आखिर इतना मज़बूत सिलिंडर लीक हुआ कैसे ?
इसका ज़वाब तो भ्रष्टाचार की पटरानी के पास भी नहीं है .यह वाड्रा को आगे करके रंग भूमि से जो खेल खेल रहीं थीं यही इस नाटक की सूत्र धार थीं
.अपना मंद मति बालक तो इतने पासे एक साथ फैंक ही नहीं सकता .उसमें इतनी अकल ही नहीं है .
अब पटरानी का किसी और से प्रेम हो तो उसका भी नाम लें मनमोहन का लिया वह तो कोयला खोर निकले .कोई और हो ईमानदार उसका भी नाम लें .जिसको हाथ नहीं लगाया वह शरीफ है इस सरकार में जिसे
लगाया वह सलमान खुर्शीद निकला है .
प्रधान मंत्री कह रहें हैं विकास के साथ भ्रष्टाचार बढ़ता है .विकास का क्या यह अर्थ है आप फंड लाते जाएँ ,और खाते जाएँ .ये मुहावरे छोड़िये की विकास
से
भ्रष्टाचार बढ़ता है .सरकार भ्रष्टाचारी हो जाए तो भ्रष्टाचार बढ़ता है .इस सच को मान लीजिए .यहाँ तो सारी सरकार ही भ्रष्ट है कोई चारा खा रहा कोई
कोयला
कोई विकलांगों की कुर्सी .ऐसे में सरकारी सिलिंडर तो लीक करेगा ही .
3 टिप्पणियां:
बहुत ख़ूब वाह!
आपकी नज़रे-इनायत इसपर भी हो-
रात का सूनापन अपना था
राम राम भाई ,बेहद तेज धार,"मसलहत आमेज होते हैं सियासत के कदम,तू न समझेगा सियासत तू अभी ensan है" (दुष्यंत जी )
गतिमय देश, गतिमय समाज..
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