गुरुवार, 12 जुलाई 2012

घर का वैद्य न बनें बच्चों के मामले में

घर का वैद्य न बनें बच्चों के मामले में 




 रविकर फैजाबादी 
माहिर बनते जा रहे, नव-दंपत्ति महान |
रविकर बामुश्किल हुई, एक अदद संतान |
एक अदद संतान, अगर सर्दी-ज्वर आता |
खोल मेडिसिन बॉक्स, रिस्क पर सिरप पिलाता |
बच्चा मारक कष्ट, नहीं गर करता जाहिर |
ऐंठन,मूर्छा, मृत्यु, कहें हो सकती माहिर ||

dheerendra 
बच्चे यदि बीमार हों, डाक्टर लें बुलाय
सावधानी बरते सदा, उनसे लेय सलाह,,,,,,,, 



भारत में कई पढ़े लिखे जानकार लोग इशेंशियल मेडिसन बोक्स रखतें हैं .उसमे अकसर एंटी -हिस्टा-मिनिक (एलर्जी से बचाने वाली ,प्र्त्युर्जा रोधी )दवाएं भी होतीं हैं एनाल्जेसिक्स (दर्द हर ,पीड़ा नाशी )भी .एंटी -पाय -रेटिक(ज्वर नाशी ,टेम्प -रेचर रोधी )भी होतीं हैं एंटी -बायोटिक भी .कोल्ड कफ सिरप (सीरप )तो होतें ही हैं .

दिक्कत यह है ये दवाएं बिना पूछे गछे बिना पूरी जानकारी के नौनिहालों को भी दे दी जातीं हैं .

अकसर माँ बाप इस बात से वाकिफ नहीं होतें हैं कि उनके नौनिहालों को आम सर्दी जुकाम ,कोमन कोल्ड में क्या दिया जाए ?कौन सी दवा दी जाए .खासकर सूत्रण(फोर्म्युलेशन ) से ,पूरे नुश्खे से ,दवा के विभिन्न घटकों से ये वाकिफ नहीं होतें हैं .

उनके दिमाग में जो एक बात सबसे ज्यादा जगह बना लेती है वह यह होती है उनका लाडला कष्ट  में है ,बड़ा दयनीय लग रहा है उसे कैसे भी राहत पहुंचाई जाए .

माहिरों के अनुसार ऐसे में क्या किया जाए ?

सेलाइन नेज़ल ड्रोप्स (नाक में टपकाने वाली सेलाइन बूँदें ) दी जाएं ,साथ ही नाक से तरल द्रव (म्यूक्स )को बल्ब सिरिंज से खींच लिया जाए .सावधानी पूर्वक .

अब यदि लक्षणों की उग्रता बरकरार दिखती है कुछ फायदा होता नहीं दिखता तब आपको अपने फेमिली डॉ से सम्पर्क करना चाहिए .

क्या सिफारिश है इस बाबत अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था ऍफ़ ड़ी ए की ?

चार साल से नीचे  के नौनिहालों को बिना नुस्खे  के उपलब्ध 'ओवर दी काउंटर ड्रग्स 'OTC (सर्दी जुकाम में प्रयुक्त दवाएं )न दी जाएं .

लेकिन आप जानते हैं कई माँ बाप ऐसा करतें हैं .

सवाल यह भी है ये दवाएं क्यों न दी जाएं चार साल से कम उम्र बालकों को ?

माहिरों  के अनुसार कफ और कोल्ड में इस्तेमाल होने वाली OTC दवाओं  के घातक पार्श्व प्रभाव सामने आ सकतें हैं  जो आपके अनजाने आपके ही हाथों आपके लाडले को भुगतने पड़ सकते हैं .

खासकर जब इनकी  उम्र के अनुरूप सिफारिश की गई डोज़ से ज्यादा दवा दे दी जाए तब .

जब यह दवा बार बार दे दी जाए .

एक ही घटक वाले अलग अलग नुस्खे एक ही साथ  दे दिए जाएं .

पार्श्व प्रभावों में -

(१)Convulsions (ज़ोरदार एंठन ,मरोड़ ,दौरा ,),a sudden violent movement of the body that you can not control .

(2)Rapid heart rate (दिल की धुक धुक का ,धौकनी का तेज़ चलना ,हो जाना तेज़ लुब डुब साउंड का होना )

(3)Decreased level of consciousness (मूर्छा जैसी स्थिति ),यहाँ तक के मृत्यु भी हो सकती है इस हालत में .

माहिरों के अनुसार सर्दी जुकाम की आम बिना नुस्खा  दवाएं बीमारी की अवधि को न तो कम  कर सकतीं हैं और न बीमारी को ठीक .

केवल लक्षणों की उग्रता ,बच्चे की बे -चैनी को कम कर सकतीं हैं .बच्चा अलबत्ता  ठीक से सो ज़रूर सकता है इन दवाओं के सहारे .लेकिन यह नींद ला -परवाई बरतने पर महंगी भी पड़ सकती है .

अलबत्ता माहिरों के अनुसार ऍफ़ डी ए की सिफारिशों पे चलना ज़रूरी और समझदारी का काम है .

(१)नुस्खें में शामिल सभी घटकों की पड़ताल की जाए खासकर तब जब  आप एक से ज्यादा ऐसी दवाएं दे रहें हों .ताकि एक घटक निर्धारित से ज्यादा मात्रा में शरीर में दाखिल न हो सके .बच्चे के प्रति -किलोग्राम तौल के हिसाब से खुराक का निर्धारण किया गया है माहिरों के द्वारा .

(२)केवल दवा के साथ आई चम्मच ,कप ,का ही माप  के लिए इस्तेमाल किया जाए . निर्धारित खुराक ही नियम निष्ठ होकर दी जाए .

(३)बच्चा सो जाएगा सिर्फ इस खातिर इन दवाओं ,सूत्रणोंका इस्तेमाल न करें .

(४) आपने कई माँ बाप को ऐसा अदबदा के करते देखा होगा (अरे भई दे दो ,दे दो ,सो जाएगा ,सो जाएगा तो तबियत ठीक हो जाएगी ).

इन दवाओं के बारे में किसी भी शंका का समाधान करने लिए काया चिकित्सक से अपने पारिवारिक डॉ से पूछें .

सन्दर्भ -सामिग्री :-

meet your pharmacist 

(Did you know ?)

According to the CDC ,asthma drugs are the most common prescriptions for children 11 and under.

With Kids and Medication ,It's Safety First

Michelle Jackson,R.Ph.,Staff Pharmacist Sam;s Club,8252,Charleston ,S.C./Healthy Living Made Simple/july /august 2012,P58.

11 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

ज़रूरी है कि सावधानी बरती जाये.....

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत काम की जानकारी है। धन्यवाद।

रविकर ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
रविकर ने कहा…

माहिर बनते जा रहे, नव-दंपत्ति महान |
रविकर बामुश्किल हुई, एक अदद संतान |
एक अदद संतान, अगर सर्दी-ज्वर आता |
खोल मेडिसिन बॉक्स, रिस्क पर सिरप पिलाता |
बच्चा मारक कष्ट, नहीं गर करता जाहिर |
ऐंठन,मूर्छा, मृत्यु, कहें हो सकती माहिर ||

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बहुत सही फ़रमाया वीरुभाई जी . स्वयं या अपने बच्चों का इलाज करने में तो डॉक्टर्स भी घबराते हैं .

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बच्चे यदि बीमार हों, डाक्टर लें बुलाय
सावधानी बरते सदा, उनसे लेय सलाह,,,,,,,,

RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...

Asha Lata Saxena ने कहा…

यदि सावधानी नहीं बरती तो बीमारी लाइलाज हो जाती है इसी लिए डक्टर के पास जाना भी जरूरी है |
आशा

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

Sahi kaha aapne.

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’बीमार बनाते हैं खूबसूरत चेहरे!’

लोकेन्द्र सिंह ने कहा…

अभी अभी पिता बना हूँ... आपकी चेतावनी का ध्यान रखूँगा...

कुमार राधारमण ने कहा…

बड़ी गरीबी है देश में। दवाओं के साईड-इफेक्ट हैं,सो अलग।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सबके लिये ही सही और समुचित सलाह..