हैलोवीन बोले तो (समापन क़िस्त )
Halloween superstitions
हैलोवीन से जुड़े अन्धविश्वास
अपने आदिम स्वरूप से लेकर अब तक हैलोवीन रहस्य रोमांच और अन्धविशावसों का उत्सवी
अवकाश रहा है .सेल्टिक सभ्यता में यह ग्रीष्मरितु की
विदाई शरद के स्वागत आगमन का पर्व रहा है जो अपने साथ एक भीती भी लिए आया है .जब
आम जन इस दिन खुद को हाल ही में दिवंगत हुए अपने
सम्बन्धियों और प्यारे दोस्तों के नजदीक महसूस करते थे .
अपनी इन प्यारी रूहों के लिए ये न सिर्फ डिनर टेबिल पर उनका स्थान सुनिश्चित कर देते थे
,घर ,द्वार पर भी मार्ग के किनारे भी उनके लिए विविध
खाद्य
सामिग्री रख छोड़ते थे .मोमबत्ती से मार्ग को आलोकित कर देते थे ताकि इन रूहों को अपने
संसार में लौटने में दिक्कत न हो .
आज की तारीख में इन प्रेत आत्माओं को ज्यादा अशुभ भय उत्पादक तथा दुर्भाग्य लाने वाला
अनिष्टकारी प्रदर्शित किया जाता है जबकि अतीत में
इनके
साथ कुछ
अपनापा भी दर्शाया जाता था .
काली बिल्ली के रस्ता काट जाने पर लोग पीछे लौटने लगते थे या मार्ग ही बदल लेते थे .किसी
अनभिप्रेत के भय से .अनिष्टकारी मान लिया गया काली
बिल्ली का आपका रास्ता काट के निकल जाना .
इस भ्रांत धारणा की जड़े मध्य काल तक जातीं हैं जब यह मान लिया गया था की खून चूसने
वाली डायनें चुड़ेलें बहरूपिया बन अपना रूप भेष बदलके
आती हैं वह काली बिल्ली के भेष में भी हो सकतीं हैं .
बस तभी से यह टोनहाई चली आई है .और तो और धातु ,लकड़ी रस्सी से बनी सीढ़ी निसेनी के
नीचे से भी लोग इसी भय से नहीं निकलते थे इन दिनों
हैलोवीन के आसपास सावधानी बरतते थे उनसे कोई शीशा (दर्पण ) न टूट जाए मार्ग में बिछे साल्ट पे सड़क में आई दरार पे उनका पैर न पड़ जाए .
प्राचीन मिश्र वासी त्रिभुज के आकार की चीज़ों को पवित्र मानते थे .इनके नीचे से गुजरने को खतरे की घंटी अब सीढ़ी जब दीवार के साथ थोड़ा झुकाव
लिए खड़ी होती तब त्रिभुज की ही सृष्टि
होती है .
But what about the Halloween traditions and beliefs that today's trick -or -treaters have forgotten all about .Many of these
obsolete rituals focused on the future instead of the past and the living instead of
the dead .
कितने ही लोग इस मौके पर युवा महिलाओं की अनुकूल जोड़ीदार की उनकी तलाश में मदद
करते थे और उन्हें आश्वस्त करते थे इंशा अल्लाह सौभाग्य
से अगले
हैलोवीन तक तुम्हारी तलाश पूरी हो जायेगी .
In 18th centuary Ireland a matchmaking cook might bury a ring in her mashed
potatoes on Halooween night hoping to bring true
love to the diner who found it .
In Scotland fortune- tellers recommended that an eligible young women name a
name a hazlenut for each of her suiters and then
toss the nut into the fireplace .The nut that burned to ashes rather than ,popping
or exploding ,the story went represented the
girls future husbands .(In some versions of this legend ,confusingly the opposite
was true :The nut that burnt to ashes symbolised
a love that would not last .)
Another tale had it that if a young woman ate a sugary concoction made out of
walnuts, hazelnuts and nutmeg before bed on
Halloween night she would dream about her future husband. Young women tossed
apple-peels over their shoulders, hoping that
the peels would fall on the floor in the shape of their future husbands' initials; tried
to learn about their futures by peering at egg
yolks floating in a bowl of water; and stood in front of mirrors in darkened rooms,
holding candles and looking over their
shoulders for their husbands' faces. Other rituals were more competitive. At some
Halloween parties, the first guest to find a burr
on a chestnut-hunt would be the first to marry; at others, the first successful
apple-bobber would be the first down the aisle
.
Of course, whether we're asking for romantic advice or trying to avoid seven
years of bad luck, each one of these Halloween
superstitions relies on the good will of the very same "spirits" whose presence the
early Celts felt so keenly.
Nutmeg कहतें हैं जायफल को और हेज़लनट कहतें हैं पहाड़ी बादाम या कुछ अंचलों में पिंघल
फल भी कह देते हैं .
हैपी हैलोवीन ब्लोगर्स .
5 टिप्पणियां:
बहुत ही उम्दा जानकारी भरा आलेख, शुभकामनाएं.
रामराम.
राम राम
अंधविश्वासों पर प्रकाश डालता आपका आलेख
अधकचरे नव विज्ञानी, परखें पित्तर पाख ।
दिखा रहे अनवरत वे, हमें तार्किक आँख ।
हमें तार्किक आँख, शुद्ध श्रद्धा का मसला ।
समझाओ यह लाख, समझता वह ना पगला ।
पर पश्चिम सन्देश, अगर धरती पर पसरे ।
चपटी धरती कहे, यही बन्दे अधकचरे ।।
हैवान और हैलोवीन का ध्वन्यात्मक साम्य है :-)
बढ़िया रही यह सामयिक श्रृखला
बड़ी ही रोचक जानकारी...
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