कटु - सत्य
बिलकुल सही कहा,
कांग्रेस से ज़्यादा शायद ही कोई और जानता हो
कटु सत्य क्या है हसमत आलम साहब ये गूगल बाबा से पूछिए -सही सही बतलायेगा की भगलपुर के हिन्दू मुस्लिम खूनी दंगे ये जो इटली से नफरत लेकर आई है इसकी सास ने करवाये थे उससे भी पहले इनकी सास के बाप ने १९४७ के रूह को कंपाने वाले हिन्दु मुस्लिम दंगे करवाये थे। आये दिन तब शिया -सुन्नी दंगे होते थे। बेहद का तनाव होता था चेहल्लुम और मुहर्रम पर। हमारा बचपन हुज़ूर मेरठ और अलीगढ के बीच बसे बुलंदशहर में बीता है जो इन दंगों से "चार यार " इबादतगाह की वजह से बच जाता था।
ये तो भला हो बाजपेयी जी का उनकी लखनऊ से नुमाइंदगी का -शिया सुन्नी दंगे बंद हो गए।
कसर मायनो के पति ने भी न छोड़ी थी अयोध्या में शिलान्यास करवा के अयोध्या में राममंदिर के पट खोलकर। बाबरी विध्वंश और मुंबई बम काण्ड उसी की कोख से निकला।
देश के दीर्घकाली कांग्रेस शासन में आये दिन मुरादाबाद ,कानपूर ,बरेली ,अलीगढ ,मेरठ के दंगे देखे हैं इस भारत देश ने। बिहार चुनाव के मौके पर ये हम सबकी अम्मा वो नफरत न फैलाएं वोट के नाम पर जो ये इटली से लेकर आईं हैं। इसी में देश हित है।
कांग्रेस से ज़्यादा शायद ही कोई और जानता हो
कटु सत्य क्या है हसमत आलम साहब ये गूगल बाबा से पूछिए -सही सही बतलायेगा की भगलपुर के हिन्दू मुस्लिम खूनी दंगे ये जो इटली से नफरत लेकर आई है इसकी सास ने करवाये थे उससे भी पहले इनकी सास के बाप ने १९४७ के रूह को कंपाने वाले हिन्दु मुस्लिम दंगे करवाये थे। आये दिन तब शिया -सुन्नी दंगे होते थे। बेहद का तनाव होता था चेहल्लुम और मुहर्रम पर। हमारा बचपन हुज़ूर मेरठ और अलीगढ के बीच बसे बुलंदशहर में बीता है जो इन दंगों से "चार यार " इबादतगाह की वजह से बच जाता था।
ये तो भला हो बाजपेयी जी का उनकी लखनऊ से नुमाइंदगी का -शिया सुन्नी दंगे बंद हो गए।
कसर मायनो के पति ने भी न छोड़ी थी अयोध्या में शिलान्यास करवा के अयोध्या में राममंदिर के पट खोलकर। बाबरी विध्वंश और मुंबई बम काण्ड उसी की कोख से निकला।
देश के दीर्घकाली कांग्रेस शासन में आये दिन मुरादाबाद ,कानपूर ,बरेली ,अलीगढ ,मेरठ के दंगे देखे हैं इस भारत देश ने। बिहार चुनाव के मौके पर ये हम सबकी अम्मा वो नफरत न फैलाएं वोट के नाम पर जो ये इटली से लेकर आईं हैं। इसी में देश हित है।
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