बुधवार, 28 अप्रैल 2010

दुखते दिल को मरहम लगाता है संगीत

'म्युज़िक सूद्स दा स्ट्रेस्ड हार्ट '(हार्ट डाइजेस्ट ,कवर ,टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल २८ ,२०१० )।
संगीत के माहिरों का कहना हैं संगीत दिल पे पसरे दवाब से छुटकारा दिलाता है ।
शास्त्रीय संगीत की जानी मानी गायिका सुधा रघुनाथन का मानना है ,कुछेक राग (शास्त्र बद्ध बंदिशें )स्वस्थ चित्त होने का एहसास करवातीं हैं .(वैसे तो संगीत ध्यान की ही एक अवस्था है )।
बेशक रागों की पसंदगी हर व्यक्ति की अलग अलग हो सकती है .लेकिन आमतौर पर रागस साहना(एस ए एच ए एन ए ),राग देश ,सुभापंतुवाराली ,द्विजवंथी ,नीलाम्बरी ,रीथिगोवला ,अनंदा भैरवी ,अहीर भैरवी ,चक्रवाहम ,कापी और मध्यमावाठी सच- मुचमें आपको अपने अच्छा होने का एहसास करवातें हैं ।
फिल्म बैजू -बावरा में रागों की लीला ,रागों के प्रभाव का बेहद खूब -सूरत चित्रण दिग्दर्शन हुआ है ।

कोई टिप्पणी नहीं: