न्यूरोन सर्किटों में सुधार ला सकता है योग
'Meditation can improve brain wiring in a month '/TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA,NEW DELHI ,JUNE 14,2012,P23
संत महात्मा ,योग गुरु ,राजयोगिनी दादियाँ ( ब्र्ह्माकुमारीज़ विश्व -विद्यालय ) ,योग गुरु रामदेव जी जिस बात का बखान बरसों से कर रहें हैं अब साइंसदान भी उस पर अपनी मोहर लगा रहें हैं .
एक नए अध्ययन से पता चला है ध्यान (योग साधना ,मेडिटेशन )हमारे दिमाग के न्यूरोन परिपथों ,ब्रेन वायरिंग ,दिमागी कम्युनिकेशन नेट वर्क ,न्यूरोन -न्यूरोन संवाद में महीना भर के अभ्यास के बाद ही सुधार पैदा कर सकता है .
इस शोध से अनेक मानिसक रोगों के इलाज़ के नए क्षितिज खुल सकतें हैं .
Integrative body -mind training(IBMT)
अमरीकी साइंसदानों ने समेकित तन मन प्रशिक्षण (एकीकृत काया मन प्रशिक्षण ) के PRABHAAVON का AAKLAN विश्व VIDYAALAY CHHAATRON के DO SAMOOHON पर KIYAA .
PTAA चला INKE दिमाग में इस DARMIYAAN MAHTVPOORN BHAUTIK BADLAAV PAIDAA HUE ,INHEN DRZ KIYAA GYAA . IN NBADLAAVON KO PAIDAA HONE में KUL CHAAR VSAPTAAH का VAKT लगा .
NYUNTAM SAMY दिमाग में AAYE BHAUTIK BADLAAVON का MAATR 11 GHANTAA DRZ KIYAA GAYAA .
AISAA है JAADU मेडिटेशन का ,योग का JISKEE अनेक SHAILIYAA AAJ DUNIYAAN भर में PRACHLIT हैं SAHAZ APNAANE YOGYA .
SAHAZ SARAL है RAAJ योग JISKAA प्रशिक्षण NIS -SHULK BRHMAA KUMAAREEZ विश्व विद्यालय DUNIYAA भर में DE RAHAA है .POORE BHAARAT भर में भी ISKEE SHAAKHAAYEN हैं .
10 टिप्पणियां:
आयुर्वेद जो सदियों पुरानी परमपा है उसमें बहुत सी जानकारी है ... इलाज हैं ... समाधान हैं ... जरूरत उनको आज के सन्दर्भ में विज्ञानिक तरीके से समझाने की है ... जो धीरे धीरे बाहर आ रहा है ...
राम राम जी ...
वाह रे योग ... इसलिए हमारे ऋषि-मुनि ... दिर्घाऊ होते थे
कमाल की सूचना लाते हैं आप ...
राम राम भाई !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति वाह!
इसे भी देखें-
ग़ाफ़िल छुपा खंजर नही देखा
विज्ञान का भी समर्थन |
आभार ||
बहुत उपयोगी है योग और साधना .
लेकिन करना ही मुश्किल लगता है भाग दौड़ की जिंदगी में .
ऑक्सीजन सब दुरुस्त कर देती है..
बहुत मेहनत से तैयार की गई जानकारी। आभार इस जानकारी को हमसे शेयर करने के लिए।
useful informative post
meditation helps
धन्यवाद! शाकाहार हो या योग, विज्ञान की प्रगति के साथ भारतीय परम्परा के कई घटकों की खूबियाँ सामने आ रही हैं। अमरीकी साइन्सदानों ने कह दिया तब तो भारत में भी कई लोग मानने लगेंगे. वैसे एक "प्रगतिशील" वर्ग ऐसा है जो भारतीय संस्कृति और अमेरिकी समर्थन दोनों को ही अन्धविरोध के योग्य मानता है। उनके न्यूरॉंस का न जाने क्या होगा।
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