बुधवार, 20 जून 2012

क्या गड़बड़ है साहब चीनी में

क्या गड़बड़ है साहब चीनी में 

WHAT IS WRONG WITH SUGAR ?

प्रच्छन्न  और  घातक  रूप  से  चली  आती  है  चीनी हमारी खाद्य सामिग्री में .सिर्फ भोजन के अंत में परोसा जाने वाला आपका मधुर व्यंजन नहीं है चीनी .सिर्फ मिष्ठान्न नहीं है सुगर .

वाईट ब्रेड ,मीठे फल ,दूध यहाँ तक की आपकी तमाम किस्म की शराबें ,अनाज आदि भी कुछ न कुछ कुदरती या कृत्रिम अंश चीनी का छिपाए हुए हैं .

यदि आप ओवर वेट हैं आपकी कमर का घेरा आपकी हाईट के आधे से ज्यादा है तब रोजाना एक चम्मच भर चीनी भी आपको मोटापे की तरफ ठेलती चली जाएगी .ओबीसिटी की जड़ में ले आएगी .

स्टार्च के बनिस्पत चीनी को हमारी काया हमारा कायिक,तंत्र हमारी बॉडी   २-५ गुना ज्यादा वसा में तब्दील कर देती है .अपचयन के ज़रिए .

अपनी किताब Lick the Sugar Habit में  पोषण  विज्ञानी Nancy Appleton ने ऐसे  146 तरीकों  का  ज़िक्र  किया  है जिनके ज़रिए चीनी हमारे स्वास्थ्य को चौपट करती है .

एक छोर पर चीनी 

(१)ग्रोथ हारमोन को घटाती है .

(२)दूसरे छोर पर कोलेस्तिरोल को बढ़ाती है . 

(३)हमारी काया द्वारा  प्रोटीन की ज़ज्बी में व्यवधान पैदा करती है .दखल अंदाजी करती है .

(४)बीनाई को कमज़ोर करती है .

(५)फ़ूड एलर्जीज़ (खाद्य प्रत्युर्जा )  पैदा करती है .

(६)हृदय एवं ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाओं  )के रोगों की वजह बनती है .कार्डियो -वस्क्युलर डिजीज कह देतें हैं इन रोगों को .

(७)हाइपर एक्टिविटी पैदा करती है .

(*८)एन्ग्जायती (बे -चैनी )की भी वजह बनती है .

(९)ध्यान टिकाने में एक जगह दिक्कत पेश करती है .ध्यान भंग करती है चीनी .

(१०)जीवाणु संक्रमण के प्रति रक्षण को कमज़ोर करती है .

(११)ईस्ट संक्रमण को बे तहाशा ,बे -काबू हो पनपने में मदद करती है .

(१२)बढ़ाती है क्रेन्किनेस को .झक्कीपन और सनकी- पन को .चिड- चिडा- पन  बढा रही है चीनी .धुनी भी बना रही है आबाल्वृद्धों को .

   ये सब जान सम्जः कर भी मैं  और आप सुगर को एक दम से बे -दखल भी नहीं कर सकते अपनी खुराक से लेकिन इसका कोई सुरक्षित विकल्प तो तलाश ही सकते हैं अपनी समझ  से चीज़ों की उपलब्धता और उन तक हमारी पहुँच के अनुरूप .

(ज़ारी ...)





WHAT IS HIGH FRUCTOSE CORN SYRUP(HFCS)?


 कार्बोनेटिद पेय में जिस लिक्विड सुगर का स्तेमाल होता है (कथित सुगर घोल ) है उसे ही कहतें हैं HFCS.फिर चाहे वह पेय सोडा हो या कोई फ्रूट मिक्स .बेकरी के तमाम उत्पाद केक हों या फिर बिस्किट इनके असर को बनाए रहने के लिए ही इस्तेमाल में लिया जाता है यह सीरप .

आपकी ज्यादातर समस्याओं की जड़ यही कोर्न सीरप है .याद रखें भाई साहब , इस ज़ालिम का नाम पूरा -हाई -फ्रक्टोज -कोर्न -सीरप .

ऐसी आफत क्या आ गई आखिर ?

इसे क्योंकि कोर्न स्टार्च (मकई से प्राप्त स्टार्च )से प्राप्त किया जाता है इसलिए इसमें मौजूद रहतें हैं सिर्फ और सिर्फ कार्बोहाईद्रेट्स .यह पोषक तत्वों,पुष्टिकर न्युटरीयेंट्स  से पूरी तरह बरी रहता है इसीलिए इसका पोषण मान शून्य है .
 
इसके बरक्स गन्ने के ज्यूस में या गन्ने से प्राप्त चीनी में कमसे कम केल्शियम ,विटामिन सी और विटामिन ए तो मौजूद रहता ही है भले यह भी शुद्ध शक्कर हो प्योर सुगर हो .

गन्ने के ज्यूस से रोग प्रति -रक्षण ही नहीं बढ़ता प्यास भी बुझती है चीनी के  शरबत और शिकंज्बी से भी .

लेकिन HFCS प्यास  को  बढाते  हैं  काया  से  जल  ले  उड़ते  हैं  .निर्जलीकृत करतें हैं काया को .यही हकीकत है उस विज्ञापन की जिसमे एक नाम चीन हस्ती कहती है -जी करता है प्यास लगे .
ठंडा माने ...खैर जाने दीजिए आप समझ ही गए हैं हम किस ओर इशारा कर रहें हैं .

यकीन मानिए क्रिस्टलीय चीनी ,(चीनी के दाने),  भी कुछ न कुछ केल्शियम लिए चलती है .

चुकंदर से भी बनाई जाती है चीनी खजूर से भी .इसके क्रिस्टल बनाते वक्त जिस रासायनिक वाष्पीकरण की क्रिया संपन्न होती है वह इसके पोषक तत्व ले उडती है .अब इसे रंग हीन बनाने के लिए ब्लीच किया जाता है .संसाधित किया जाता है यकसां क्रिस्टल बनाने के लिए .
सिंघानिया कहतें हैं यही वह प्रक्रिया है जो इसे हमारे इस्तेमाल के लिए बेकार ,नाकाबिल  बना देती है .रूप पे मरके क्या कीजिएगा .यही रूप फिर आपको मारेगा .

बीच का रास्ता है टेबिल सुगर 

शुद्ध गन्ने का रस और  गुड के बीच की कड़ी है चीनी .टेबिल सुगर में मौजूद रहता है ५०%फ्रक्टोज और इतना ही ग्लूकोज़ .लेकिन इसमें कुछ रसायन भी आ जुड़तें हैं .

हमारे जिगरी दोस्त बन चुके कोर्न सीरप में ४५% ग्लूकोज़ ,५५% ';फ्रक्टोज रहता है .

ऐसा फ्रक्टोज जिसका स्रोत फल नहीं हैं मोटापे की ओर सहज ही ले जाता है .यहीं लुट जाता है भरत- पुर सुबह, दोपहर और  शाम.चीनी के साथ रहती   है गन्ना   ,चुकंदर ,खजूर की याद .
पेन केक हो या कुछ और बिना कोर्न सीरप के बे -स्वाद .ये स्वाद का जादू फिर लाता है रोगों की माई बाप मोटापा .

ट्राई  -ग्लीस -राइड्स का स्तर हमारे खून में बढाता है कोर्न सीरप .

पैदा कर सकता है फेटि लीवर डिजीज .

अपनी वंश वृद्धि करने के लिए द्विगुणित होने के लिए कैंसर कोशाएं इसी फ्रक्टोज का इस्तेमाल करतीं हैं .हालिया शोध की खिड़की से रिसके आया है यह तथ्य .


(ज़ारी ..) 




Robin Shreeves

High fructose corn syrup is not sugar, says FDA

Food and Drug Administration denies the Corn Refiners Association's request to change the name of the famous syrup to corn sugar.

Thu, May 31 2012 at 8:26 AM EST


Cubes of sugarPhoto: Shutterstock
Sugar — or should I say The Sugar Association — can breathe easy. Consumers who actually bother to look at the ingredients' list on a food package won’t have to worry about high fructose corn syrup masquerading as sugar anytime soon. If theCorn Refiners Association (CRA) had gotten its way, high fructose corn syrup (HFCS) would have been called corn sugar on the ingredients' list.
Two years ago, the CRA petitioned the Federal Drug Administration (FDA) for the name change. Why? HFCS was responding to a public backlash. HFCS was seen as unnatural as interest in organic and whole foods gained momentum. In an ironic twist of events, sugar — which had been considered unhealthy for a long time — suddenly became desirable (or at least the more desirable option) because it’s considered natural.
It seemed as if the CRA decided that if the group couldn’t convince healthy food advocates that the product was healthy, they would try to confuse them by using the word sugar. In requesting the name change, the CRA claimed on its website it was actually trying to clear up confusion by calling HFCS what it should have been called all along, “corn sugar.” It seemed to me that what was really happening was that the CRA was trying to reclaim lost consumers by making them think the ingredient was no longer in certain foods.
Yesterday, the FDA shot down the name change and rejected the notion that the term high fructose corn syrup confused consumers. The FDA said the name change would confuse consumers because sugar is considered “a solid, dried, and crystallized food; whereas syrup is an aqueous solution or liquid food.” They also said that corn sugar is already the name used for dextrose, and people could be confused by the name change. In addition, those with “hereditary fructose intolerance or fructose malabsorption” who eat dextrose could be at risk if they mistakenly thought the HFCS corn sugar was the same as dextrose corn sugar.
So for now, high fructose corn syrup will be keeping its name. I’m sure the CRA is already looking for a new way to disassociate itself with the term high fructose corn syrup.

क्या है चीनी हमारी बातचीत में ? 


 HOW MUCH SUGAR ARE WE TALKING?

यार  थोड़ी  सी  चीनी  है फिर माले मुफ्त .ग़ालिब साहब कह गए हैं मुफ्त हाथ आये तो बुरा क्या है .आखिर कार चीनी  एक एनर्जी बूस्टर ही तो है .दिन भरकी  धूप  में भाग दौड़ के बाद हर्ज़ क्या है बर्गर और फ्रेंच फ्राईज़ के साथ मुफ्त मिल रही है कोक /पेप्सी /सोडा ,फ्री रिफिल के वायदे के साथ .पियो जितना मर्जी .

सिंघानिया लायें हैं हमारे लिए पूरा हिसाब किताब किस उत्पाद में कितनी चीनी हैं .आप SNDT WOMEN'S UNIVERSITY में Ph.D SCHOLAR हैं  . 


(१)कोल्ड ड्रिंक की एक केन में मौजूद रहती है हाई -फ्रक्टोज- कोर्न- सीरप(HFCS) के रूप में कुल  ९ चम्मच चीनी .

(२) इतने ही पैकेज्ड ज्यूस में रहती है HFCS के रूप में ५ चम्मच चीनी .

(३)एक लार्ज कोल्ड ड्रिंक में HFCPS के रूप में मौजूद रहती है २४ चम्मच चीनी .

(४)पैकेज्ड लाम ज्यूस में HFCS के  रूप  में   ही  मौजूद रहती  है ४-५ चम्मच चीनी .

(५)एक ग्लास गन्ने के ज्यूस में रहती है प्योर सुगर के बतौर ४-५ चम्मच चीनी .

(६)घर में तैयार लाइम ज्यूस नीम्बू शिकंज्बी के एक ग्लास में टेबिल सुगर के रूप में सिर्फ तीन चम्मच चीनी .

सवाल केवल चीनी की मात्रा का ही नहीं है मिठास के स्रोत का भी है .कौन सी किस्म मिठास की आप इस्तेमाल कर रहें हैं ?महत्वपूर्ण यह है अब यह आप पर है आप अपने लिए किसका चयन करतें हैं .मोटापे का सम्बन्ध चीनी की मात्रा ही नहीं किस्म से भी है .जैसा हम पूर्व की दो किस्तों में कह आयें हैं .



(१)HFCS

(2) PURE SUGAR 

(3)SUGAR FREE   

7 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

मीठी चीनी इतनी डरावनी ...
चीनी के बिना गुज़ारा भी नहीं ... आपका आभार होगा अगर आप इसके विकल्प भी बता दें जो प्राकृतिक रूप में उपलब्ध हैं ...
राम राम जी ...

Anita ने कहा…

मधुरा चीनी के इतने सारे दोष ! इससे बच के ही रहना चाहिए...किसी जगह पढ़ा था चीनी मीठा जहर है..

Coral ने कहा…

सच मे इतनी घातक है और फिर भी हर खुशी मे मुह मीठा करने से नहीं चुकते ... very informative thanks for sharing.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

क्या अब मीठा खिलवाना भी छुड़वा देगें।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

आपकी पोस्ट पढकर मीठा खाना बंद करना पडेगा,,,

MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...

मनोज कुमार ने कहा…

आप बच्चे (डयबिटिक) की जान लेंगे क्या। इतना डराते हैं। पर चेताना आपका काम है। यह भी उतना ही सही है।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

दो लेख पढ़ तो लिए थे ...पर टिप्पणी नहीं दे पायी थी ..... असल में चीनी से दर ही गयी थी :):)


बढ़ाती है क्रेन्किनेस को .झक्कीपन और सनकी- पन को .चिड- चिडा- पन बढा रही है चीनी .धुनी भी बना रही है आबाल्वृद्धों को .

यह बात बिलकुल नयी पता चली .... खुशी के मौके पर मुंह मीठा करने की बात होती है .... पर अब तो लगता है कि मीठा खिलाना दुश्मनी निभाने के समान हो जाएगा :):)