हेलोवीन बोले तो (चौथी और पाँचवी क़िस्त )
उन्नीसवीं शती के उत्तरार्द्ध में अमरीकियों ने हेलोवीन को एक सामुदायिक
अवकाश पर्व में तब्दील करने की
कोशिश की जहां पड़ोसी के साथ घुल मिल बैठें बरक्स भूत प्रेत बाधाओं
की किस्सा गोई के .टोना टोटका पार्श्व में
जाने लगा
मिस्चीवियस ट्रिक्स और सिली स्टंट्स को बेक सीट मिलने लगी .शती के
समापान की ओर आबाल्वृद्धों की
पार्टीज़ लोकप्रिय हो चलीं .हेलोवीन पार्टियां चल पड़ी बच्चों की अलग बड़ों
की अलग अलग जायका लिए .ये
ज़ायका हेलोवीन का था .खेल कूद ,मौसमी खाद्यों और उत्सवी परिधान
आकर्षण का केंद्र बनने लगे .अखबार
और
सामुदायिक लीडरान ने बराबर माँ बाप को चेताया वह इस उत्सव में
विकृत भदेश चीज़ों को तरजीह न दें .भद्दी
विकृत चीज़ों से बराबर बचें .मनुष्य या पशुओं को डराने भयभीत करने
वाली सदमा पहुंचाने वाली चीज़ों से बचाएं
अपने नौनिहालों को .धीरे धीरे छल छद्म ,धार्मिक अभिव्यंजना तत्व तथा
उत्सव का अन्धविश्वासी स्वरूप छीजने
लगा .बीसवीं शती ने आँख खोली .
1920, 1930 आदि के दशकों में हेलोवीन ने एक सेकुलर सामुदाय
केन्द्रिक उत्सव का स्वरूप लेना शुरू कर दिया
था।परेड और टाउन वाइड पार्टीज़ होने लगीं .इस सामूहिक अवकाश का
अब फॉकस तब्दील हो चुका था
.विध्वंसक प्रवृत्ति और बर्बरता को रोकने का स्कूल और समुदाय ने
भरसक प्रयत्न किया जो इसमें प्रवेश कर चुके
थे .1950 के दशकों तक बर्बरता पर भी अंकुश लगा अब हेलोवीन मुख्य
रूप से युवा भीड़ का पर्व बन गया .इस छुट्टी
के
केंद्र में बच्चे और किशोर भी आगये .
Due to the high numbers of young children during the fifties
baby boom ,parties moved from
town civic centers into the class rooms or home where they
could be relatively easily
accommodated .
Between the 1920 and 1950,THE CENTURIES -OLD practice
of trick -or -treating was also
revived .Trick -or -treating was a relatively inexpensive way for
an entire community to share the
Halloween celebrations .In theory families could also prevent
tricks being played on them by
providing he neighborhood children with small treats .
इस प्रकार एक नै परम्परा की नींव पड़ी जो लगातार पुख्ता होती रही है
.आज इस सामुदायिक पर्व पर सालाना तौर
पर अमरीकी 6 अरब डॉलर की राशि खर्च कर देते हैं .इस प्रकार अब यह
अमरीका का दूसरा बड़ा व्यावसायिक पर्व
बन
गया है .
(ज़ारी )
हैलोवीन बोले तो (पांचवीं क़िस्त )
हैलोवीन बोले तो (पांचवीं क़िस्त )
वर्तमान स्वरूप और जड़ ज़माती नव -परम्पराएं
अमरीकी Tric -or -treating की परम्परा उतनी ही प्राचीन है जितनी इंग्लैण्ड की आल सोल्स डे
परेड्स .जब गरीब गुरबे मांगते थे और खाते पीते लोग
परेड्स .जब गरीब गुरबे मांगते थे और खाते पीते लोग
उन्हें पेस्ट्रीज देते थे जिन्हें सोल केक्स कहा जाता था .बदले में
उनसे यह वादा लिया जाता था वे दिवंगत हो चुके उनके सम्बन्धियों की आत्माओं के लिए ,
पूर्वजों के लिए प्रार्थनाएं करेंगे .केक की खैरात बांटे जाने को
पूर्वजों के लिए प्रार्थनाएं करेंगे .केक की खैरात बांटे जाने को
चर्च ने भी बढ़ावा दिया .उस परम्परा पर तरजीह देने के लिए
जब मृत आत्माओं के लिए केक और शराब जगह जगह यहाँ वहां छोड़ दिए जाते थे .
The practice which was referred to as "going -a -souling" was evntually taken up
by the children who would visit the houses in
by the children who would visit the houses in
their neighborhood and be given ale,food ,and money
Ale was a type of beeer brewed from a cereal and originally distinguised from
beer by the absence of hops.
beer by the absence of hops.
हैलोवीन परिधान योरोप और सेल्टिक क्षेत्र से यहाँ पहुंचे हैं .बरसों पहले सर्दी से दो चार होने के
इंतज़ाम आदमी के पास नहीं थे .शरद रितु का आगमन उस
इंतज़ाम आदमी के पास नहीं थे .शरद रितु का आगमन उस
में भय और अनिश्चय पैदा करता था जब दिन छोटे और
रातों की अँधेरी और ठंड क़यामत ढाती थी .खाने पीने की चीज़ों की आपूर्ति भी कमतर हो जाती
थी .वह दौर था जब जन विश्वास था घर अकेला छोड़ा
थी .वह दौर था जब जन विश्वास था घर अकेला छोड़ा
तो मृत लोक से आने वाली आत्माएं डेरा डाले मिलेंगी .
अँधेरे में इसीलिए बाहर निकलते वक्त ये भूतहा मुखौटे पहन लेते थे ताकि भूत इन्हें अपनी
बिरादरी का समझ के नजरअंदाज़ कर जाएं .
बिरादरी का समझ के नजरअंदाज़ कर जाएं .
प्रेतों की तुष्टि के लिए लोग घर के बाहर खाद्य सामिग्री रख देते थे ताकि वह बाहर बाहर से ही
खा पीक लौट जाएं परलोक .और घर में छुपके न बैठ पाएं .
खा पीक लौट जाएं परलोक .और घर में छुपके न बैठ पाएं .
(ज़ारी )
हैलोवीन बोले तो (समापन क़िस्त )
Halloween superstitions
हैलोवीन से जुड़े अन्धविश्वास
अपने आदिम स्वरूप से लेकर अब तक हैलोवीन रहस्य रोमांच और अन्धविशावसों का उत्सवी
अवकाश रहा है .सेल्टिक सभ्यता में यह ग्रीष्मरितु की
विदाई शरद के स्वागत आगमन का पर्व रहा है जो अपने साथ एक भीती भी लिए आया है .जब
आम जन इस दिन खुद को हाल ही में दिवंगत हुए अपने
सम्बन्धियों और प्यारे दोस्तों के नजदीक महसूस करते थे .
अपनी इन प्यारी रूहों के लिए ये न सिर्फ डिनर टेबिल पर उनका स्थान सुनिश्चित कर देते थे
,घर ,द्वार पर भी मार्ग के किनारे भी उनके लिए विविध
खाद्य
सामिग्री रख छोड़ते थे .मोमबत्ती से मार्ग को आलोकित कर देते थे ताकि इन रूहों को अपने
संसार में लौटने में दिक्कत न हो .
आज की तारीख में इन प्रेत आत्माओं को ज्यादा अशुभ भय उत्पादक तथा दुर्भाग्य लाने वाला
अनिष्टकारी प्रदर्शित किया जाता है जबकि अतीत में
इनके
साथ कुछ
अपनापा भी दर्शाया जाता था .
काली बिल्ली के रस्ता काट जाने पर लोग पीछे लौटने लगते थे या मार्ग ही बदल लेते थे .किसी
अनभिप्रेत के भय से .अनिष्टकारी मान लिया गया काली
बिल्ली का आपका रास्ता काट के निकल जाना .
इस भ्रांत धारणा की जड़े मध्य काल तक जातीं हैं जब यह मान लिया गया था की खून चूसने
वाली डायनें चुड़ेलें बहरूपिया बन अपना रूप भेष बदलके
आती हैं वह काली बिल्ली के भेष में भी हो सकतीं हैं .
बस तभी से यह टोनहाई चली आई है .और तो और धातु ,लकड़ी रस्सी से बनी सीढ़ी निसेनी के
नीचे से भी लोग इसी भय से नहीं निकलते थे इन दिनों
हैलोवीन के आसपास सावधानी बरतते थे उनसे कोई शीशा (दर्पण ) न टूट जाए मार्ग में बिछे साल्ट पे सड़क में आई दरार पे उनका पैर न पड़ जाए .
प्राचीन मिश्र वासी त्रिभुज के आकार की चीज़ों को पवित्र मानते थे .इनके नीचे से गुजरने को खतरे की घंटी अब सीढ़ी जब दीवार के साथ थोड़ा झुकाव
लिए खड़ी होती तब त्रिभुज की ही सृष्टि
होती है .
But what about the Halloween traditions and beliefs that today's trick -or -treaters have forgotten all about .Many of these
obsolete rituals focused on the future instead of the past and the living instead of
the dead .
कितने ही लोग इस मौके पर युवा महिलाओं की अनुकूल जोड़ीदार की उनकी तलाश में मदद
करते थे और उन्हें आश्वस्त करते थे इंशा अल्लाह सौभाग्य
से अगले
हैलोवीन तक तुम्हारी तलाश पूरी हो जायेगी .
In 18th centuary Ireland a matchmaking cook might bury a ring in her mashed
potatoes on Halooween night hoping to bring true
love to the diner who found it .
In Scotland fortune- tellers recommended that an eligible young women name a
name a hazlenut for each of her suiters and then
toss the nut into the fireplace .The nut that burned to ashes rather than ,popping
or exploding ,the story went represented the
girls future husbands .(In some versions of this legend ,confusingly the opposite
was true :The nut that burnt to ashes symbolised
a love that would not last .)
Another tale had it that if a young woman ate a sugary concoction made out of
walnuts, hazelnuts and nutmeg before bed on
Halloween night she would dream about her future husband. Young women tossed
apple-peels over their shoulders, hoping that
the peels would fall on the floor in the shape of their future husbands' initials; tried
to learn about their futures by peering at egg
yolks floating in a bowl of water; and stood in front of mirrors in darkened rooms,
holding candles and looking over their
shoulders for their husbands' faces. Other rituals were more competitive. At some
Halloween parties, the first guest to find a burr
on a chestnut-hunt would be the first to marry; at others, the first successful
apple-bobber would be the first down the aisle
.
Of course, whether we're asking for romantic advice or trying to avoid seven
years of bad luck, each one of these Halloween
superstitions relies on the good will of the very same "spirits" whose presence the
early Celts felt so keenly.
Nutmeg कहतें हैं जायफल को और हेज़लनट कहतें हैं पहाड़ी बादाम या कुछ अंचलों में पिंघल
फल भी कह देते हैं .
हैपी हैलोवीन ब्लोगर्स .
5 टिप्पणियां:
अच्छी परिचर्चा ।।
डरना डराना तो सबके साथ होता है...
सादर अभिवादन!
--
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (27-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
अच्छी और नई जानकारी मिली ...यहाँ भी खूब तैयारी होती है इस त्यौहार की ....
बहुत धूम होती है यहाँ हेलोवीन की बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है .
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