
लालू प्रसाद का यह तर्क बड़े से बड़े मनहूस को भी हंसा सकता है मान लो चुनावी कागज़ों में या रिकार्ड में आज से बीस साल के पहले की उम्र दर्ज़ है तो क्या लालू प्रसाद अपनी उम्र चालीस साल बतलायेंगे। चुनाव आयोग ने ये कब कहा है कि अपनी अकल का इस्तेमाल न करो पर ये भी तो ज़रूरी है कि अक्ल हो। फैसला नीतीश को करना है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि लालू प्रसाद अकल का अंधा हो और गांठ का पूरा।
शीर्षक :अक्ल का अंधा गांठ का पूरा -जो व्यवहार में समझ में बिलकुल ज़ीरो हो किन्तु अपने गांठ के पैसे को गिनने और उसे बचाये रखने में शातिर हो।
1 टिप्पणी:
राजनीति के किस्से अजब-गजब के ..
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