मंगलवार, 24 जुलाई 2012

सेहत से जुडी है हमारे सौंदर्य की नव्ज़

सेहत से जुडी है हमारे सौंदर्य की नव्ज़ 


नुसखे  सेहत के 


Don;t Just Age Gracefully -Age beautifully


हर औरत को यह हक़ है वह खुद को सुन्दर महसूस करे .लेकिन जैसे जैसे हम उम्र दराज़ होते जातें हैं इस एहसास को बनाए रखने में ,सुन्दर बने रहने में ,ज्यादा एहतियात, ज्यादा तवज्जो की ज़रुरत पेश आने लगती है .


हालाकि कुछ मायनों में यह अच्छी खबर हो सकती है आम औ ख़ास के लिए जो अकसर  एक उम्र के बाद इस ओर  से लापरवाह बने रहतें हैं .


लेकिन यदि समय रहतें यह खबर बूझ हो जाए की सौन्दर्य का सम्बन्ध सेहत से है हर व्यक्ति खुद को सबसे खूबसूरत बनाने की और कदम बढ़ा ले .एक पहल कर ले .


बुनियादी बातों से शुरू होती है यह दास्ताने सेहत या खूबसूरती की इबारत 


पर्याप्त नींद लें 


   नेशनल स्लीप फ़ौंडेशन के मुताबिक़ ज्यादा तर सभी वयस्कों को सात घंटा  निर्बाध नींद चाहिए .


तभी वह दैनिक जीवन में अपना सर्वोत्तम योगदान दे सकतें हैं .बेशक हर व्यक्ति दूसरे  से जुदा है अलग शख्शियत और ज़रूरीयात लिए है .


खुद जायजा लेके देखें कितनी  नींद लेने के बाद आपका मन दिलो दिमाग मूड और एनर्जी लेवल आपकी ऊर्जस्विता का स्तर क्या रहता है .कितनी रहती है आपकी दक्षता ?




फाउनडेशन    की सभी के लिए एक ही सिफारिश है :


सोने का समय निर्धारित करें और नियन निष्ठ होकर उस पर चलें 24x7 .सप्ताहांत में भी सोने के समय के साथ छेड़छाड़ न हो .


सोने के समय को एक अनुष्ठान से जोड़े रखिये एक कर्मकांड एक संस्कार बनाइये .


लब्बोलुआब यह है मन भर के सोइए 


Get enough sleep.


परिवार संयुक्त हो या एकल औरतों को स्वाभाविक निगरानी करता माना समझा जाता है .इनकी अपनी ज़रूरियातें परिवार के अन्य  सदस्यों की सुविधा का ध्यान रखते रखते शेष सभी के बरक्स हाशिये पे खिसक आतीं हैं .


इस रवैये के औरत की खुद की सेहत और उससे जुड़े उसके रखरखाव और सौन्दर्य पर उलटे विपरीत  प्रभाव ही  पड़ते हैं .


सब कुछ कर लूं यह नीयत और रवैया औरत को थका के निचोड़ देता है उसकी ऊर्जस्विता को. एनर्जी लेविल ऐसे में  चुक जाता है .


तथ्य यह भी है न, इस थके हाल में कोई भी महिला परिवार को अपना सर्वोत्तम योगदान भी नहीं दे सकती .


कमसे कम अपना सोने का समय असर ग्रस्त न होने दें  घरेलू  संभाल में .


अपने सोने के समय  के साथ आज समझौता न कीजिये .कोई अपराध बोध भी इसके प्रति न रखें आनंद लें तसल्ली से सोयें किसी से मुआफी मांगने की इस एवज ज़रुरत नहीं होनी चाहिए .


Exercise


  व्यायाम आपका तन और मन संवारता है गढ़ता है आंतरिक और कायिक सौन्दर्य के सौपान 


आपकी  मिजाज़ पुरसी करता है व्यायाम .गुरुत्व से मुकाबला करता है आपके चित्त को दुरुस्त बनाए रहता है .


त्वचा को कान्तिमान फ्लेग्ज़िबिल और इलास्टिक  बनाए रहता है अस्थियों की हिफाज़त करता है .




शौक रहे मजबूरी या नैत्यिक कर्म नहीं व्यायाम :.दिन का यह आपके लिए सबसे खूबसूरत और मनमाफिक वक्त रहे .आप प्रतीक्षा करें इस वक्त की रोज़ कुछ नया करें .सहेलियों के साथ मिलके करें रोज़ नए नए व्यायाम .


रनिंग ,टेनिस ,किक्बोक्सिंग कुछ भी आपका शौक हो सकता है .


जुम्बा और बेली डांसिंग भी .सब कुछ बहुत उम्दा है यह आपके लिए .


विशेष :


कैसा भी व्यायाम शुरू करने से पूर्व अपने पारिवारिक डॉ से अपने माहिर से पूछें ज़रूर 


Pay attention to nutrition .


जैसा अन्न वैसा मन .


you become what you eat .you are what you eat .


यह बात पचासा पार करने से पहले ठीक से समझ आजानी चाहिए 


अपचयन (चयअपचय )Metabolism  मंदी पड जाती है उम्र के साथ .इसीलिए अब केलोरीज पे लगाम लगाना और भी ज़रूरी हो जाता है .


अधिकाधिक मोटे अनाज ,कच्ची   चीज़ें (रा वेजिटेबिल्स ) और खुराक में विविधता लाने का यही उपयुक्त दौर है .


सामन मच्छी  ,अलसी के बीज ,राजमा आदि से या फिर फिश आइल सप्लीमेंट्स (सेविन सीज ,SEACOD,COD LIVER CAPSULES )आदि से अधिकाधिक ओमेगा -थ्री फेटि एसिड्स प्राप्त करें .


ओमेगा थ्री आपकी त्वचा के लिए भी टोनिक है त्वचा को हेल्दी बनाए रहता है .हृदय और रक्त वाहिकाओं की सेहत को दुरुस्त रखता है .


मन बुद्धि को कुशाग्र बनाता है .


आपके सोच सोचने का तरीका  आपका माइंड सेट भी ताल्लुक रखता है आपकी सेहत से आपका आत्मविश्वास भी .यही आत्मविश्वास नूर बनके मुखरित होता है .


हमारे दिमाग में मौजूद रहतें हैं "मिरर न्युरोंस "यह वैसी ही और उसी के अनुरूप अनुक्रिया करने लगतें  हैं जैसा हम औरों को करते देखतें हैं .


हमारे संवेग आवेग भी छूतहा होतें हैं .यदि आप खुद को सुन्दर मानते हैं अपनी खूबसूरती में यकीन रखतें हैं उसी के अनुरूप काम भी करते हैं , तब दूसरे  भी आप पर भरोसा रखतें हैं आपको खूबसूरत मानने लगतें  हैं .


यदि स्थिति इसके विपरीत है यानी आप खुद की खूबसूरती में यकीन ही नहीं रखते खुद को सुन्दर ही नहीं मानते तब दूसरे  भी आपके बारे में ये ही राय रखने लगतें हैं .


किसी भी उम्र में खूबसूरती का राज है खूबसूरत सोच रखना .


Eva Ritvo ,M.D.,is a psychiatrist practicing in Miami Beach ,Fla ,and an associate professor ,voluntary faculty,in the Department of psychiatry and Behavioral Sciences ,University of Miami Miller School of Medicine.


She is also the co -author of The Beauty Prescription.


क्या कहतीं हैं आप इस किताब में 


Aging beautifully also requires the right mindset .Our brains contain "mirror neurons",which fire in response to what we see others doing.In other words ,emotions are contagious .If you think you are beautiful and act accordingly ,others will believe it ,too.If you think you are not beautiful ,others will likely agree with you.Beauty at any age comes from thinking beautifully.


कुछ महिलायें खूबसूरत एहसास खूबसूरत महसूस करने नके लिए व्यायाम करतीं हैं कुछ और इसके लिए सलून की और चली आतीं हैं तो कुछ नए कपडे खरीद लेतीं हैं .


कुछ को खूबसूरती अपने परिवेश में नजर आती है .


बुनियादी बात क्या है 


स्वास्थ्यकर जीवन शैली में निवेश करें उम्र के इस सौपान में 


Growing older beautifully means investing in the healthiest lifestyle possible -in body and in mind.


Self -confidence makes some women more beautiful with each passing year ,like roses slowly opening .Be one of them.


सन्दर्भ -सामिग्री :-


Lifestyle 


the well women /Sam's Club July/August 2012,p28












































5 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

एक सौन्दर्य पारखी से सौन्दर्य -अनुरक्षण पर ऐसी पोस्ट की ही उम्मीद थी ....
वैसे कभी पुरुषों के सौन्दर्य पर भी कृपा दृष्टि हो जाय :-)

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जीवन बीते जाने का अधैर्य ही चेहरे की झुर्रियाँ ले आता है

निर्मला कपिला ने कहा…

प्रवीण जी शायद सही कह रहे हैं।

Sunil Kumar ने कहा…

सार्थक पोस्ट जानकारी सहित आभार

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

waah acchi lagi aapki jankari....