गर्भाशय गर्दन कैंसर से मरने वाली हर चौथी महिला आज भारतीय क्यों है ?
Habits raise cervical cancer risK
Poor Huygiene,Unprotected Sex With Many Partners Key Factors/TIMES CITY /SUNDAY TIMES OF INDIA,NEW DELHI,JUNE 10,2012/P5
इन्टरनल एजेंसी फॉर रिसर्च आन कैंसर के मुताबिक़ गर्भाशय गर्दन कैंसर से मरने वाली आज हर चौथी महिला भारतीय होती है ,२०२५ के आते आते मृत्यु दर में ७०%और इजाफा हो सकता है .
क्या वजुहातें हैं इस विषम स्थिति की
(१) एक से ज्यादा यौन साथी बनाना उनके साथ यौन संगम मनाना ,यौन डुबकी लगाना .
(२)प्रजनन अंगों की साफ़ सफाई का यौन मिलन मनाने के बाद भी,उससे पहले भी अभाव .
(३)कम उम्र में यौन मिलन मनाना
(४)बिना सावधानी यौन संक्रमण से बचावी उपाय अपनाए खुले प्राकृत यौन सम्बन्ध बनाना .
ह्यूमेन पेपिलोमा वायरस (HPV)बनता है बच्चे दानी की गर्दन के कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा कैंसर )की वजह
यौन सम्बन्ध बनतें हैं इसके संक्रमण की वजह .जिस महिला के एक से ज्यादा यौन संगी बन जातें हैं या फिर वह ऐसे पुरुष के साथ मैथुन रत होती है जिसके पहले ही एक से ज्यादा महिलाओं के साथ यौन संपर्क हैं ,उसके लिए यह ख़तरा और भी बढ़ जाता है .
अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञानों और अनुसंधान केंद्र,नै दिल्ली , के डॉ .जी, के. रथ इसके व्यापक प्रसार की यही वजह मानते हैं .आप संस्थान के बी .आर. ए. इंस्टिट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल के मुखिया हैं .
Early exposure to human papilloma virus raises the risk of cervical cancer .Doctors stress the need for vaccination
प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य विज्ञान (genital hygiene) से वाकिफ होना और उस पर चलना इस खतरे के वजन को ५०%कम कर सकता है .है न आसान उपाय
लेकिन साहब यहाँ सबको साफ़ पानी भी मयस्सर नहीं है झोपड़ पट्टों में ,सुदूर अंचलों में .
भारत सरकार ठीक ही कहती होगी कंडोम एक फायदे अनेक
क्या कहतीं हैं डॉ आशा शर्मा (स्त्री रोग प्रभाग ,Rockand Hospital)
जो लडकियां कम उम्र में ही यौन सम्बन्ध बना लेती हैं उनके लिए इस खतरे का वजन बढ़ जाता है .खतरनाक है कम उम्र में यौन चस्का .
.ऐसे में कैंसर को पनपने के लिए ,विषाणु को कैंसर कोशायें पैदा करने के लिए एक खासा लम्बी समय अवधि मिल जाती है .
इसीलिए HPV VACCINATION अब और भी ज़रूरी है .
यहाँ तो आये दिन सेक्स रेकिटों का भण्डा फोड़ होता है जिसमें कम उम्र लड़कियों को ज़बरिया देह व्यापार में ढकेला जाता है .कई बार अपने भी शरीक होतें हैं इस खेल में .
गरीबी तेरे कई नाम
डॉ सुवर्षा खन्ना (धर्म शिला कैंसर अस्पताल और शोध केंद्र )कहतीं हैं
अमीर मुल्कों (विकसित राष्ट्रों )में
रोग निदान जल्दी हो जाने से बच्चे दानी के कैंसर को काबू में कर लिया गया है .
नियमित पैप स्मीअर टेस्ट (pap smear tests) सभी यौन सक्रिय महिलाओं को एहतियातन करवाते रहना चाहिए .इस परीक्षण में गर्भाशय ग्रीवा से ना -मालूम सी खुरचन ली जाती है .
स्त्री रोगों की माहिरा से नियमित अंदरूनी जांच करवाना एक बचावी उपाय है
एक उम्र के बाद यह परीक्षण एहतियात के तौर पर करवाना ही चाहिए
कब ?यह फैसला माहिरा को करने दें आपकी आदतों के अनुरूप
दाई से पेट नहीं छिपाया जाता है
इन मामूली उपायों से रोग निदान समय रहते हो जाता है ,इलाज़ भी .
क्या हैं आरम्भिक लक्षण गर्भाशय गर्दन कैंसर का
(१)योनी से असाधारण स्राव
(२)मासिक चक्रों के बीच में भी रक्त स्राव
(३)पीड़ा जनक मैथुन
(४)मैथुन के बाद रक्त स्राव
(५)Pelvic pain and weight loss
श्रोणीय
पीड़ा (श्रोणी प्रदेश में पीड़ा )और असर ग्रस्त महिला के तौल में, वजन में, कमी आना
इलाज़
इलाज़ इस बात से तय होता है कि आपका कैंसर किस चरण में है
आरम्भिक चरण में cone biopsy कारगर साबित होती है .इसमें गर्भाशय गर्दन का एक हिस्सा अलग कर दिया जाता है .
लेकिन कैंसर के बहुत अधिक आगे बढ़ फ़ैल जाने पर गर्भाशय ही हटाना पड़ता है .
इसके साथ विकिरण और रसायन चिकित्सा भी की जाती है वक्त ज़रुरत के मुताबिक़
कुछ मामलों में विकिरण और रसायन चिकित्सा से ही बारी बारी काम लिया जाता है . केवल विकिरण चिकित्सा भी कारगर हो जाती है ,कुछ और मामलों में .
ज़रुरत सामयिक रोग निदान की है .
7 टिप्पणियां:
bahut acchi jankari....
VAAKAI MAHATVPPURN JANKERI VALI POST......
Upyogi soochnaa.
जानकारी का शुक्रिया ... राम राम जी ..
बहुत उपयोगी जानकारी....
ज्ञानभरी जानकारी..
Informative Post
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