गुरुवार, 24 मार्च 2011

नींद से महरूम (वंचित )लोग जूए में ज्यादा हारतें हैं .

स्लीप डिप्रै -वेशन मे एन करेज रिस्की डिसी -जंस ।
इक नए अध्ययन के मुताबिक़ नींद पूरी न ले पाना ,नींद से महरूम रह जाना व्यक्ति को एकऐसी ,ज़रुरत से ज्यादा आशावादी सोच की ओर ठेलने लगता है जहां व्यक्ति संभावित आर्थिक नुकसानी का ,एक बड़े आर्थिक नुकसान का कयास (अंदाजा )ही नहीं लगा पाता .यही लब्बोलुआब है एक नवीन अध्ययन का जिसे ड्यूक विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने अंजाम तक पहुंचाया है ।
रिसर्चरों ने २९ मर्दों पर नींद की मेह्रूमियत (स्लीप दिप्रईवेशन )को आजमाया .इनसे एक सुबह तब कुछ आर्थिक निर्णय लेने के लिए कहा गया जब गत रात इन्होने पूरी नींद ली थी एक और सुबह तब जब ये नींद से महरूम रहे .दोनों ही मौकों पर इनके ब्रेन के फंक्शनल एम् आर आई लिए गए ।
जो लोग नींद से पिछली रात महरूम रहे थे उनके दिमाग के वह हिस्से ज्यादा रोशन थे ज्यादा सक्रिय थे जो सकारात्मक सोच से ताल्लुक रखते हैं व्यक्ति को आशावादी बनाते हैं ,जबकी नकारात्मक सोच(निराशावाद से सम्बद्ध ) से सम्बद्ध हिस्से कम रोशन हुए ।
"लेक ऑफ़ स्लीप इम्पेक्ट्स ऑन फिनेंशियल डिसीज़न मेकिंग "जर्नल ऑफ़ न्यूरो -साइंसिज़ (८मार्च )'में प्रकाशित हो चुका है यह अध्ययन ।
नाईट गेम्ब्लार्स के लिए यह अच्छी खबर नहीं है .जिनकी नजर बड़ी जीत पर तो टिकी रह जाती है नुकसानी पर नहीं ।
यहाँ (केसिनोज़ में )उन्हें पस्त करने वाली सिर्फ अन -फेव्रेबिल मशीनें ही नहीं है ,वह उस नींद से महरूम दिमाग के हाथों भी पिट्तें हैं जो उन्हें लगातार जीत की उम्मीद बंधाये जारहा है नुकसानी की तरफ जिसका ध्यान ही नहीं है .
अलावा इसके केसिनोज़ पूरा माया जाल फैलातें हैं ,छल कपट करतें हैं तरह तरह की तरकीबें आज्मातें हैं आपका ध्यान नुकसानी से परे रखने के लिए .डॉलर्स की जगह चिप्स और इलेक्ट्रोनिक क्रेडिट्स का इसीलिए तो स्तेमाल किया जाता है ,ऊपर से रोश्नियाओं का जादू ,फ्लेशी लाइट्स ,मादक आवाजें ."बार" बालाएं और मुफ्त शराब ."मुफ्त की पीते थे (ग़ालिब) शराब ,सोचते थे रंग लाएगी हमारी फाका मस्ती एक दिन ।"
और बी बढा देती है जूए की तलब को नींद से महरूमी .यकीन मानिए .

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