By the end of the day my mind seems like that weary database which has been beaten up, hammered down and over used by multiple queries made from all possible directions!!! Need a system reboot and probably some additional memory before a complete fail over is required!!!
बालिगों की दैनिकी में विविध दवाब और तकाज़े हैं यहाँ भी वहां भी .घर में भी दफ्तर में भी .हिन्दुस्तान में भी अमरीका में भी .जब ये काम नहीं भी कर रहे होते हैं तब भी दवाब काम का ही बना रहता है .व्यस्ता से ज्यादा व्यस्ता बोध मारता है .
ऐसे में सोते समय भी दिमाग खामोश नहीं रहता .विचार श्रृंखला दौड़ती रहती है .रेस के घोड़ों सी .नींद पूरी हो तो कैसे ?
सारे दिन दफ्तर में खटने के बाद कामकाजी महिलाओं में से अनेकों को बच्चों के साथ भी मगज पच्ची करनी पड़ती है .हजबैंड की भी ताबेदारी करनी पड़ती है .
जैविक रूप से भी भिन्न हैं महिलाएं .रजो-निवृत्ति (मीनोपाज़ ) में प्रवेश लेते नींद की समस्या रूप बदलके आती है .हॉटफ्लेशिज़ ,इनसोम्निया इस दौर की आम
समस्याएं हैं .
हॉट फ्लेश बोले तो सुर्ख रू हो जाना चेहरे का गर्मी की स्पन्द का पूरे शरीर में टहल आना .पसीना छूटना और ऐसा इस ख़ास अवधि में होने वाले हारमोन बदलावों की
वजह से ही होता है .
तनाव का प्रबंधन ,शिथलीकरण आदि बचावी उपाय हो सकते हैं इस दरमियाँ.
(ज़ारी )
विशेष :दूसरी किस्त में बा -कायदा एक तालिका होगी
How much sleep do you need ?
बुजर्गों की बात होगी .फिलवक्त इस किस्त में आज इतना ही .
उम्र दराज़ लोग
अन्य बालिगों की तरह उम्र दराज़ लोगों को भी उतनी ही नींद चाहिए जो अकसर उन्हें मयस्सर हो नहीं पाती है .ये हलकी गहरी नींद ही ले पाते हैं अकसर रात को इनकी आँख खुल जाती है .कमसे कम एक मर्तबा तो टॉय -लिट जाते ही हैं सोते से उठकर .नींद में ये खलल बढ़िया गुणवत्ता की नींद न ले पाना इन्हें दिन में उनींदा बनाए रहता है .
स्लीप एप्नि (नींद में खर्राटे लेना और इस वजह से श्वसन अवरोध )की समस्या भी इस उम्र में ज्यादा पेश आती है .
एक और मेडिकल कंडीशन है जिसमें पैरों में कीलें सी चुभना ,झुनझुनी चढ़ना (tingling ),पैरों का खुजली और जलन की वजह से चुनचुनाना,पैरों में दर्द होना ,लगना जैसे कीड़ें रेंग रहें हों अन्दर अन्दर का लक्षणों के रूप में प्रगटीकरण होता है .इस स्थिति को कहतें हैं restless legs syndrome.
यह भी इस उम्र में आम हो जाती है नतीज़न इन लोगों में से कितनों को ही सोते सोते पैर झटकते पटकते देखा जा सकता है वह भी सोते सोते .ये तमाम वज़ुहातें इनकी नींद में खलल डालती हैं .
अवसाद ,बे -चैनी ,दीर्घावधि बने रहना वाला दर्द ,दवा दारु का चलते रहना भी इनमे आम हो जाता है .कभी ये दवा खानी भूल गए कभी वह .ये तमाम कारण भी इनकी नींद में खलल पैदा करने लगतें हैं .
अध्ययनों से पुष्ट हुआ दिन में कभी भी ,सुबह शाम या किसी भी और पहर जब भी मुमकिन हो हलका फुल्का नियमित व्यायाम करते रहने से इन्हें ठीक से सोने में मदद मिलती है .
कुछ थोड़ी बहुत देर दिन में ज़रूर सोते हैं ताकि रात की नींद की कमी बेशी की भरपाई की जा सके .लेकिन यह दोपहर के भोजन के बाद का अल्प विराम ही बनें १५ -२० मिनिट का नैप भर हो .झपकी भर हो अल्पकालीन .
ऐसा करने से ये रात को भी देर तक और बेहतर नींद ले पाते हैं .लेकिन दिन में ज्यादा देर तक सोना रात के स्लीप साइकिल में खलल का सबब भी बन सकता है .
जीवन का कोई भी चरण हो कुछ रणनीतियां बनाना अच्छी नींद की कुछ तो गारंटी देतीं ही हैं .
(१)रात को सोने औरसुबह जागने का समय सुनिश्चित कीजिए .सैर करने का भी .
(२)दिन में बारहा झपकी लेने से बचें .
(३)सोने से पहले गर्म पानी से नहाएं या फिर अपनी पसंदीदा किताब पढ़ते पढ़ते सोएं .
(४)सोने का कमरा आरामदायक और ऐसा हो जिसमें अन्धेरा किया जा सके .तकिए गद्दे सभी आपकी पसंद के हों .
(५) यदि नींद नहीं आ रही है तो ज़बर -जस्ती लेटे रहने से बेहतर है कोई ऐसा काम किया जाए जो आपको शांत और तनाव मुक्त करता हो .
(६)नियमित व्यायाम कीजिए लेकिन रात को बहुत देर से नहीं .मैं ने कई लोगों को रात के ११ -१२ बजे भी कसरत करते देखा है घर घर में .
(७)सोने से पहले धूम्रपान करने ,कैफीन युक्त पेय और शराब आदि नशीले पदार्थों के सेवन से बचिए .लेना ही है ये पदार्थ तो मात्रा सीमित रखें .
(८)रात को सोने से पहले यदि दो घंटे की अवधि के भीतर भीतर खाना खा रहे हैं तब ओवर ईट न करें .हलका रखें रात का भोजन .
(९)अपने आप से नींद की गोलियां बिना नुस्खे वाली ,ओवर दी काउंटर स्लीपिंग पिल्स खरीद कर न खाएं .
(१०)कंप्यूटर ,टी .वी .,सेल फोन आदि बंद रखें .बेहतर हो ,ये सोने के कमरे में हों ही न .
(११)यदि आपकी दवा दारु कोई चल रही है तो अपने पारिवारिक चिकित्सक से पूँछ देखें इनमें से कोई दवा आपकी नींद में खलल की वजह तो नहीं बन रही है .या बनेगी .
(१२)बे-चैनी ,अवसाद ,किसी भी तरह की स्ट्रेस (दवाब पैदा करने वाली स्थिति ),का प्रबंधन करना सीखें .मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं .ध्यान लगाएं सोने से पहले चंद मिनिटों के लिए ही सही .
How much sleep do you need ?
Newborns (0-2months) 12-18 घंटा
Infants (3-11 months ) 14-15 घंटा
Toddlers (1-3 years) 12-14 घंटा
Preschoolers(3 -5 years) 11-13 घंटा
School -age kids (5-10 years ) 10-11 घंटा
Teens (10-17 ) 8.5-9.25 घंटा
Adults 7-9 घंटा
सन्दर्भ -सामिग्री :-नेशनल स्लीप फाउन -डे -शन (National sleep foundation )
Fall 2012 /Living Healthy (SLEEP WELL at any age )
FAST FACT
Among working adults ,30 percent get six hours sleep or less a night .Night shift workers fare even worse -44 percent sleep six hours or less ,says the Centres for Disease Control and Prevention.