मंगलवार, 3 जुलाई 2012

असल बात है जीना .शायद sexual fluidity का मतलब भी यही है .सेक्स को जीना ,भोगना .


 Living Well • Relationships • Sex
क्या उसे अभी भी 'गे का तमगा दिया जाए जबकि वह एक महिला के प्रति आकृष्ठ है उससे मैथुन रत होने को आतुर है .यौन आकर्षण से बींधा जा  चुका है इस महिला  के ?

और उस विषम लिंगी को क्या कहिएगा जो एक अन्य पुरुष के ही प्रति यौन आकर्षण से बिंध गया है .क्या उसे अभी भी STRAIGHT कहिएगा ,मानिएगा ?


सहज मान्य और कमोबेश  स्वीकृत है महिलाओं के लिए रूमानी रिश्ते .रूमानियत ,भावुकता पूर्ण और प्रेमोद्दीपक प्रेम 
प्रदर्शन , अपनी हम उम्र सहेली के साथ और अभी अपने पुरुष मित्र के साथ भी .

मेल sexual fluidity  अभी अस्पष्ट ही बनी हुई है अपरिभाषित है फिर भी यह कई महिलाओं और कई पुरुषों के दिलो दिमाग पे हावी है .यौन माहिरों का यही कहना है .खासा वजन  दिया जाता है मेल फ़्लुइदिति को .


यौन माहिरों के पास ऐसी कितनी ही महिलाए पहुँच रहीं हैं जिन्हें शिकायत है उनका प्रेमी (पति या बॉय फ्रेंड )गे सेक्स पोर्न से कई मर्तबा चिपका मिलता है .

आखिर क्यों दिलचस्पी लेता है गे सेक्स में विषम लिंगी पुरुष (स्ट्रेट मेन 
)?

मनो -चिकित्सा सलाहकारों के अनुसार यौन उत्तेजन का ज़रिया बनता है कई मर्तबा गे सेक्स पोर्न .बस इसके आगे इसका कोई मतलब नहीं होता .


ठीक ऐसे ही कई मर्तबा गे मेन को भी विषम लिंगी मैथुन देखने  से यौन उत्तेजन मिलता है .लेकिन इसका मतलब गे मैन का स्ट्रेट होना नहीं है .

ठीक ऐसे ही कई स्ट्रेट पुरुषों को कई मर्तबा औत्सुक्य होता है गे सेक्स को एक्शन में देखने का लेकिन इसका मतलब यह नहीं है वह किसी पुरुष के साथ खुद भी यौन क्रिया में रत होना चाहतें हैं .

उनके लिए यह एक anatomy lesson लेने जैसा ही है बस .इसके आगे कुछ नहीं .


क्या कहतें हैं इस बाबत "A Billion Wicked Thoughts " के लेखक स्नायुविक विज्ञान के माहिर  (न्यूरो -साइंसदान )डॉ .ओगी ओगस :

तकरीबन एक अरब इंटर नेट से और इतर स्रोतों से आंकड़े खंगालने के बाद हमें बा -मुश्किल 2%लोग ही गे पोर्न और स्ट्रेट पोर्न खंगालते हुए मिले हैं जबकि इन्हें अक्सर लार्ज पेनिसिज़ (आकार में बड़े लिंगों )की छवियाँ उतनी ही मर्तबा निहारते देखा गया है जितना ये योनियों की छवियाँ इन साइटों पर देखते हैं .


इसलिए यह बहुत मुमकिन है यह अपना लैंगिक मिलान देखी  गई छवियों से कर रहें हों .ज़रूरी नहीं हैं यह गे सेक्स चाहतें हों .

नै फेंतेसीज़ की तलाश में हो सकतें हैं ये मर्दुए

हेवी पोर्न के लती लोग गे सेक्स देख कर अपने को स्ट्रेट सेक्स के लिए तैयार होता कामातुर देखना चाहतें हैं .


अपनी पोर्न देखने  की क्षमता को भी पोर्न टोलरेंस को भी हो सकता है यह लोग बढ़ाना चाहतें हों .परखना चाहतें हों .


टी वी चैनल्स की ही तरह सर्फ़ करतें हैं कुछ पुरुष पोर्न साइटों को ,रुकते सिर्फ वहीँ हैं जहां मन करे या दृश्य रतिकता भाए लुभाए तो रुक्तें हैं  वरना यूं ही आगे बढ़ जाते हैं एक पोर्न साईट से दूसरी पर .


यहाँ प्रमुख ध्यान का केंद्र सेक्स एक्ट है न की जेंडर.


“Straight men may go to Craigslist and get turned on by the descriptions of sexual acts with other men, but aren’t actually turned on by the men themselves,” he explains. “This is what separates ‘mostly’ straight men from gay men.”


जो हो हम जिस समाज में  हम  रहतें हैं उसमे MALE SEXUAL FLUIDITY फिलवक्त   कम ही स्वीकार्य है .


अवधारणा है क्या MALE SEXUAL FLUIDITY की ?


माहिरों के अनुसार यौन रुझान आनुवंशिक न होकर चयन से ज्यादा ताल्लुक रखता है लेकिन गे समुदाय इस अवधारणा से खफा है उसे  स्वीकार्य नहीं है यह छूट .


लेकिन महिलाओं को छूट है यौन कल्पना लोक बुनने की और यथार्थ में भी उसे जीने की .


पुरुष पे ऐसा करते ही ठप्पा  लग सकता है गे होने का .


पुरुष पे दवाब रहता है यह बताने का की वह गे है या स्ट्रेट (विषम लिंगी ).



हालिया अध्ययन इस रुख को बदल सकतें हैं .जैविक मनोविज्ञान नामक विज्ञान पत्रिका (BIOLOGICAL PSYCHOLOGY)  में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कुछ पुरुषों ने कहा बतलाया है  :

उन्हें बराबर यौन उत्तेजन मिलता है पुरुषों से भी महिलाओं से भी वह हकीकत में Bisexual हैं .अब तक बाई -सेक्सुअलिटी को लेकर कोई ऐसा अध्ययन सामने नहीं आया था .


नै पीढियां इस परि-दृश्य को पूरी तरह बदलके समान  स्वीकृति दिलवा सकती है पुरुष और महिला sexual fluidity को .

नै पीढ़ी लेबलिंग (ठप्पा लगवाना )ना -पसंद करती है .गे ,बाई -सेक्सुअल ,लेस्बियन ,स्ट्रेट में ,मोस्टली स्ट्रेट भी जुड़ गया है .मनो -रोगों में भी खुला खेल फरुख्खाबादी है वहां भी लेबलिंग नहीं की जाती है .

असल बात है जीना .शायद sexual fluidity का मतलब भी यही है .सेक्स को जीना ,भोगना .






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7 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

aabhaar bhai ji |

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अपने से बाहर नयापन तलाशते ये लोग..

अशोक सलूजा ने कहा…

नई पौध ,,की नई समस्या ....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कितनी समस्याए हैं ज़माने में आज इस विषय कों ले के .... या ऐसे कहो की इन समस्याओं कों भी आज तवज्जो दी जा रही है ...
खैर जो भी है ... अपनी तो राम राम है ...

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

नई उमर की नई फसल,,,,
,
MY RECENT POST...:चाय....

Arvind Mishra ने कहा…

फांट बहुत छोटे हैं ...मसला बड़ा रोचक है मगर अभी अनुसन्धानगत ही लगता है ..
आपकी नजार भी कमला की है कहाँ कहाँ पहुँचती रहती है :-)

संजय भास्‍कर ने कहा…

राम राम सर जी
नई - नई समस्या
नई नई जानकारी