फूटा भांडा चुनावी चौराहे पर
नीतीश के एक मंत्री का स्ट्रिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते पकड़े जाना कोई आश्चर्य का विषय नहीं है चारा ख्याति के लालू का रंग तो चढ़ना ही था। अब मित्रता धर्म निभाओ। यहां इस स्ट्रिंग ऑपरेशन में विशेष बात यह है की स्ट्रिंग का ग्रास बने नीतीश मंत्रिमंडल के अवधेष कुशवाह ने नीतीश के प्रति पूर्णसमर्पण (शरणागति )का ज़िक्र किया हैं।उन्होंने पूरी निष्ठा से कहा है: हमने वही किया है जो हमारे नेता नीतीश का संकेत था।
भारत धर्मी समाज कुशवाह के इस बलिदान को कभी भी नहीं भूलेगा जहां उन्होंने पन्ना दाई बनकर अपने नेता के प्रति निष्ठा दिखलाई है खुद बदनामी मोल लेके दोहराया है हम आगे भी वही करेंगे जो हमारे नेता नीतीश चाहेंगेवहीँ दूसरी ओर बिहार चुनाव को दिशा दे दी है वोटर का काम आसान कर दिया है: वह मलमूत्र के भांडे महागठबंदन नहीं महाठगबंधन के साथ जाए या मोदी के विकास के अमृत कलश के साथ।
मुद्दा कुशवाहा नहीं हैं मुद्दा नीतीश हैं जिनका पतन सेकुलर राग अलापने के साथ बिहार में शुरू हुआ। वरना अच्छा खासा काम कर रहे थे। जब प्रभु संकट देते हैं तो पहले दुष्ट की मत हर लेते हैं। रही सही कसर लालू की मित्रता ने पूरी कर दी। महागठबंधन के नाम पर महाठगबंधन बना बैठे। कितने शर्म की बात है मलमूत्र का भांडा बीच चुनावी चौराहे पर फूट गया।
In a big embarrassment for the Nitish Kumar government a day before the first phase of Bihar polls, a sting video surfaced on Sunday showing senior ministerAwadhesh Prasad Kushwahapurportedly accepting bribe after which he resigned.
नीतीश के एक मंत्री का स्ट्रिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते पकड़े जाना कोई आश्चर्य का विषय नहीं है चारा ख्याति के लालू का रंग तो चढ़ना ही था। अब मित्रता धर्म निभाओ। यहां इस स्ट्रिंग ऑपरेशन में विशेष बात यह है की स्ट्रिंग का ग्रास बने नीतीश मंत्रिमंडल के अवधेष कुशवाह ने नीतीश के प्रति पूर्णसमर्पण (शरणागति )का ज़िक्र किया हैं।उन्होंने पूरी निष्ठा से कहा है: हमने वही किया है जो हमारे नेता नीतीश का संकेत था।
भारत धर्मी समाज कुशवाह के इस बलिदान को कभी भी नहीं भूलेगा जहां उन्होंने पन्ना दाई बनकर अपने नेता के प्रति निष्ठा दिखलाई है खुद बदनामी मोल लेके दोहराया है हम आगे भी वही करेंगे जो हमारे नेता नीतीश चाहेंगेवहीँ दूसरी ओर बिहार चुनाव को दिशा दे दी है वोटर का काम आसान कर दिया है: वह मलमूत्र के भांडे महागठबंदन नहीं महाठगबंधन के साथ जाए या मोदी के विकास के अमृत कलश के साथ।
मुद्दा कुशवाहा नहीं हैं मुद्दा नीतीश हैं जिनका पतन सेकुलर राग अलापने के साथ बिहार में शुरू हुआ। वरना अच्छा खासा काम कर रहे थे। जब प्रभु संकट देते हैं तो पहले दुष्ट की मत हर लेते हैं। रही सही कसर लालू की मित्रता ने पूरी कर दी। महागठबंधन के नाम पर महाठगबंधन बना बैठे। कितने शर्म की बात है मलमूत्र का भांडा बीच चुनावी चौराहे पर फूट गया।
In a big embarrassment for the Nitish Kumar government a day before the first phase of Bihar polls, a sting video surfaced on Sunday showing senior ministerAwadhesh Prasad Kushwahapurportedly accepting bribe after which he resigned.
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुंदर रचना की प्रस्तुति। मेरे ब्लाग पर आपका स्वागत है।
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