क्या हैं प्लाज़्मा सेल कैंसर 'माये -लोमा' के लक्षण ?
माये -लोमा बिना लक्षणों के भी बना रह सकता है और फिर एक दिन अचानक रूटीन रक्त जांच के दौरान आपका डॉ. आप से कहे आपको माये -लोमा है। कुछ अन्य लोगों में इस रोग का पता तभी चलता है जब लक्षणों के उग्र रूप धर लेने पर उन्हें अस्पताल में इलाज़ के लिए दाखिल होना पड़े और तब अन्यान्य परीक्षण रोगनिदान प्रस्तुत करें पुख्ता करें। लक्षण अनेक हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
(१) अस्थियों का विनष्ट होना ,हानि पहुंचना हड्डियों को बिना किसी ख़ास वजह के फ्रेक्चर हो जाना अस्थियों का ,दर्द होना हड्डियों में खासकर रीढ़ और छाती की अस्थियों में ,छीजना कमज़ोर पड़ना ,रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाना।रीढ़ पर दवाब महसूस करना (spinal compression ),स्नायुविक परेशानियां (नर्व -प्रॉब्लम्स )से दो चार होना।
(२) हीमोग्राम लेने पर (रक्त की पूर्ण जांच के बाद पता चले )रक्त में लाल रुधिर कण या लाल रुधिर कोशिकाओं की संख्या कमतर रह गई है सामन्य रेंज से गिरके नीचे आ गई है जिस वजह से ,खून की कमी (anemia)होने से जल्दी ही बेहद की थकान होने लगे ।जल्दी -जल्दी तरह तरह के संक्रमण (infections )का सामना करना पड़े।
(३)रक्त और पेशाब की जांच के दौरान उनमें असामान्य प्रतिपिंड (प्रोटीनों की एब्नॉर्मल किस्म पैरा -प्रोटीनें मिलें। जिनकी वजह से गुर्दे ठीक से काम न करें (अब गुर्दे तो सफाई कर्मचारी है शरीर के )इनमें आई खराबी रंग दिखाती है अपना। खून की श्यानता बढ़ जाए (Hyperviscosity ),थक्के बन ने लगें (Bood Clotting )खून के।
(४ )भूख मर जाए ,खुराख ही कम हो जाए ,कुछ खाने का मन ही न हो। मलत्याग की आदतों में बदलाव मुखर होवें।
(५ )कब्ज़ रहने लगे
(६ )मिचली आये ,जी मिचलाए (Nausea )
(७ )वजन गिरे ,कम रहे बढ़ाने पर भी न बढे
(८ )सम्भ्रम (Mental Fogginess or Confusion )आ घेरे।
(९) बारहा (बार -बार ,बात बे -बात )कोई न कोई संक्रमण (Infection )आ घेरे ,चीज़ों का ज़ायज़ा लेने संज्ञान लेने में दिक्कत आने लगे। दिमाग ठीक से काम न करे ,भुलक्क्ड़ी बनी रहे ,चीज़ों की तस्वीर साफ़ न हो।
(१० )बेहद की प्यास लगना
(११ )सुन्नी(Numbness in legs ) मेहसूस करना
ख़ास कर पैरों का सुन्न पड़ जाना । बर्निंग ,टिंगलिंग, होना ,पिन की सी चुभन का चुभन का जलन का महसूस होना टांगों में।
नंबनेस शरीर के एक ही पासे (पार्श्व या साइड में )एकल स्नायु के गिर्द और साथ -साथ या फिर दोनों पासों में भी महसूस हो सकती है।
लक्षणों के बने रहने पर इलाज़ और पुख्ता जांच के लिए चिकित्सक से समय लीजिये ताकि समय रहते रोगनिदान और इलाज़ हो सके।
सन्दर्भ -सामिग्री :
(१ )http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/multiple-myeloma/symptoms-causes/dxc-20342833
( २ ) http://www.mayoclinic.org/symptoms/numbness/basics/definiti on/sym-20050938
माये -लोमा बिना लक्षणों के भी बना रह सकता है और फिर एक दिन अचानक रूटीन रक्त जांच के दौरान आपका डॉ. आप से कहे आपको माये -लोमा है। कुछ अन्य लोगों में इस रोग का पता तभी चलता है जब लक्षणों के उग्र रूप धर लेने पर उन्हें अस्पताल में इलाज़ के लिए दाखिल होना पड़े और तब अन्यान्य परीक्षण रोगनिदान प्रस्तुत करें पुख्ता करें। लक्षण अनेक हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
(१) अस्थियों का विनष्ट होना ,हानि पहुंचना हड्डियों को बिना किसी ख़ास वजह के फ्रेक्चर हो जाना अस्थियों का ,दर्द होना हड्डियों में खासकर रीढ़ और छाती की अस्थियों में ,छीजना कमज़ोर पड़ना ,रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाना।रीढ़ पर दवाब महसूस करना (spinal compression ),स्नायुविक परेशानियां (नर्व -प्रॉब्लम्स )से दो चार होना।
(२) हीमोग्राम लेने पर (रक्त की पूर्ण जांच के बाद पता चले )रक्त में लाल रुधिर कण या लाल रुधिर कोशिकाओं की संख्या कमतर रह गई है सामन्य रेंज से गिरके नीचे आ गई है जिस वजह से ,खून की कमी (anemia)होने से जल्दी ही बेहद की थकान होने लगे ।जल्दी -जल्दी तरह तरह के संक्रमण (infections )का सामना करना पड़े।
(३)रक्त और पेशाब की जांच के दौरान उनमें असामान्य प्रतिपिंड (प्रोटीनों की एब्नॉर्मल किस्म पैरा -प्रोटीनें मिलें। जिनकी वजह से गुर्दे ठीक से काम न करें (अब गुर्दे तो सफाई कर्मचारी है शरीर के )इनमें आई खराबी रंग दिखाती है अपना। खून की श्यानता बढ़ जाए (Hyperviscosity ),थक्के बन ने लगें (Bood Clotting )खून के।
(४ )भूख मर जाए ,खुराख ही कम हो जाए ,कुछ खाने का मन ही न हो। मलत्याग की आदतों में बदलाव मुखर होवें।
(५ )कब्ज़ रहने लगे
(६ )मिचली आये ,जी मिचलाए (Nausea )
(७ )वजन गिरे ,कम रहे बढ़ाने पर भी न बढे
(८ )सम्भ्रम (Mental Fogginess or Confusion )आ घेरे।
(९) बारहा (बार -बार ,बात बे -बात )कोई न कोई संक्रमण (Infection )आ घेरे ,चीज़ों का ज़ायज़ा लेने संज्ञान लेने में दिक्कत आने लगे। दिमाग ठीक से काम न करे ,भुलक्क्ड़ी बनी रहे ,चीज़ों की तस्वीर साफ़ न हो।
(१० )बेहद की प्यास लगना
(११ )सुन्नी(Numbness in legs ) मेहसूस करना
ख़ास कर पैरों का सुन्न पड़ जाना । बर्निंग ,टिंगलिंग, होना ,पिन की सी चुभन का चुभन का जलन का महसूस होना टांगों में।
नंबनेस शरीर के एक ही पासे (पार्श्व या साइड में )एकल स्नायु के गिर्द और साथ -साथ या फिर दोनों पासों में भी महसूस हो सकती है।
लक्षणों के बने रहने पर इलाज़ और पुख्ता जांच के लिए चिकित्सक से समय लीजिये ताकि समय रहते रोगनिदान और इलाज़ हो सके।
सन्दर्भ -सामिग्री :
(१ )http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/multiple-myeloma/symptoms-causes/dxc-20342833
( २ ) http://www.mayoclinic.org/symptoms/numbness/basics/definiti on/sym-20050938
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