शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

भूकंप का पूर्वाभास लगालेतें हैं "टोड्स ".

जर्नल ऑफ़ जूआलोजी में प्रकाशित एक अध्धययन के मुताबिक़ मेढकों की ज्यादर स्थल पर रहने वाली एक किस्म (टोड्स, एन एम्फीबियन ) भूकंप से पहले रिसने वाली गैसों और आवेशित कणों को भांप कर आपदाग्रस्त होने वाले स्थान से भाग खड़ी होती है ।
इटली में अप्रैल २००९ को आये भूकंप से पांच दिन पहले ही टोड्स ने चेतावनी प्रसारित कर दी थी .तीन दिन पहले हीये सारे उभयचर (एम्फिबीय्न्स ,टोड्स )ल"अकुइला शहर से भाग खड़े हुए थे .इस काम में नर मेढक ज्यादा संवेदी थे .इस शहर में ३०० लोग मारे गए थे ,चालीस हजार बेघर हो गए थे ।
इस अध्धययन के अगुवा रहे राचेल ग्रांट कहतें हैं यह अपने तरह का पहला अध्धययन है जिसमे भूकंप से पहले ,भूदोलन के दरमियान और इसके बाद टोड्स के व्यवहार और आवास में आये बदलाव का जायजा लिया गया है ।
पूर्व में आयनमंडल में होने वाले विक्षोभ (पर -तर -बेशन ) का सम्बन्ध भूकंप से पूर्व ज़मीन के नीचे से भूकंप पूर्व रिसने वाली रे -दोन गैस ,गुरूत्वीय तरंगों आदि से जोड़ा जा चुका है .हाथी घोड़ों भेडियो सर्पों ,मच्छियों के व्यवहार में भूकंप पूर्व होने वाले बदलावों को भी दर्ज किया गया है .कहतें हैं भूकंप से पहले घोड़े अस्तबल से भाग खड़ें होतें हैं ,सर्प बिलों (बाम्बिओं )से बाहर निकल आतें हैं ।
लेकिन फिर भी भूकंप अबूझ रहा है .हो सकता है इस अध्धययन से एक नै रौशनी पड़े ।
सन्दर्भ सामिग्री :टोड्स केंन तेल वेंन क्युएक्स एबाउट तू स्ट्राइक .(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल १ ,२०१० )

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