ये तुम्हारी कौम थी जिसने की सारी दाल खाई।
अरहड़ की अर अर छोड़ दो ,
देखो की हर हर ने कैसी धूम मचाई।
देखो की शुभ दिवाली आई।
भीतर हर हर बाहर हर हर ,
घर घर में हर हर धूम मचाई ,
देखो के शुभ दिवाली आई।
दाल तुम बे -ईमान लोग खा गए हो। दाल दलाल दबा गए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें