बुधवार, 10 अक्तूबर 2012

लो जी क्विड प्रो को (Quid pro quo) को बूझा जाए

लो   जी क्विड प्रो को (Quid pro quo) को बूझा जाए 

भाई साहब आम भाषा में तो यह पुराना बाटर सिस्टम है .रूपये आदि मुद्रा के बिना वस्तुओं ,सेवाओं आदि का लेन  देन करना है .बोले तो बार्टर समथिंग 

फार समथिंग .

लेकिन यहाँ संदर्भ दूसरा है यहाँ मतलब है सरकार ने किसी की मदद की उसका लाभ कोई दूसरा व्यक्ति ले रहा है .इटली के दामाद , कांग्रेस सुप्रीमों ,अपने 

पूडल के -

रिमोट से जुड़ा  है यह मामला .किसी आम व्यापारी का होता तो इसकी निष्पक्ष जांच होती .निष्पक्ष न सही कमसे कम  जांच जरूर होती .यहाँ तो खुद 

सरकार के चंद मंत्री क्या पूरी सरकार कह रही है हमने फाइलें देख ली हैं .अब आप फाइलों को हाथ न लगाना .पूरी सरकार वाड्रा की दलाल बनी हुई है 

.उसका बचाव करती नजर आती है .सारे प्रवक्ता झेंपते हैं ,कहतें हैं इन आरोपों में कोई दम नहीं है .

वित्त मंत्री कहतें हैं किसी "ऐरा गैरा नथ्थू खैरा " के आक्षेप लगाने ,परोक्ष रूप से कोई अप्रिय चुभने वाली बात कहने से ,कटाक्ष करने पर जांच थोड़ी होती 

है .वाल केजरी को फिर भी कोर्ट में जाके लटकना है तो लटके .वहां पहले ही इत्ता काम है .फिर -

सैयां भये कोतवाल ,फिर डर  काहे का .

अभी तो वालकेजरी  के पिटारे से बहुत माल निकलना है बेटा .

इब्तिदाए इश्क है रोता है क्या ,

आगे आगे देखिए होता है क्या .

1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कर्म का सिद्धान्त तो पूरा ही क्विड प्रो क्यो है..