मर्यादा सिखाने आए हैं।"......महेंद्र श्रीवास्तव जी .
बेटे जी !हौसला है तो प्रकाशित करें उन टिप्पणियों को .ताकी सनद रहे .जो कुछ मैं लिख चुका हूँ अब वह ब्लॉग जगत की संपत्ति है मेरी नहीं .मैं उसे छुपाके नहीं रखता हूँ .आधा सच ,पूरे झूठ से ज्यादा खतरनाक होता है .और "गलती" कर लें "गल्ती "को अशुद्ध रूप है "गल्ती" .पत्रकारिता और संगीत दोनों में स्वर /शब्दों की शुचिता ज़रूरी होती है .बे -ताला होना /वर्तनी की अशुद्धियाँ यहाँ मान्य नहीं हैं .आप अनुसरण करना ही है तो गणेश शंकर विद्यार्थी का करें ,पत्रकारिता में हैं ,लम्बी रेस के घोडें हैं .ब्लॉग जगत के दिग्विजय न बने।.......वीरुभाईएक ब्लोगिया विमर्श यह भी
कैसा मधुरिम प्यार है, वाह युगल विद्वान |
उड़ा रहे हैं धज्जियाँ, दे दे के सम्मान |
दे दे के सम्मान, विवादों में रस लेता |
धक्का-मुक्की होय, मगर मत बनो विजेता |
जितवाओ साहित्य, जोर से बोलो हैसा |
डाल हाथ में हाथ, अजी यह खटपट कैसा ||