भ्रष्टाचार की बैसाखियाँ
1980 के दशक के शुरूआती वर्षों में हिन्दुस्तान दैनिक ,सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ पाठकीय पत्र को पुरुस्कृत करता था .प्रथम पुरूस्कार मिला था महज़ पचास
रूपये का इस पत्र को .इस पत्र का पहला वाक्य था हिन्दुस्तान में सिर्फ दो किस्म के लोग पाए जातें हैं या तो वह मंत्री होतें हैं या फिर विकलांग .
उस समय तक नेताओं का आहार होमोसेपियंस वाला ही था .
उदारीकरण के दशक के लगते ही नेता सेल्युलोज युक्त पशु चारा भी हजम करने लगे .और आर्थिक सुधारों के इस दौर में कोयला क्या पहिये वाली कुर्सी
और विकलांगों की
बैशाखियाँ भी खाने लगे .
सत्ता का शीर्ष कहता है भ्रष्टाचार की ज्यादा चर्चा मत करो देश बदनाम होता है विदेशों में .साथ ही भ्रष्टाचार को विकास का फल बतलातें हैं .
अब इनसे पूछा जा सकता है विकास का मतलब क्या यह होता है की फंड लाते जाओ और खाते जाओ .सर्व भक्षी बन जाओ और ऊंगली उठाने वाले को
थर्ड ग्रेड का आदमी बतलाकर खुद अपनी पीठ ठोकने लगो .
क़ानून मंत्री यही कर रहे हैं .पुनश्चय :ये ऑक्सफोर्ड और केम्ब्रिज में पढने का एहंकार है ,भारत का क़ानून मंत्री विकलांगों और भारतके आम आदमी को इंग्लैण्ड में जाके थर्ड ग्रेड का बतलाता है ,यह कहते हुए कि इन लोगों को एकराजनीतिक पार्टी
बनानी है इसलिए ये मुझपे आरोप लगातें हैं .इंग्लैण्ड वाले मुझे सम्मानित करते हैं .
ये व्यवहार भारत के कानून मंत्री के अनुरूप नहीं है .आप वहां धन्यवाद करके आजाते .शिकायतकरनी ही थी तो माता जी से करनी थी दुखड़ा अपना रोना था तो हाई कमान के आगे रोना था.क्या भारत के कानूनमंत्री इंग्लैण्ड वालों को सुपर हाईकमान मानते समझतें हैं .इनकी नजर में जो भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ता है वह थर्ड ग्रेड का आदमी है और जो भ्रष्टाचार करता है वह फस्ट ग्रेड का है .
ऐसे फस्ट ग्रेड के क़ानून मंत्री की क्या भारत को सचमुच ज़रुरत है जो अपना आपा खोकर सच
उगलवाने वाले पत्रकारों को कहता है शट अप !सोनिया जीकृपया बतलाएं ?बे -चारे केजरीवाल साहब पूछते हैं .पुनश्चय :सलाम खुर्शीद साहब आप हारवर्ड में पढ़ें हैं तो वहां जाकर दूसरी तरह से चापलूसी कर लेते.प्रधानमन्त्री जी की तरह आप भी कह आते ,हिन्दुस्तानी बहुत गंवार थे आपने ही आकर सबकुछ सिखाया .प्रधान -मंत्रीजी भी खुश हो जाते ,मेरी लाइन पे चल रहा है .आप वहां जाकरविकलांगों को भारत के उस आम आदमी को थर्ड ग्रेड का कह आये जिसके साथ आपका हाथहमेशा रहता है .दीगर है की हाथ भी आपका उसकी जेब में ही रहता है .वह आम आदमी तो आपके किये गए दुष्कर्मों के जुटाए गए प्रमाण ही दिखा रहा था .ये महज़आरोप नहीं थे आपके दोष थे .आप पहले पत्रकारों को अपने घर बुलातें हैं प्रेस कान्फरेन्स करते हैं फिर उन्हें कहतें हैं बाहरनिकल जाओ सबके सब .और केजरीवाल साहब आप सलमान साहब के किए का सोनियाजी और प्रधान मंत्रीजी से क्योंज़वाब मांग रहें हैं ?वे तो बेचारे संसद में कुछ नहीं बोलते .जिन्होनें चुप्पी को अपना हथियार बना रखा है .आपशायद हड़बड़ाहट में भूल गए कोयला खोरी में राजा तो खुद मात खाए बैठा है .पिटे हुए मोहरे क्याज़वाब देंगे .वाडरागेट ने बेचारी सोनिया जी को बे -जुबां कर दिया है .सलमान जी खुर्शीद साहब जब आदमी का अन्दर का सिस्टम गड़बड़ा जाता है ,तब वह झूठाशपथ पत्र और तस्वीरें लेकर तो खड़ा हो जाता है लेकिन बैनर में यह भी नहीं देख पाता इनमेंतारीख कौन सी पड़ी है .आपको संविधानिक पद पर रहते हुए पत्रकारों से बात करते वक्त संयम बरतना चाहिए था .वैसेतो आपको और लुईस खुर्शीद को कोई नहीं जानता था कितनों को यह भी नहीं पता था आपभारतसरकार के क़ानून मंत्री हैं .अब इंग्लैण्ड वाले भी जान गए साथ ही हैरान और परेशान भी हैं ,हमारे यहाँ आकर खुर्शीद जैसेलोग पढ़ गए जो अपने देश के आम आदमी के लिए ही असंविधानिक भाषा का इस्तेमाल करतेहैं .आपको अपनी परम्परा का तो ध्यान रखना चाहिए था आप पूर्व राष्ट्रपति डॉ .जाकिर हुसैनसाहब की लड़की के लड़के हैं ,*धेवते हैं .हम आपके प्रशंसक रहें हैं और हमें आपसे पूरी सहानुभूति है लेकिन जिन्हें आप निराधार आरोपबतला रहें हैं वह आरोप नहीं आपके दोष हैं .आरोप तो अ -पुष्ट ,सुनी सुनाई बात पे आधारितहोतें हैं ये तो साक्ष्य हैं जिन्हें आप झुठला रहें हैं .जो इन्हें उजागर करते हैं वह आपको बुरे लगते हैं .आप उन्हें थर्ड ग्रेड ,रेबिल राउज़र ,भीड़ मेंहिंसा फैलाने वाला कहतें हैं .ब्लेक मेलर कहतें हैं .
आपसे धतकर्म करवाले ,फिर उसका फायदा उठाए .आर्थिक लाभ प्राप्त करे .वह तो आपके काले
कारनामे ही उजागर कर रहें हैं .
आप कृपया ऐसी भाषा बोलकर अपना स्तर न गिरायें .आप मृदु भाषा के लिए जाने जाते हैं
.भारत के क़ानून मंत्री हैं .
क़ानून की ही भाषा बोलें .पत्रकारों को आप कह रहें हैं कचहरी में देख लूंगा .देख लेंगे तो देख ही
लेना फिर धमकी क्यों दे रहें हैं .
आपकी ब्लेक-टार -निश्ड पर्सनालिटी को सिर्फ इक्स्पोज़ किया गया है .पत्रकारों ने तो आपको
स्पष्टीकरण का मौक़ा ही दिया था .आप अपने होशो हवाश न खोइए ,खुद को संभालिये प्लीज़
.हम बेहद चिंतित हैं . आपके उस बयान पर जो आपने एक न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात पर
दोहराया जिसमें आपने केजरीवाल को गन्दी नाली का कीड़ा कहा था ,जब चैनल ने आपको याद
दिलाया की आप तो अपनी विनम्र भाषा के लिए जाने जाते हैं तो आप विफर कर बोले गन्दी
नाली का कीड़ा उसे न कहूं तो क्या भारत रत्न कहूं ,कहूं की नेहरु के बाद सबसे बड़े चिन्तक
केजरीवाल ही हुए हैं।
मंत्री महोदय यह बात आप बिलकुल सच कह रहें हैं केजरीवाल साहब भारत रत्न नहीं हैं
रिमोटिया सरकार के नवरत्न कौन कौन हैं अब यह सारा देश जानता है . विश्व रत्न और रत्न
मणि कौन है यह भी .
रविवार, 14 अक्तूबर 2012
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4 टिप्पणियां:
वीरू भाई राम-राम !
नक्कारखाने में तूती को आवाज़ को सुनेगा कौन ?
आपकी सोच को प्रणाम ...
Ram ram bahi, enka bs chale to "sach kalpna se aage niklne lg gye hai.....aadmi ab aadmi ko bhun khane lag gye hai...."klm ki dhar ek din rang layegi zoorur,chahe tu mane n mane kl subah hogi zoorur...
वाह!
आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को कल दिनांक 15-10-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-1033 पर लिंक किया जा रहा है। सादर सूचनार्थ
एन जी ओ बनवाय के, दे देते घर काम ।
है आराम हराम जब, मिलें काम के दाम ।
मिलें काम के दाम, बड़ों की बीबी काबिल ।
ढेरों दान डकार, होंय घपलों में शामिल ।
कारोबारी बड़े, जुटे हैं मंत्री अफसर ।
हकमारी कर तान, रहे ये सीना रविकर ।।
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